2020 में मृतक 82 लाख लोगों में 45% को कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिली: रजिस्ट्रार जनरल

A man holds up an intravenous (IV) drip being used to treat his relative as they wait for him to be transferred to a hospital bed in the emergency ward of Jawahar Lal Nehru Medical College and Hospital, during the coronavirus disease (COVID-19) outbreak, in Bhagalpur, Bihar, India, July 28, 2020. REUTERS/Danish Siddiqui

कोविड के पहले दौर में 2020 में देश में महामारी से 1.48 लाख लोगों की मौत हुई थी, जो 2021 के मुकाबले काफी कम है। 2021 में देश में महामारी से 3.32 लाख लोगों की मौत हुई है।

नई दिल्ली: भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 में कुल 82 लाख लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 45 प्रतिशत लोगों को उनकी मृत्यु के समय कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिली और इस दौरान मरने वालों में से महज 1.3 फीसदी को चिकित्सा क्षेत्र के योग्य पेशेवरों की मदद मिल सकी थी.

लेकिन, आरजीआई की रिपोर्ट वर्ष 2020 के लिए ‘नागरिक पंजीयन प्रणाली पर आधारित भारत की महत्वपूर्ण सांख्यिकी’ में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या का जिक्र नहीं किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में देश में जब पहली बार कोविड के मामले आए थे, महामारी से 1.48 लाख लोगों की मौत हुई थी, जो 2021 के मुकाबले काफी कम है. 2021 में देश में महामारी से 3.32 लाख लोगों की मौत हुई है.

आरजीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ‘2020 में पंजीकृत कुल मौतों में से करीब 1.3 फीसदी लोगों को एलोपैथी या अन्य चिकित्सा क्षेत्रों के योग्य पेशेवरों से चिकित्सा सुविधा मिली थी. मरने वालों में से 45 फीसदी को उनकी मृत्यु के समय कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई थी.’

चिकित्सा सुविधा के अभाव में 2019 में मरने वालों की संख्या 35.5 प्रतिशत थी.

आंकड़ों के अनुसार, कुल मौतों में से करीब 28 प्रतिशत मौतें अस्पतालों आदि में हुई हैं और अन्य जगहों पर इलाज कराने वालों के मुकाबले अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों में मृत्यु दर अधिक है.

आंकड़ों के अनुसार, कुल पंजीकृत मौतों में से करीब 16.4 प्रतिशत मौतें अस्पतालों से इतर इलाज कराने वाले मरीजों की है.

आरजीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों को मृत्यु पूर्व मिली चिकित्सा सुविधा के संबंध में पूर्ण जानकारी उसे 34 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो राज्यों महाराष्ट्र और सिक्किम से आंशिक जानकारी मिली है, इसलिए आंकड़ों के संकलन में इन दो राज्यों को शामिल नहीं किया गया है.

शिशु मृत्यु दर के संबंध में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर जहां महज 23.4 फीसदी रहा वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 76.6 फीसदी रहा.

द वायर से साभार

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