देश के विभिन्न हिस्सों में विविध रूपों में मना भगतसिंह-सुखदेव-राजगुरु का शहादत दिवस

यह उभरकर आया कि भगत सिंह मात्र नाम नहीं बल्कि एक विचारधारा है जिसके आधार पर ही वर्तमान लूट और शोषण व धार्मिक खून-खराबे का खात्मा करके बराबरी वाले समाज की स्थापना हो सकती है।

शाहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के बलिदानी दिवस 23 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में विविध आयोजनों के रूप मे मनाया गया। कहीं रैली निकली, कहीं सभा हुई तो कहीं नाटक-गीत ने समय बंधी तो कहीं फिल्म प्रदर्शन हुआ।

इस मौके पर हर प्रकार के दमन, शोषण व अन्याय के खिलाफ संघर्ष तेज करने के साथ अन्याय पर आधारित इस व्यवस्था को बदलने का संकल्प बांधा गया।

आयोजन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ने जिस आजादी के लिए शहादत दी थी, वह आजादी आज तक नहीं मिली है। भगत सिंह ने अपनी मृत्यु से पहले ही यह बात कही थी कि गोरे अंग्रेजों की जगह काले अंग्रेजों का शासन आने से इस देश की मेहनतकश जनता को सच्ची आजादी नहीं मिलेगी। जबतक मुनाफे की लूट का खात्मा नहीं हो जाता, यानी मानव द्वारा मानव के शोषण का अंत नहीं हो जाता, तबतक संघर्ष जारी रहेगा।

इसीलिए 1947 में मिली आजादी अधूरी रही। जैसे-जैसे मज़दूरों का संघर्ष कमजोर पड़ता गया, लूट और बढ़त गया, मिली आजादी भी छिनती गई। वर्तमान समय मे मोदी सरकार द्वारा मजदूर-मेहनतकश जनता पर हमले बेहद तेज हो गए हैं।

मोदी सरकार द्वारा पूंजीपतियो के पक्ष में मजदूरों की कुर्बानियों से हासिल श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 श्रम संहिताओं में बदल दिया गया है, खून-पसीने से खड़े सार्वजनिक उद्योगों और संपत्तियों को मुनाफाखोरों को बेच जा रहा है। मज़दूर-मेहनतकश जनता का दमन तेज हो गया है। जाति-धर्म के नाम पर खून खराबा और मेहनतकश आवाम को बांटने का काम भयावह हो चुका है। जिसकी आड़ में भयावह रूप ले चुकी महँगाई-बेरोजगारी और मुनाफे की आंधी लूट बेलगाम हो गई है।

वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह मात्र नाम नहीं बल्कि एक विचारधारा है जिसके आधार पर ही वर्तमान लूट और शोषण का खत्म करके बराबरी वाले समाज की स्थापना हो सकती है।

विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों की झलकी-

उत्तराखंड

रुद्रपुर। श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर के बैनर तले इन्टरार्क कंपनी, सिड़कुल, पंतनगर के संघर्षरत मजदूरों के धरना स्थल पर शहादत दिवस जोशो-खरोश से मनाया गया। पुलिस हस्तक्षेप के बीच जोरदार सभा हुई। सिड़कुल मज़दूरों के शोषण के खिलाफ आवाज़ बुलंद हुई। 28-29 मार्च के देशव्यापी मज़दूर हड़ताल को सफल बनाने के आह्वान के साथ सभा-रैली करने का ऐलान हुआ।

कार्यक्रम में श्रमिक सयुंक्त मोर्चा, मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), इन्कलाबी मज़दूर केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इन्टरार्क मजदूर संगठन, टीवीएस लुकास मज़दूर संघ, भगवती श्रमिक संगठन, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, ब्रिटानिया श्रमिक संघ, एलजीबी वर्कर्स यूनियन, राने मद्रास इम्पालाइज यूनियन, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन सितारगंज, ऑटो लाइन इम्पलाइज यूनियन, थाई सुमित नीलऑटो कामगार संगठन, एरा श्रमिक संगठन, यजाकि वर्कर यूनियन, सनसेरा श्रमिक संगठन, एडविक कर्मचारी संगठन, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा, नेस्ले कर्मचारी संगठन आदि ने भागीदारी की।

रामनगर (नैनीताल)। शहादत दिवस के मौके पर शहीद पार्क, रामनगर में सभा का आयोजन किया गया। शहीद क्रांतिकारियों- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु- को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके बलिदान को याद किया गया। इस दौरान “मेरा रंग दे बसंती चोला” एवं मशहूर क्रांतिकारी शायर हबीब जालिब की नज़्म “मैं नहीं जानता, मैं नहीं मानता” एवं अन्य गीत प्रस्तुत किये गये। सभा कार्यक्रम में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और देवभूमि व्यापार मंडल से जुड़े साथियों ने भागीदारी की।

पंतनगर। इंकलाबी मजदूर केन्द्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के कार्यकर्ताओं द्वारा टा कालोनी मैदान से झा कालोनी मजदूर बस्तियों से होते हुए शहीद स्मारक पंतनगर तक प्रभातफेरी निकाली गई और शहीद स्मारक पंतनगर पर सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

राजस्थान

जयपुर। शहीद भगत सिंह पार्क राजापार्क में शहादत दिवस पर क्रांतिकारी नौजवान सभा की ओर से क्रांतिकारी संघर्ष अभियान की शुरूआत की गई। इस दौरान शहर के भिन्न-भिन्न बस्तियों से आए नौजवानों, झालाना बस्ती से महिलाओं, मजदूरों तथा छात्रों ने पंचवटी सर्किल से भगत सिंह पार्क तक नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। पार्क में भगत सिंह व उनके साथियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम में गीत संगीत के साथ साथ ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ नाटक का मंचन किया गया। इस दौरान सर्वहारा एकता मंच, राजस्थान नागरिक मंच के अगुआ सदस्य व राजस्थान हाईकोर्ट के वकील भी अभियान से जुड़े व अपने विचार व्यक्त किए तथा भगत सिंह बुक स्टॉल की तरफ से पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई।

नेठराना (हनुमानगढ़)। हनुमानगढ़ के गांव नेठराना के शहीद भगत सिंह चौक में शहादत दिवस बड़े जोश से मनाया गया। बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति की ओर से आयोजित सभा में इस दौरान गांव के मजदूर, किसान व नौजवान बड़ी संख्या में शामिल हुए।

शहीदों को याद करते हुए वक्ताओं ने बिजली के मुद्दे पर इलाके की जनता को अपने संघर्ष की बदौलत 50 यूनिट मुफ्त बिजली पर संतोष जाहिर किया व कहा कि सरकार से आज के समय में हर साधारण परिवार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कि कम से कम 300 यूनिट निशुल्क दिए जाने की मांग की और कहा कि इस मुद्दे पर जनता के वाजिब हकों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।

हरियाणा

कुरुक्षेत्र। 92वां शहादत दिवस शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट, जन संघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन व निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से मनाया गया। शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और भगतसिंह व उनके क्रांतिकारी साथियों की विचारधारा पर चलने का संकल्प लिया गया। माल्यार्पण के बाद जलूस निकालकर श्री गुरु रविदास धर्मशाला में सभा हुई। मेहनतकश जनता की एकता तोड़ने वाली ताकतों से सावधान रहने तथा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में नारे लगाए गए।

गोहाना। जन संघर्ष मंच हरियाणा, जनचेतना मंच, समतमूलक महिला संगठन और निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन द्वारा शहीद भगत सिंह पार्क गोहाना में शहादत दिवस मनाया गया।

बिहार

रोहतास। भगतसिंह छात्र-युवा मंच और ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार ने रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड के जोरवरपुर और करगहर प्रखंड के लहुआरा में शहीद-ए-आजम भगतसिंह ,राजगुरु और सुखदेव के 92वीं शहीदी दिवस मनाया।

पंजाब

लुधियाना। शहीदे आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की याद में नौजवान भारत सभा की तरफ से गाँव मांगट, जिला लुधियाना में क्रांतिकारी संस्कृत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच ‘दस्तक’ के साथियों ने क्रांतिकारी गीत और क्रांतिकारी नाटक ‘मैं भगत सिंह बोलता हूं’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का मंचन किया। अदारा ‘ललकार’ की तरफ से साथी राजविंदर ने क्रांतिकारियों के विचारों की आज के समय में प्रसंगिकता पर बात की।

चण्डीगढ़। नौजवान भारत सभा (चण्डीगढ़) की ओर से 91वें शहादत दिवस को समर्पित कार्यक्रम के तहत हल्लोमाजरा में घर घर जाकर प्रचार हुआ और नुक्कड़ सभाओं द्वारा शहीदों के संदेश को लोगों तक पहुंचाया गया।

मंडी गोबिंदगढ़। शहीदों की याद में नौजवान भारत सभा द्वारा मंडी गोबिंदगढ़ (पंजाब) के दलीप नगर इलाके में क्रांतिकारी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ, क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच ‘दस्तक’ ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘मैं भगत सिंह बोल्दा हां’ नाटक और अनेकों क्रांतिकारी गीत पेश किए।

हिमाचल

शिमला। हिमाचल सिनेफाइल्स द्वारा फिल्म “द लीजेंड ऑफ भगत सिंह” और गौहर रजा की फिल्म “इंकलाब” की स्क्रीनिंग का आयोजन हुआ। फिल्म स्क्रीनिंग के बाद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और एचएसआरए के विचारों पर चर्चा हुई।

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