पीएम मोदी की कृपा : ढाई साल में अडानी की कम्पनी बनी देश की सबसे बड़ी राजमार्ग निर्माता

अडानी को राजमार्ग निर्माण का कोई अनुभव नहीं रहा है, बल्कि उसने इस क्षेत्र में 2019 की शुरुआत में ही कदम रखा और उसे हाइवे निर्माण के अधिकतर ठेके मिलते गए….

वरिष्ठ समीक्षक गिरीश मालवीय की पोस्ट

बीते ढाई साल में मोदी ने अपने परम मित्र अडानी की कम्पनी को हाइवे निर्माण के अधिकतर ठेके दिलवा कर देश की सबसे बड़ी राजमार्ग निर्माता कम्पनी बनवा दिया है।….

दो दिन पहले (सप्ताह के शुरू में) गंगा एक्सप्रेसवे को बनाने का ठेका भी अडानी समूह की कम्पनी अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को सौप दिया गया। यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत देश की किसी निजी कंपनी को दी गई अब तक की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना है। इसमे इलाहाबाद से मेरठ तक प्रस्तावित 594 किमी लंबे छह लेन हाइवे को बनाया जाना है। इस परियोजना की लागत 17,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

ऐसा भी नही है कि अडानी को राजमार्ग निर्माण का दशकों का अनुभव है बल्कि उसने हाइवे निर्माण के क्षेत्र में 2019 की शुरुआत में ही कदम रखा है।

फरवरी 2019 में अडानी ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया और पहली बार में ही उसे 1,140 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना का ठेका मिल गया मिला जो छत्तीसगढ़ में बननी है। यह ठेका उसे मोदी सरकार के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से मिला। यह सड़क मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला योजना का हिस्सा है।

उसके बाद तो भारतमाला योजना के अधिकतर टेंडर अडानी के नाम ही खुले हैं।

इस साल की शुरुआत में अडानी को एक बार फिर केरल में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से 1,838 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना का टेंडर मिला।

मार्च में अडानी को एक बार फिर एनएचएआई से 1039.90 करोड़ रुपये का राजमार्ग ठेका मिला यह सड़क तेलंगाना में बनाई जानी है।

अप्रैल में अडाणी एंटरप्राइजेज ने फिर एक बार घोषणा की कि उसने ओड़िशा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 1,169.10 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना हासिल कर ली है।

आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर गोलापुडी से चिन्नाकाकनी के बीच विजयवाड़ा बाईपास को छह लेन का बनाने का ठेका भी अडानी को ही मिला है।

17 हजार करोड़ रुपये के गंगा एक्स्पेसवे के निर्माण के लिए भी कुल 11 कंपनिया आगे आयी थी जिसमे दो विदेशी कंपनियां भी थी लेकिन बाजी तो अडानी के हाथ लगना तय था तो यहाँ भी वही कहानी दोहराई गयी।

फिलहाल अडानी ग्रुप के पास हाइवे निर्माण के 13 ऐसे प्रोजेक्ट है जिनके तहत पांच हजार किमी से ज्यादा की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इनकी लागत 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। देश के नौ राज्यों में ये प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें छत्तीसगढ़, मप्र, तेलंगाना, यूपी, केरल, गुजरात, प. बंगाल, ओडिशा व आंध्र प्रदेश शामिल हैं।

अडानी ओर मोदी का यह गठबंधन भारत मे क्रोनी कैपटलिज्म के इतिहास का सबसे ज्वलन्त उदाहरण है।

साल 2020 में अडानी की संपत्ति में 50% का इजाफा हुआ है पिछले कुछ सालों में दुनिया के बड़े अमीरों में अडानी की संपत्ति से सबसे ज्यादा तेजी से बढ रही हैं। जब ऐसे ठेके बांटे जाएंगे तो ऐसा होना ही है।….

फ़ेसबुक वाल से साभार

About Post Author