कार्यबहाली के लिए करोलिया लाइटिंग के श्रमिकों का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी

यूनियन बनाने से नाराज कारोलिया प्रबंधन यूनियन उपाध्यक्ष सहित 11 श्रमिकों को अवैध रूप से बर्खास्त करने के साथ लगातार दमन पर आमादा है। मज़दूर 2 साल से संघर्षरत हैं।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। करोलिया लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड सिड़कुल, पंतनगर में यूनियन बनाने से श्रमिकों की अवैध बर्खास्तगी, शोषण व दमन के खिलाफ गांधी पार्क, रुद्रपुर में श्रमिक देव सिंह का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शनिवार को तीसरे दिन भी जारी है। इस बीच कंपनी के अन्य श्रमिकों के साथ विभिन्न श्रमिकों और संगठनों का समर्थन भी जारी है।

गांधी पार्क में ही गैरक़ानूनी बर्खास्तगी के खिलाफ और यूनियन को मान्यता देने के लिए लुकास टीवीएस मजदूर संघ पन्तनगर के बैनर तले लुकास टीवीएस के मज़दूरों का धरना 18वें दिन भी जारी है। दोनों कंपनी के मज़दूर साथ-साथ बैठे हैं।

यूनियन बनाने से दमन-बर्खास्तगी हुआ तेज

करोलिया लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड, सिडकुल पंतनगर में करोलिया लाइटिंग एंप्लाइज यूनियन पंजीकृत होने के बाद प्रबंधन द्वारा द्वेष भावना से श्रमिकों/यूनियन पदाधिकारियों का उत्पीड़न, निलंबन, निष्कासन आदि लगातार जारी है। मज़दूर दो साल से लगातार संघर्षरत हैं।

प्रबंधन ने यूनियन उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव को कोविड-19 जांच का निवेदन करने पर फर्जी आरोप लगाकर निलंबित और फिर बर्खास्त कर दिया।

यूनियन ने प्रबंधन को अपना एक मांग पत्र दिया था। प्रबंधन उसे भी दरकिनार करता रहा। मामला सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष लंबित है। इसी दौरान 23 दिसंबर को अचानक प्रबंधन ने 10 मजदूरों मदन सिंह, विनोद भट्ट, शैलेश कुमार, नीरज कुमार दुबे, हरीश भंडारी, वीरेन्द्र सिंह, देव सिंह, दिनेश चन्द्र, मिथिलेश यादव, सौरभ कुमार की गैरकानूनी गेटबंदी कर दी।

प्रबंधन ने श्रमिक उत्पीड़न और यूनियन तोड़ने के उद्देश्य से इन श्रमिकों को बर्खास्त कर दिया। जबकि मांग पत्र पर सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष आईआर कार्यवाही जारी थी और बर्खास्त करने से पहले अनुमति नहीं लिया गया जोकि श्रम कानून का खुला उल्लंघन है।

यह भी ज्ञात हो कि कंपनी में महज 33 स्थाई श्रमिक हैं, जिनमें 11 श्रमिक शोषण का शिकार होकर बाहर हो गए हैं। श्रम अधिकारियों व प्रशासन की नाक के नीचे पूरा प्लांट अवैध ठेका प्रथा में चल रहा है। और प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

मज़दूर लगभग 2 साल से संघर्षरत है लेकिन प्रबंधन और प्रशासन की तरफ से समाधान के लिए पहल लेने की जगह उत्पीड़न ही बढ़ता रहा है।

इन स्थितियों में मज़दूरों का संघर्ष लगातार जारी है। एएलसी ने श्रमिकों को न्याय देने की जगह श्रम भवन से धरना ही पाबंद कर दिया। इसके बाद दिनांक 31/03/2022 से ग़ांधी पार्क रुद्रपुर में धरना, क्रमिक अनशन जारी रहा। अब पूर्व सूचना के अनुसार 7 अप्रैल से मज़दूर साथी देव सिंह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

इस दौरान धरनारत श्रमिकों के समर्थन में श्रमिक संयुक्त मोर्चा सहित विभिन्न यूनियनों का समर्थन जारी है। भगवती श्रमिक संघ के नेतृत्व में माइक्रोमैक्स के मज़दूर, मजदूर सहयोग केंद्र, भारतीय मजदूर संघ आदि ने धरना स्थल पर जाकर समर्थन दिया।

यूनियन की माँगें-

  1. न्यायहित में सुनील कुमार यादव की सवेतन कार्यबहाली सहित समस्त पीड़ित श्रमिकों की कार्यबहाली हो;
  2. माँगपत्र पर आम सहमति से समझौता हो;
  3. जनवरी माह के वेतन से अवैध रूप से काटी गई राशि की अदायगी हो;
  4. 32 यूनियन सदस्यों/श्रमिकों के सभी आरोप पत्र निरस्त किया जाए;
  5. मज़दूरों का दमन-शोषण बंद हो।

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