वर्ष 2021 में रिकॉर्ड संख्या में लोग पर्याप्त भोजन से वंचित रहे: संयुक्त राष्ट्र

Dadri: Migrant workers, lodged at a camp by the Uttar Pradesh government, collect eatables from an NDRF worker, during ongoing COVID-19 lockdown, at Dadri in Gautam Buddha Nagar district, Wednesday, May 20, 2020. (PTI Photo/Atul Yadav) (PTI20-05-2020_000246B)

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि संघर्ष, असामान्य मौसम और कोविड महामारी के आर्थिक प्रभावों के ‘तिहरे मार’ से 53 देशों में लगभग 19.3 करोड़ लोगों को 2021 में खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।

रोम: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है ऐसे लोगों की संख्या पिछले साल सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जिन्हें रोजाना पर्याप्त भोजन नसीब नहीं हुआ. विश्व निकाय के मुताबिक, यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की वजह से वैश्विक खाद्य उत्पादन प्रभावित होने से यह स्थिति और भयावह होने जा रही है.

संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार (चार मई) को कहा कि 53 देशों में लगभग 19.3 करोड़ लोगों को 2021 में खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा और यह स्थिति संघर्ष, असामान्य मौसम और कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों की ‘तिहरी मार’ के कारण उत्पन्न हुई है.संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पिछले साल पर्याप्त भोजन न पाने वाले लोगों की संख्या में करीब चार करोड़ की वृद्धि हुई, जो पिछले कुछ वर्षों से ऐसी बढ़ती संख्या को दर्शाती है, जो चिंताजनक है.

खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन, विश्व खाद्य कार्यक्रम और यूरोपीय संघ द्वारा संयुक्त रूप से इस रिपोर्ट को तैयार किया है.रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक संघर्ष व टकराव खाद्य असुरक्षा के बड़े कारणों में है, जिसकी वजह से 24 देशों/क्षेत्रों में 13 करोड़ 90 लाख लोग पिछले कुछ समय में खाद्य असुरक्षा का शिकार हुए हैं. वर्ष 2020 में 23 देशों/क्षेत्रों में यह संख्या 9 करोड़ 90 लाख थी.

रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान, कांगो, इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, सीरिया और यमन सहित लंबे संघर्षों का सामना करने वाले देशों में पर्याप्त भोजन से वंचित लोगों की संख्या अधिक रही.रिपोर्ट के अनुसार, चरम मौसम की घटनाओं के कारण आठ देशों या क्षेत्रों में दो करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों के लिए हालात विकट हुए हैं.

रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है कि लंबे समय तक सूखे, खाद्य कीमतों में वृद्धि और लगातार हिंसा के कारण सोमालिया को 2022 में दुनिया के सबसे खराब खाद्य संकट के दौर का सामना करना पड़ेगा.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘आज, अगर ग्रामीण समुदायों की मदद करने के लिए और अधिक कदम नहीं उठाए गए तो भुखमरी तथा आजीविका संकट भयावह स्तर पर पहुंच जाएगा. ऐसी स्थिति से बचने के लिए बड़े पैमाने पर तत्काल मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए कार्रवाई की आवश्यकता है.’

यूक्रेन में युद्ध सोमालिया तथा कई अन्य अफ्रीकी देशों के लिए और अधिक संकट पैदा कर रहा है, क्योंकि गेहूं, उर्वरक और अन्य खाद्य आपूर्ति के लिए ये देश यूक्रेन और रूस पर निर्भर हैं.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के मुख्य अर्थशास्त्री आरिफ हुसैन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण खाद्य पदार्थों व ईंधन की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति के परिणामस्वरूप 4.7 करोड़ और लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है.

द वायर से साभार

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