जेएनएस के संघर्षरत मजदूरों पर हुए बर्बर पुलिस दमन के खिलाफ़ आवाज बुलंद करो! -मासा

मासा ने माँग की है कि सारे मुकदमे तत्काल निरस्त हों, बर्बरता के दोषी प्रबंधन व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो, श्रमिक उत्पीड़न व दमन पर रोक लगे और जेएनएस के समस्त संघर्षरत श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली हो!

मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) द्वारा 31 मार्च 2022 को जारी बयान-

जेएनएस (IMT मानेसर) के मजदूरों का बहादुराना संघर्ष जिंदाबाद!

मजदूरों-कार्यकर्ताओं पर हुए बर्बर पुलिस दमन, गिरफ्तारी और मुकदमों के विरुद्ध आवाज बुलंद करो!

जेएनएस इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड, जो हरियाणा के IMT मानेसर (प्लॉट 4, सेक्टर 3) स्थित ऑटोमोबाइल स्पीडोमीटर, ऑटो मीटर आदि बनाने वाली फैक्ट्री है और जहां करीब 1500 मजदूर 3-4 शिफ्टों में कार्यरत हैं, में करीब 450 मजदूर (अधिकतर महिलाएं) 3 मार्च 2022 से कंपनी के सामने धरना दे रहे थे।

यूनियन बनाने की पहल लेने के लिए 7 अगुआ महिला मजदूरों का उत्पीड़न करते हुए उनके स्थानान्तरण का ऑर्डर दे दिया गया जिसके खिलाफ कंपनी गेट के सामने ही धरने की शुरुआत हुई। हालांकि प्रबंधन, पुलिस और गुंडों की मदद से, मजदूरों को वहां से हटाने में सफल हुआ। साथ ही महिला मजदूरों के साथ बदसलूकी की गई व उनके कपड़े फाड़ने का भी प्रयास किया गया। इसके विरोध में अन्य निकाले गए मजदूर भी संघर्ष में साथ आ गए और इनकी संख्या क्रमशः बढ़ते हुए करीब 450 हो गई, और इन्होंने कंपनी गेट से करीब 250 मीटर दूर धरना जारी रखा।

29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन सभी संघर्षरत मजदूर सुबह से ही जेएनएस कंपनी गेटों के सामने बैठ गए और तीनों गेटों को सफलतापूर्वक जाम कर दिया। मजदूरों के समर्थन में हुंडई मोबिस (धारूहेड़ा) के 40 संघर्षरत मजदूर पहुंच गए और जोरदार जुलूस भी निकाला। साथ ही मानेसर के बेलसोनिका, मुंजाल शोवा, एफएमआई, नपीनो, सुजुकी बाइक, मारुति सुजुकी कंपनियों तथा मारुति सुजुकी मजदूर संघ (MSMS) के यूनियन प्रतिनिधि भी वहां समर्थन में पहुंच गए। इसके साथ IFTU (सर्वहारा), इंकलाबी मजदूर केंद्र (IMK), AICWU, HMS के कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे। मजदूरों के जुझारू रवैये और भारी समर्थन से दबाव में आकर प्रबंधन संघर्षरत मजदूरों से वार्ता के लिए मजबूर हो गई। मजदूरों का एक 15-सदस्यीय डेलिगेशन वार्ता के लिए गया हालांकि कंपनी ने किसी भी परमानेंट मजदूर को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया और वार्ता असफल हो गई।

इसके बाद जब सभी मजदूर बाहर आए तो पुलिस ने अचानक मजदूरों पर बर्बर लाठीचार्ज शुरू किया और बेरहमी से धक्कामुक्की व खींचतान कर करीब 150 महिला मजदूरों को बसों में भर लिया। IMK के साथी योगेश व हरीश एवं AICWU के साथी शाम को भी जबरन गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही आस पास खड़े कार्यकर्ताओं व आम जनता, जो वारदात की फोटो वीडियो ले रहे थे, के साथ भी पुलिस ने धक्कामुक्की की व उन्हें लाठियां मारी।

सभी मजदूरों-कार्यकर्ताओं को मानेसर सेक्टर-7 थाने ले आया गया। रात में 12 बजे तक सभी महिला मजदूरों को धमकी देते हुए और कुछ कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करा कर रिहा किया गया। लेकिन 4 (पुरुष) मजदूरों और 3 कार्यकर्ताओं (योगेश, हरीश, शाम) को रात भर थाने में ही रखा गया। अगली सुबह (30 मार्च) को काफी जद्दोजहद के बाद जानकारी मिली कि सातों साथी मानेसर सेक्टर-2 थाने के लॉकअप में है। वहां से उन्हें मानेसर डीसीपी कार्यालय, नौरंगपुर लाया गया, जहां पर करीब 6 घंटों बाद सभी को जमानत प्रक्रिया पूरी होने पर रिहा किया गया। रिहाई प्रक्रिया में IMK, IFTU (सर्वहारा), मजदूर सहयोग केंद्र, AICWU, बेलसोनिका यूनियन, मारुति सुजुकी मजदूर संघ, मुंजाल शोवा यूनियन व AITUC के साथी डीसीपी ऑफिस पर मौजूद थे।

पुलिस द्वारा मजदूरों पर 2 FIR दर्ज किए गए हैं। एक FIR (धारा 147, 149, 188, 341, 506) कंपनी गेट जाम करके उत्पादन में बाधा डालने को लेकर है, जिसमें 23 मजदूरों का नाम है। दूसरी अधिक संगीन धाराओं वाली FIR है (धारा 120-B, 148, 149, 307, 427, 436) दंगा भड़काने को लेकर जिसमें 8 मजदूरों के नाम हैं।

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) JNS के मजदूरों के बहादुराना संघर्ष को क्रांतिकारी सलाम पेश करता है, और साथ ही मजदूरों और मजदूर कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता और अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी एवं प्रबंधन के मजदूर-विरोधी रवैये की कड़ी भर्त्सना करता है। मासा मांग करता है कि मजदूरों व कार्यकर्ताओं पर लगाए गए सारे मुकदमे तत्काल निरस्त किए जाएं तथा बर्बरता के लिए दोषी प्रबंधन व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। श्रमिक उत्पीड़न व दमन पर रोक लगाई जाए और जेएनएस के समस्त संघर्षरत श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली हो! अंत में, मासा सभी मजदूर-वर्गीय एवं जनपक्षधर लोगों व संगठनों से जेएनएस मजदूरों के संघर्ष के समर्थन में आवाज बुलंद करने का आह्वान करता है।

कोऑर्डिनेशन कमेटी,

मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (MASA)

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