लुधियाना: मज़दूर-नौजवान संगठनों द्वारा कमरतोड़ महँगाई के खिलाफ रोष-प्रदर्शन

वेतन-दिहाड़ी-पीसरेट में बढ़ोतरी, सभी मेहनतकशों को राशन कार्ड पर सारी राशन सामग्री उपलब्ध कराने, मेहनतकश जनता पर लगाए सभी टेक्स रद्द करने आदि की माँग हुई।

लुधियाना (पंजाब)। आज 29 जुलाई को टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन, कारखाना मज़दूर यूनियन, नौजवान भारत सभा और पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल) द्वारा लुधियाना के डिप्टी कमीश्नर कार्यालय पर रोष-प्रदर्शन करके केंद्र और पंजाब सरकार से बढ़ती महँगाई पर लागाम लगाने की माँग की गई।

मज़दूर-नौजवान संगठनों ने डीसी कार्यालय लुधियाना के जरिए केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की भगवंत मान सरकार को भेजे गए माँग पत्र में माँग की है कि सरकार बढ़ती महँगाई पर लागाम लगाने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए, मेहनतकश जनता पर लगाए गए सभी टैक्स रद्द किए जाएँ, पूँजीपति वर्ग पर भारी टैक्स लगाए जाएँ, मज़दूरों के वेतन/दिहाड़ी/पीसरेट में बढ़ोतरी की जाए, न्यूनतम वेतन 25 हज़ार किया जाए और दिहाड़ी/पीसरेट इसी अनुसार बढ़ाया जाए, सभी मेहनतकशों के राशन कार्ड बनाए जाएँ और राशन की सारी वस्तुएं राशन कार्ड पर दी जाएँ, सभी बेरोज़गारों को रोज़गार दिया जाए, रोज़गार ना मिलने की हालत में बेरोज़गारी भत्ता दिया जाए, सारी मेहनतकश आबादी के लिए सरकार द्वारा शिक्षा, दवा-इलाज़, बिजली और परिवहन की सुविधा की जाए।

रोष-प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि मेहनतकश जनता पर महँगाई की मार इतनी तेज़ है कि खाते-पीते मध्यम वर्ग का भी बुरा हाल हो गया है। तेज़ी से बढ़ती महँगाई का साफ़-स्पष्ट कारण केंद्र और राज्य सरकारों की देशी-विदेशी पूँजीपतियों के पक्ष में लागू की जा रही घोर जनविरोधी नीतियाँ हैं और पूँजीपति वर्ग की मुनाफे की अंतहीण भूख है।

वैश्वीकरण, उदारीकरण, निजीकरण की सरकार द्वारा लगातार तेज़ी से लागू की जा रही नीतियों से पूँजीपतियों को फायदा हुआ है और जनता का कचूमर निकल गया है। जनता पर भारी टैक्सों का बोझ डाला गया है जबकि ज़रूरत है कि देशी-विदेशी पूँजीपतियों पर भारी टैक्स लगाए जाएँ।

वक्ताओं ने कहा कि सरकारी खज़ाने से जनता को मिलने वाली सुविधाएँ, सबसिडी पर लगातार कटौती की जा रही है लेकिन दूसरी ओर पूँजीपतियों को आर्थिक पैकेज़, औद्योगिक और खेती क्षेत्र के पूँजीपति वर्ग को सस्ती और मुफ़त बिजली, कर्ज माफी, कौड़ियों को दाम पर सरकारी संस्थाएँ, ज़मीन और अन्य संस्थाएँ खुले हाथों लुटाई जा रही है।

वक्ताओं ने कहा कि अगर पूँजीपति वर्ग को सरकारी खज़ाने लुटाना बंद किया जाए, उन पर भारी टैक्स लगाए जाएँ, मेहनतकश जनता पर लगाए जाने वाले सभी टैक्स रद्द कर दिए जाएँ, सरकार द्वारा जनता की सारी बुनियादी ज़रूरतें पूरा की जाएँ, मज़दूरों के वेतन में बढ़ोतरी हो तो जनता को महँगाई की मार से बचाया जा सकता है।

रोष-प्रदर्शन को टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर, सचिव जगदीश, कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर, सचिव कल्पना, नौजवान भारत सभा के तरुन, ऋषि, पेंडू मज़दूर यूनियन (मशाल) की ओर से जगसीर ने संबोधित किया।

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