हिमाचल: पुरानी पेंशन बहाली के लिए हुई वार्ता बेनतीजा; कोई अन्य विकल्प मंजूर नहीं

विरोध होगा तेज! विधानसभा के मानसून सत्र में एनपीएस कर्मचारी रैली निकालेंगे। सरकार ने अगर पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की तो विरोध रैली होगी, अन्यथा धन्यवाद रैली की जाएगी।

पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद अब हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। सरकारी कर्मचारी पेशन को दोबारा लागू करने पर डटे हुए हैं और कोई अन्य विकल्प उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार को आंदोलन की भी चेतावनी दी है और कहा है कि अगर मानसून सत्र से पहले इसे लागू नहीं किया गया तो रैली निकालेंगे।

सोमवार को हिमाचल कर्मचारी और अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा की अध्यक्षता में सचिवालय परिसर में हुई बैठक बेनतीजा रही। नई पेंशन योजना से जुड़े कर्मचारी संघ के नेताओं ने दोटूक कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में एनपीएस कर्मचारी रैली निकालेंगे।

नई पेंशन योजना से जुड़े कर्मचारी संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में एनपीएस कर्मचारी रैली निकालेंगे। सरकार ने अगर पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की तो विरोध रैली होगी, अन्यथा धन्यवाद रैली की जाएगी।

सरकारी विभागों के डेढ़ लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर आंदोलित हैं। संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने बैठक के बाद कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन ही चाहिए। किसी अन्य विकल्प पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।

24 जुलाई को एनपीएस संघ, शिक्षकों, प्रोफेसरों और कर्मचारियों द्वारा संकल्प रैली निकालने के बाद अब कर्मचारियों ने आंदोलन की तैयारी की है।

दरअसल, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद अब अलग अलग राज्यों में भी इस मांग ने जोर पकड़ रखा है। उत्तराखंड और पंजाब के बाद अब हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज हो चली है और कर्मचारी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।

दरअसल, 2004 तक देश व प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले हर एक कर्मचारी को पेंशन मिलती थी, लेकिन 2004 के बाद ओपीएस को बंद कर दिया गया, ऐसे में हिमाचल प्रदेश में फिर पुरानी पेंशन दोबारा लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारी लामबंद होने लगे है।

नेताओं का कहना है कि सरकार अभी तक 7000 करोड़ धनराशि कंपनी को दे चुकी है। अगर सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देती है तो दो हजार करोड़ खर्च करने होंगे। इस तरह से सरकार 5,500 करोड़ बचा सकेगी। नई पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए घातक है।

कर्मचारियों से नई पेंशन के नाम पर काटी जा रही राशि में से 40 फीसदी राशि कंपनी के पास जमा रहेगी और कर्मचारियों को पेंशन भी कम मिलेगी। बैठक में संघ के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ जिलों के प्रतिनिधि और हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर भी मौजूद रहे। 

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