उत्तरप्रदेश: पुलिस की दबिश में एक युवती की मौत 6 पुलिसकर्मियों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा

पीड़ित परिवार का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान बालू कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और ज़ोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में रविवार को पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई थी. इस मामले में सोमवार को निलंबित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे पुलिस द्वारा जाति के आधार पर जान-बूझकर की गई वारदात करार देते हुए कहा है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

चंदौली के पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल रविवार को एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था. यादव के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था

आरोप है कि पुलिस ने कारोबारी के घर पर नहीं मिलने पर उसके परिजन से मारपीट की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शुरुआत में घटना से इनकार किया था. हालांकि बाद में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक लड़की फर्श पर लेटी नजर आती है और आरोप लगा रही थी कि पुलिस ने उसकी और उसकी बहन की पिटाई की है. परिवार ने वीडियो में दावा किया कि उनकी बेटी की पुलिस टीम द्वारा ‘पीटने’ के बाद मौत हो गई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक वीडियो में परिवार ने पुलिस के कथित हमले के बारे में बात कही है. वीडियो में एक शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हमारी बड़ी बहन की हत्या कर दिए हैं पुलिसवाले.’

वीडियो में एक अन्य महिला, जो दर्द में दिख रही है, से पूछा गया कि किसने उन्हें मारा तो उन्होंने जवाब दिया, ‘पुलिस’. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी बहन को भी पुलिस ने पीटा था, वह कहती हैं, ‘हां’.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिजन का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने घटना के दौरान कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और जोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई. युवती की अगले महीने शादी होने वाली थी.

अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस दल को घेर लिया और सिपाही मुकेश कुमार और होमगार्ड के जवान छविनाथ को पीट-पीटकर घायल कर दिया. छविनाथ की हालत गंभीर होने पर उसे वाराणसी के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है. मुकेश का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इस मामले में मृत युवती के भाई की तहरीर पर थानाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह तथा चार महिला पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. थानाध्यक्ष को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.

पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘मृत युवती के शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया गया है, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. विसरा सुरक्षित कर लिया गया है.’

बलात्कार के आरोपों के बारे में अग्रवाल ने बताया कि मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर्फ गले पर खरोंच और जबड़े पर बायीं तरफ मामूली चोट के अलावा पूरे शरीर पर और कोई भी बाहरी या अंदरूनी चोट नहीं पाई गई.

उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद बलात्कार के आरोप को जांच के दायरे में रखा है.’ उन्होंने बताया कि मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक-सदर को सौंपी गई है. हालात के मद्देनजर गांव में बड़ी संख्या में पुलिस तथा पीएसी बल तैनात कर दिया गया है.

समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं. जिस पुलिस को असीमित अधिकार देकर योगी जी सरकारी गुंडागर्दी करवा रहे हैं एक दिन वही पुलिस भस्मासुर बनकर भाजपाइयों को भी नहीं बक्शेगी. लोकतंत्र में मर्यादा, राजधर्म और शुचिता होती है, लेकिन इस भाजपा शासनकाल में सब खत्म हो चुका है. अत्यंत निंदनीय!’

सपा मीडिया सेल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘शर्मनाक! यूपी पुलिस घर में घुसकर लूट करती है, यूपी पुलिस घर में घुसकर रेप करती है, यूपी पुलिस घर में घुसकर हत्या करती है. ये योगीराज भाजपा सरकार की पुलिस है. ये पुलिस नहीं हत्यारी पुलिस है, बहन बेटियों की रेपिस्ट पुलिस है. योगी जी के राज में पुलिस का तांडव अपने चरम पर है!’

इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के मोहनलालगंज में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया ‘पुलिस ने जाति के आधार पर इस वारदात को अंजाम दिया है. अगर बहन की जान गई है तो आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.’

द वायर से साभार

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