बिजली आंदोलन पर पुलिस के दमन के खिलाफ 14 जून को जन आक्रोश सभा भादरा, राजस्थान में

स्थाई शुल्क हटाने व 300 यूनिट बिजली हर महीने निशुल्क करने की मांग के साथ संघर्ष समिति ने कहा कि पुलिसिया दमन से इलाके की जनता, प्रशासन और वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार से नाराज़ है।

भादरा, हनुमानगढ़ (राजस्थान)। पिछले 3 सालों से इलाके की मेंहनतकश जनता बिजली बिलों में मनमानी लूट, स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क, फ्यूल सरचार्ज समेत अन्य गैरवाजिब शुल्क, ख़राब व तेज़ चलने वाले मीटरों में बदलाव, बिजली विभाग के निजिकरण पर रोक, कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने, बिजली अधिनियम 2020 ख़ारिज करने और प्रत्येक परिवार को 300 यूनिट बिजली निशुल्क की मांगों को लेकर बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति की अगुवाई में जुझारू संघर्ष चल रहा है।

पिछली 28 मई को सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा तीन साल से जारी आंदोलन को निराधार बताते हुए, नेठराना में भारी मात्रा में पुलिस बल और बिजली विभाग के अधिकारियों और एसडीएम के साथ आम जनता के बिजली के कनेक्शन जबरन काटे गए। और जनता द्वारा शांतिपूर्वक विरोध करने पर भी संघर्ष समिति के सदस्यों और समर्थन देने आए सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और समिति के 2 सदस्यों पर झूठे मुकदमें लगाए गए।

इसी पुलिसिया दमन से इलाके की जनता, प्रशासन और वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार से नाराज़ है।

आंदोलन पर इस दमन के खिलाफ़ संघर्ष समिति ने 14 जून मंगलवार को सुबह 10 बजे उपखंड कार्यालय भादरा पर जन आक्रोश सभा का आव्हान किया है।

संघर्ष समिति की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आज हमारी मूलभूत जरूरतों में है, और सरकारों का यह दायित्व है कि वे इन जरूरतों को निशुल्क अपने नागरिकों को उपलब्ध करवाएं।

विज्ञप्ति द्वारा नोहर भादरा की आम जनता, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों, नौजवानों आदि से अपील की गई है कि इस आंदोलन को अपने हक की लड़ाई समझ कर आगे बढ़ाएं। चुनावी और विभाजनकारी राजनीति से अलग रखते हुए मेहनतकश जनता का अंदोलन बनाने के लिए सब को एक साथ खड़े रहते हुए सरकार और कॉर्पोरेट के खिलाफ़ एकजुट हो अपने हक – अधिकार की आवाज को बुलंद करना चाहिए।

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