इंटरार्क मज़दूरों की जीत, तालाबंदी अवैध घोषित; 1 जून को नैनीताल में होगा बाल सत्याग्रह

बाल सत्याग्रह के पूर्व, इंटरार्क सिडकुल पंतनगर की तालाबन्दी गैरकानूनी घोषित होने से मज़दूरों में उत्साह बढ़ गया। उधर मज़दूरों ने किच्छा प्लांट से मशीनें ले जाने की कोशिशें नाकाम कर दी।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। श्रम सचिव/उत्तराखंड शासन ने इंटरार्क कंपनी सिडकुल पंतनगर की 16 मार्च 2022 से हुई तालाबन्दी को संस्थान में कार्यरत श्रमिकों के रोजगार को जारी रखने के उद्देश्य से अविधिक/गैरकानूनी घोषित करने का आदेश जारी कर दिया है। बाल सत्याग्रह के ठीक एक दिन पहले आयी यह खुशखबरी बाल सिपाहियो के हौंसले को बुलन्द करने वाली है।

ज्ञात हो कि पिछले 290 दिनों से इन्टरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा के मजदूर कंपनी प्रबंधन द्वारा किए जा रहे मजदूरों के शोषण व उत्पीड़न के विरोध में धरनारत हैं।

इसी क्रम में तय कार्यक्रम के तहत मजदूरों द्वारा कमिश्नर कार्यालय नैनीताल के समक्ष बाल सत्याग्रह के कार्यक्रम का आयोजन 1 जून 2022 को होगा।

इस बीच उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों की अवमानना कर इन्टरार्क प्रबंधन किच्छा में 30 मई को फिर से मशीनें बाहर ले जाने की नाकाम कोशिश कर रहा था, लेकिन मजदूरों की एकजुटता और हौसले ने प्रबंधन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

शासन द्वारा तालाबंदी गैरक़ानूनी घोषित

श्रम सचिव उत्तराखंड शासन द्वारा दिनांक 30 मई 2022 को जारी प्रत्यावेदन निस्तारण में यह साफ उल्लेख किया गया है कि मैं. इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर द्वारा दिनांक 16/03/2022 से की गई तालाबंदी अविधिक है।

आदेश में श्रम आयुक्त उत्तराखंड के हवाले से स्पष्ट किया गया है की सेवायोजक द्वारा श्रमिकों के द्वारा किए जा रहे गो-स्लो को तालाबंदी का आधार माना है जबकि गो-स्लो (कम उत्पादन) होने के संबंध में सेवयोजक द्वारा कोई स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्योंकि कंपनी में औद्योगिक विवाद कायम है और त्रिपक्षीय वार्ता जारी है ऐसे में औद्योगिक संस्थान में तालाबंदी के संबंध में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6-घ की उप धारा (2)(घ) का स्पष्ट उल्लंघन है। गतिमान त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान इंटरार्क में दिनांक 16/03/2022 से तालाबंदी कर दी गई है जो कि अधिनियम की धारा 6 घ के तहत गलत है।

आदेश में उल्लिखित है कि रिट याचिका संख्या 651/एमएस/2022 में माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिनांक 01/04/2022 को पारित आदेश के अनुपालन में इंटरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर द्वारा प्रस्तुत प्रत्यावेदन दिनांक 02/04/2022 के संदर्भ में श्रम आयुक्त उत्तराखंड द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या एवं उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6 घ की उप धारा (2)(घ) में वर्णित प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए संस्थान में कार्यरत श्रमिकों के रोजगार को जारी रखने के उद्देश्य से औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 3 (क) में निहित प्रावधानों के अधीन मैसर्स इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, सिडकुल, पंतनगर द्वारा दिनांक 16/03/2022 से संस्थान में घोषित तालाबंदी एतद्वारा अविधिक (ग़ैरक़ानूनी) घोषित किया जाता है।

1 जून को न्याय के लिए होगा बाल सत्याग्रह

इन्टरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर एवं किच्छा ने बताया कि मजदूर परिवार अपने बच्चों के साथ अपने न्याय के प्रयास में कुमाऊं कमिश्नर नैनीताल में जाएंगे एवं अपनी समस्याओं को ज्ञापन के माध्यम से कमिश्नर को सौंपेंगे।

मजदूरों के बच्चों का कहना है कि परिवार के मुखिया की स्थिति का असर परिवार पर एवं परिवार के हर सदस्य के ऊपर निश्चित रूप से पड़ता है। अगर मुखिया की स्थिति अच्छी है तो वह परिवार का भरण पोषण व उनके पढ़ाई और बच्चों के सुनहरे भविष्य को एक दिशा देने में समर्थ होते हैं।

लेकिन अगर परिवार का मुखिया अच्छी स्थिति में नहीं है तो वह पूरी कोशिश करने के बाद भी अपने परिवार को कुपोषण और बदहाली एवं अंधे भविष्य से नहीं बचा सकता।

इसलिए परिवार के सदस्यों का कर्तव्य बन जाता है कि वह एक दूसरे के लिए अपने स्तर से पूर्ण प्रयत्न करें ताकि समग्र पारिवारिक स्थिति अच्छी बनी रहे इसी के तहत बच्चों द्वारा क्रियान्वित होने वाला यह कार्यक्रम नैनीताल में आयोजित किया गया है।

किच्छा प्लांट से मशीनें शिफ्टिंग की नापाक कोशिश फिर ध्वस्त

30 मई को इन्टरार्क प्रबंधक फिर हाईकोर्ट नैनीताल की अवमानना करते हुए किच्छा प्लांट से मशीनों को गाड़ी में लोड करके बाहर ले जाने की नाकामयाब कोशिश कर रहा था। मजदूरों ने अपने परिवार के संग मिलकर गेट पर गाड़ी के आगे लेट गए और कहा कि हाई कोर्ट की अवमानना करके मशीनों को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। मज़दूरों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी व पंतनगर के मजदूरों को भी सूचित किया। सूचना पाते ही पंतनगर से मजदूरों की एक टोली मदद के लिए किच्छा धरना स्थल पर पहुंची।

इससे पूर्व भी प्रबंधन ऐसी हरकतें व तानाशाही व्यवहार अनगिनत बार कर चुका है, लेकिन प्रशासन द्वारा प्रबंधन पर कोई भी कार्रवाई ना होने से उसका हौसला लगातार बढ़ता रहता है। कंपनी प्रबंधन के मंसूबों पर मजदूरों की एकजुटता ने फिर से पानी फेर दिया और मशीन से लदी गाड़ी को भीतर करवाया गया।

उल्लेखनीय है कि ऊधम सिंह नगर में इन्टरार्क कंपनी के दो प्लांट सिड़कुल, पंतनगर व किच्छा में हैं। यूनियन बनने के बाद से ही प्रबंधन नापाक मंसूबों में लगा है। उसकी कोशिश मज़दूरों की संगठित ताकत व एकता को तोड़ने की है। इसीलिए 2018 से उसने 32 मज़दूरों को निलंबित/बर्खास्त कर रखा है; मज़दूरों के वेतन नहीं बढ़ाए, दमन के लिए लगातार निलंबन से लेकर तालाबंदी जैसे गैरक़ानूनी हथकंडे अपना रहा है।

प्रबंधन ने न्यायालय को भी गुमराह करके अवैध रूप से पंतनगर प्लांट में तालाबंदी की और प्लांट की मशीनें चोरी से निकालकर बाहर भेज दीं। उधर किच्छा प्लांट में करीब 40 मज़दूरों को निलंबित कर चुका है और मशीनें अवैध रूप से राज्य से बाहर भेजने की नाकामयाब कोशिशें कर रहा है।

लेकिन मजदूर पूरे हौसले के साथ संघर्षरत हैं।

यह जीत मज़दूरों के एकजुट संघर्ष और जन सहयोग की है

इन्टरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि यह जीत संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर, इंकलाबी मजदूर केंद्र, मजदूर सहयोग केंद्र, जन लोक मंच, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, भोजनमाता संगठन, महिला संगठन, छात्र संगठन, ठेका मज़दूर कल्याण समिति पंतनगर, संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार, सिविल कोर्ट रुद्रपुर के अधिवक्ता संगठन के साथियों, सिडकुल की तमाम यूनियनों और सामाजिक संगठनों, व्यापारी संगठनों, मज़दूर साथियों और आम जनमानस की जीत है।

इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मोहम्मद ने कहा कि हमारी यूनियन पंतनगर व किच्छा के लगभग 700 मजदूर विगत 16 अगस्त से धरने पर बैठकर संघर्ष करने और विगत 3 माह से तालाबन्दी के दौरान बेरोजगारी में भी पूरे जज्बे से लड़ रहे हैं, ये उनके भरोसे की जीत है। हमारी ऊर्जा बनी हुई है क्योंकि हमें किसान साथियों और क्षेत्र की जनता से भरपुर अन्न और आर्थिक सहयोग मिल रहा है।

सौरभ कुमार ने कहा कि हमारे केस की शानदार पैरवी करने वाले नैनीताल उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री डी एस मेहता जी और एम सी पंत जी द्वारा हाईकोर्ट में की गई शानदार पैरवी एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र के द्वारा हमें कदम कदम पर दिये गये मार्गदर्शन का इस सफलता में विशेष योगदान रहा है।

राकेश कुमार ने कहा कि अभी हमारी लड़ाई जारी है जब तक सभी मुद्दे हल नहीं हो जाते, किच्छा व पंतनगर प्लांट के सभी निलंबित और निष्कासित मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली नहीं हो जाती, जब तक पंतनगर प्लांट की तालाबन्दी खत्म कर तालाबन्दी के शिकार सभी मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली नहीं हो जाती, माँगपत्रों पर सम्मानजनक समझौता नहीं हो जाता और यूनियन को मान्यता नहीं मिल जाती तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

इस बीच धरना स्थल पर लंगर में सैकड़ों मजदूर भोजन कर रहे हैं और दिन-रात का धरना जारी है।

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