उत्तराखंड: एलोपैथ के समान आयुर्वेद प्रशिक्षु चिकित्सकों का स्टाइपेंड करने की माँग पर आंदोलन

एलोपैथी के प्रशिक्षु डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाकर ₹17000 मासिक कर दिया गया है जबकि आयुर्वेद प्रशिक्षु चिकित्सकों का मानदेय महज ₹7500 है। इसी को लेकर आंदोलन जारी है।

उत्तराखंड में इन दिनों आयुर्वेद प्रशिक्षु चिकित्सकों का समान एलोपैथ प्रशिक्षु चिकित्सकों के समान स्टाइपेंड करने की माँग को लेकर आंदोलन जारी है। इस अन्याय के खिलाफ इनमें भारी रोष है।

उल्लेखनीय है कि बीते 25 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के एक मामले में आदेश दिया कि एलोपैथ व आयुष चिकित्सक एक समान वेतन के हक़दार हैं। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि उपचार के आधार पर डॉक्टरों के बीच भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

पिछले दिनों एलोपैथी के प्रशिक्षु डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाकर ₹17000 मासिक कर दिया गया लेकिन आयुर्वेद प्रशिक्षु चिकित्सकों का मानदेय महज ₹7500 है। इस वजह से वे आंदोलन की राह पर हैं।

हरिद्वार स्थित ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय व गुरुकुल आयुर्वेदिक विद्यालय के प्रशिक्षु चिकित्सकों का परिसर के मुख्य गेट पर बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। देर शाम प्रशिक्षु डॉक्टरों ने हरिद्वार में कैंडिल मार्च निकाला।

प्रशिक्षु डॉक्टरों ने धरना प्रदर्शन के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी ईश्वरानंद को ज्ञापन देकर मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई। मंत्री ने समाधान का आश्वासन दिया।

प्रशिक्षु चिकित्सक रिम्पी का कहना है कि एलोपैथी के प्रशिक्षु डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाकर ₹17000 मासिक कर दिया गया है जबकि उनका मानदेय महज ₹7500 है। जबकि सुप्रीम कोर्ट में एक समान वेतन व स्टाइपेंड देने का आदेश पारित कर रखा है।

हरिद्वार में धरना प्रदर्शन करने व ज्ञापन देने वालों में जितेंद्र, शुभम, अंकित, सुधांशु, अमन, योगेश, अश्वनी, आदित्य, नवल किशोर, गौतम, बागेश्वर, रियाज, रिंपी, पिंकी, सोनी, सुमिका, मानसी, श्रुति, नईमा, दीक्षा, एकता, निशा, शीतल, शिवानी आदि शामिल रहे।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में रात में धरना देते छात्र व प्रशिक्षु चिकित्सक

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला स्थित मुख्य परिसर में प्रशिक्षु चिकित्सकों एवं छात्रों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ और स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर मुख्य गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया। अस्पताल, प्रशासनिक भवन समेत कक्षाएं बंद करा दी गई। किसी भी फैकल्टी एवं कर्मचारियों को अंदर नहीं जाने दिया गया।

इस दौरान यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इधर प्रशासन ने छात्र व प्रशिक्षु चिकित्सकों की डीएम से वार्ता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन आंदोलनकारी आयुष सचिव से वार्ता कराने पर दृढ़ रहे।

धरने में अखिलेश सिंह, ऐश्वर्य श्रीवास्तव, संस्कृति भाटिया, शीतल, मेघा, अजीत, शिवम ओझा, दीपक यादव, राजीव प्रजापति आदि शामिल रहे।

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