मानेसर में पुलिस दमन, जेएनएस के संघर्षरत महिला-पुरुष मज़दूरों को पुलिस ने उठाया

मज़दूरों को आईएमटी मानेसर सेक्टर-7 थाने में रखा गया है, जहाँ मारुति, बेलसोनिक सहित इलाके की तमाम यूनियनों के नेता और मज़दूर पहुँच गए हैं, लेकिन अभी तक किसी की रिहाई नहीं हुई है।

गुड़गांव। आईएमटी मानेसर में एकबार फिर पुलिसिया दमन की घटना सामने आई है। आज मंगलवार को जेएनएस इंस्ट्रूमेंट कंपनी के संघर्षरत मजदूरों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कर बसों में भरकर उठा लिया गया है, इनमें ज्यादातर महिला श्रमिक हैं। ख़बर के मुताबिक मज़दूरों को आईएमटी मानेसर सेक्टर-7 थाना ले जय गया है।

जानकारी के मुताबिक, मानेसर के सेक्टर-3 में स्थित जेएनएस इंस्ट्रूमेंट कंपनी ने अपने पुराने श्रमिकों को अवैध रूप से नौकरी से निकाल दिया था। बीते महीने भर से बर्खास्त महिला-पुरुष श्रमिक लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता से कोई समाधान नहीं निकाल रहा था।

समाधान न निकलने पर मज़दूर आज सुबह से फैक्ट्री गेट पर डटे हुए थे, जिनमे अधिकतर महिला मजदूर थीं। मजदूर कड़ी धूप में भी सभी गेटों पर तिरपाल लगा कर बैठे थे।

संघर्षरत मजदूरों के समर्थन में आईएमटी मानेसर के बेलसोनिका, मुंजाल शोवा, एफएमआई कंपनियों के मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधि भी अपना समर्थन व्यक्त करने धरनास्थल पर पहुंचे।

हुंडई मोबिस (धारूहेड़ा) के पिछले 30 दिनों से संघर्षरत मजदूरों ने भी आज 40 मजदूरों की एक टीम को समर्थन में भेजा था। संघर्ष स्थल पर आईएमके, HMS, AICWU, और इफ्टू (सर्वहारा) के साथी उपस्थित रहे।

इस दौरान प्रबंधन की श्रम अधिकारियों के साथ वार्ता हुई, उसके बाद मजदूरों का एक 15-सदस्यीय डेलिगेशन प्रबंधन से वार्ता के लिए अंदर गया लेकिन समाधान नहीं निकला।

दूसरी ओर सुबह से ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात हो गया। इसी बीच प्रबंधन की मिलीभगत से श्रमिकों पर पुलिसिया दमन तेज हो गया। दोपहर बाद प्रदर्शनकारी महिलाओं सहित श्रमिकों पर पुलिस द्वारा लाठियाँ बरसाई गईं और बसों में भरकर हिरासत में ले लिए गया। सूचना मिली है कि मज़दूरों को आईएमटी मानेसर सेक्टर 7 थाना ले जाया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में समर्थन में गए इंक़लाबी मज़दूर केंद्र के साथी हरीश और योगेश भी शामिल हैं।

महिलयों के साथ पुलिसिया दमन की बानगी

गौरतलब है कि भयंकर शोषण- उत्पीड़न से तंग आकर अंततः संगठित होने की ओर बढ़ी जे एन एस की महिला मजदूर पिछले काफी समय से प्रबंधन की बदले की कार्यवाही से पीड़ित हैं। उन्होंने मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन फेडरेशनों द्वारा आहूत 28- 29 मार्च की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया और 28 तारीख को कार्य बहिष्कार कर औद्योगिक क्षेत्र में विशाल जुलूस निकाला। तदुपरांत 29 तारीख की सुबह से ही कारखाने के गेट को जाम कर वहीं बैठ गई। जहां शाम को प्रबंधन से वार्ता विफल होने के उपरांत पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। साथ ही प्रबंधकों की झूठी शिकायत पर उन पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर दिया।

करीब 65 महिला श्रमिक व 35 पुरुष श्रमिकों को हिरासत में लेने की खबर है।

खबर लिखने तक मारुति, बेलसोनिक सहित इलाके की तमाम यूनियनों के नेता और मज़दूर आईएमटी मानेसर सेक्टर-7 थाने पर पहुँच गए हैं, लेकिन अभी तक किसी की रिहाई नहीं हुई है। लगता है कि मज़दूरों पर फर्जी मुक़दमें थोपकर जेल भेजने की तैयारी है।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे