माइक्रोमैक्स में गैरकानूनी छँटनी-लेऑफ के 3 साल : श्रमभवन पर जवाब दो चेतावनी प्रदर्शन

श्रमिक संयुक्त मोर्चा व सिडकुल की यूनियनों ने जोरदार प्रदर्शन किया और माइक्रोमैक्स, एचपी, करोलिया, वोल्टास, एलजीबी, इंटरार्क, गुजरात अंबुजा आदि कंपनियों में श्रमिकों के हक़ में आवाज़ बुलंद की।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड (माइक्रोमैक्स) में गैर कानूनी छँटनी, ले ऑफ व बर्खास्तगी के 3 साल पूरा होने पर 27 दिसंबर को मज़दूरों ने श्रम भवन रुद्रपुर में जवाब दो चेतावनी प्रदर्शन किया और सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर को ज्ञापन देकर समस्त 351 श्रमिकों की सवेतन कार्य बहाली की मांग बुलंद की।

भगवती श्रमिक संगठन और भगवती इंप्लाइज यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रदर्शन में मज़दूरों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द उन्हें न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी श्रम अधिकारियों की होगी।

सभा में वक्ताओं ने माइक्रोमैक्स के साथ एचपी कंपनी की बंदी, करोलिया लाइटिंग में 10 श्रमिकों की अवैध गेट बंदी, वोल्टास, एलजीबी, इंटरार्क, गुजरात अंबुजा, बजाज मोटर्स आदि कंपनियों में मज़दूरों के साथ हो रहे अन्याय के साथ श्रम अधिकारियों व प्रशासन की निष्क्रियता पर रोष प्रकट किया। साथ ही मज़दूरों को बंधुआ बनाने वाली चार श्रम श्रम संहिताओं को रद्द करने की माँग हुई।

351 श्रमिकों की कार्यबहाली की मांग हुई बुलंद

श्रमिक नेताओं ने कहा कि भगवती-माइक्रोमैक्स के 351 श्रमिक पिछले 3 साल से गैर कानूनी छँटनी/लेऑफ/बर्खास्तगी झेल रहे हैं और लगातार संघर्षरत हैं। औद्योगिक न्यायाधिकरण के स्पष्ट आदेश के बावजूद श्रमिकों की कार्यबहाली आज की तिथि तक नहीं हो सकी है, जबकि तमाम तरीके से श्रमिकों को उलझाया जाता रहा है, जिससे श्रमिकों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।

वक्ताओं ने कहा कि भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड सिडकुल पंतनगर के प्रबंधन ने दिनांक 27/12/2018 को गैरकानूनी रूप से 303 श्रमिकों की छँटनी कर दी थी, जिसे औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी ने भी अवैध घोषित कर दिया और समस्त देयकों सहित सभी 303 श्रमिकों की कार्यबहाली के आदेश पारित किए। उच्च न्यायालय नैनीताल में भी उक्त आदेश के परिपालन के ही निर्देश जारी किए हैं। लेकिन प्रशासन व श्रम अधिकारी कोर्ट के आदेश को भी लागू नहीं करवा रहे हैं।

वक्ताओं ने कहा कि प्रबंधन ने मनमाने रूप से 47 श्रमिकों को कथित ले ऑफ के बहाने बाहर कर रखा है, जिनके संबंध में श्रमिक पक्ष द्वारा यह स्पष्ट किया जा चुका है कि उक्त ले ऑफ अवैध है, क्योंकि 50 से कम श्रमिकों की संख्या वाले प्लांट में लेऑफ का कानून लागू नहीं होता है। इसके बावजूद प्रबंधन जबरिया लेऑफ थोप रखा है और श्रमिकों को मिलने वाले मानदेय/वेतन में भी मनमानी कटौती कर दी है।

यही नहीं यूनियन अध्यक्ष श्री सूरज सिंह बिष्ट की प्रबंधन ने गैर कानूनी रूप से गेट बंदी की, कथित रूप से निलंबित किया और अवैध रूप से बर्खास्त कर दिया। भगवती श्रमिक संगठन की ओर से कानूनी रूप से यूनियन पंजीकरण का आवेदन किया गया था, लेकिन 3 साल से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद श्रम अधिकारियों ने अभी तक उसका पंजीकरण नहीं किया।

मोर्चा व उपस्थित यूनियनों ने प्रदर्शन व ज्ञापन के माध्यम से समस्त 351 श्रमिकों की सवेतन कार्यवबहाली कराने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि श्रमिकों के साथ न्याय नहीं होता है आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी श्रम विभाग व प्रशासन की होगी।

आज के प्रदर्शन में श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, महासचिव चंद्र मोहन लखेड़ा, मज़दूर सहयोग केंद्र से मुकुल, बिट्रानिया श्रमिक संघ से आनंद तिवारी, संसेरा श्रमिक संगठन से दीपक कांडपाल, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ से धीरज जोशी, एल.जी.बी. वर्कर्स यूनियन से पूरन पांडे, नेस्ले कर्मचारी संगठन से महेंद्र सिंह, कारोलिय लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन से हरेंद्र सिंह, महिंद्रा कर्मकार यूनियन से बीरेंद्र पाल, थाई सुमित नील ऑटो कामगार संगठन से संदीप मिश्रा, एचपी मज़दूर संघ से गुरमुख सिंह, इंट्रारार्क मजदूर संगठन पंतनगर से दलजीत सिंह, भगवती श्रमिक संगठन से ठाकुर सिंह, भगवती इम्प्लाइज यूनियन से मुकेश जोशी, राने मद्रास इम्प्लाइज यूनियन से दिनेश तिवारी आदि ने संबोधित किया। संचालन दीपक सनवाल ने और अध्यक्षता सूरज सिंह बिष्ट ने की।

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