केरला : माँगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल पर जाएंगे सीएसबी बैंक के कर्मचारी व अधिकारी

100 साल पुराने इस बैंक के कर्मचारी वेतन वृद्धि व मास बैंकिंग कैरेक्टर बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों ने त्रिशूर मुख्यालय पर शनिवार को भूख हड़ताल की।

सीएसबी बैंक के कर्मचारी और अधिकारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने वाले हैं. कर्मचारियों की मांग सर्विस कंडीशन में बदलाव करने की भी है. इन दोनों मांगों को लेकर सीएसबी बैंक के कर्मचारी 30 दिसंबर, 31 दिसंबर और पहली तारीख तक हड़ताल पर रहेंगे. कर्मचारियों की शिकायत है कि वेतन वृद्धि और सर्विस कंडीशन की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके खिलाफ वे हड़ताल पर जाएंगे.

सीएसबी बैंक का मुख्यालय त्रिशूर में है. इस बैंक के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने त्रिशूर मुख्यालय के सामने शनिवार को भूख हड़ताल की थी. इस बैंक के अधिकारी और कर्मचारी लगभग इस पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान हड़ताल करते रहे हैं. ऑल केरला बैंक इंप्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष केएस कृष्ण ने ‘बिजनेसलाइन’ से कहा, इस पूरे साल बैंक के कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन पर रहे हैं. लगभग 100 साल पुराने इस बैंक के कर्मचारी मास बैंकिंग कैरेक्टर को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. साल 2017 से वेतन में संशोधन की मांग कर रहे हैं. अभी तक 7 दिन की हड़ताल की जा चुकी है.

केएस कृष्ण ने कहा कि सीएसबी बैंक का प्रबंधन नए बिजनेस ऑपरेटिंग मॉडल पर काम कर रहा है. प्रबंधन का ध्यान है कि बैंक के शेयरहोल्डर की वैल्यू को बढ़ाकर बैंक की कमाई बढ़ाई जाए. इसका फायदा ग्राहकों के साथ-साथ बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों सबको होगा. सीएसबी बैंक ने वित्त वर्ष 2021 में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 613 करोड़ और नेट प्रॉफिट के रूप में 218 करोड़ रुपये दिए हैं. इसके बावजूद बैंक की कुछ मांगों को नहीं माना जा रहा है जिसके चलते हड़ताल की नौबत आ गई है.

11 नवंबर 2020 को बैंकिंग-इंडस्ट्री लेवल का 11वीं बाईपर्टाइट सेटलमेंट और 8वां जॉइंट नोट साइन होने के बाद भी उसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका है. यह एग्रीमेंट इंडियन बैंक एसोसिएशन और बैंक यूनियन के बीच हुआ था. सीएसबी बैंक के कर्मचारियों को उसके बाद से ही अपनी मांगों के माने जाने का इंतजार है.

बैंक कर्मचारियों के वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ 1 नवंबर, 2017 से लंबित है. सीएसबी बैंक के यूनियन ने प्रबंधन से जल्द मांग को मांगे जाने और मसले को सुलझाने की मांग की है ताकि उन्हें हड़ताल पर जाने की नौबत न आए. अगर प्रबंधन उनकी मांग नहीं मानता है तो कर्मचारी और अधिकारी 30 दिसंबर से नए साल की पहली तारीख तक हड़ताल पर रहेंगे.

अभी हाल में देश भर के बैंक यूनियन राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल पर गए थे. 15 और 15 दिसंबर को हड़ताल रखी गई थी. बैंकों यूनियनों ने निजीकरण के खिलाफ हड़लात बुलाई थी. माना जा रहा है कि सरकार दो सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में देगी जिसके खिलाफ यूनियनों ने हड़ताल की थी और कामकाज ठप कर दिया था.

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