तेलंगाना : कोल क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में एससीसीएल में 72 घंटे की हड़ताल जारी

चार कोयला ब्लॉकों की नीलामी के केंद्र सरकार के कदम का विरोध। यूनियनों ने कहा कि अगर केंद्र नीलामी के लिए टेंडर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी।

हैदराबाद। कोल क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में तेलंगाना के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में 72 घंटे की हड़ताल गुरुवार से जारी है।

42,000 श्रमिकों के भारी बहुमत के साथ हुई इस हड़ताल से सभी 23 भूमिगत और 19 खुली खदानों में कोयले की निकासी ठप हो गई।

मज़दूरों ने चार कोयला ब्लॉकों की नीलामी के केंद्र सरकार के कदम का विरोध करने के लिए तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। कोयला ब्लॉकों की नीलामी के केंद्रीय कोयला मंत्रालय के प्रस्ताव का विरोध करते हुए मज़दूरों ने कार्यस्थलों और खदानों पर धरना दिया।

यूनियनों ने कोयला मंत्रालय की वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की सूची से एससीसीएल के चार कोयला ब्लॉकों को हटाने सहित पांच सूत्री मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है। 9 दिसंबर से शुरू हड़ताल 11 दिसंबर तक जारी रहेगी।

ट्रेड यूनियनों ने 12 सूत्री मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस भी दिया। ट्रेड यूनियनों ने धमकी दी है कि अगर केंद्र नीलामी के लिए टेंडर बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देगा।

कोयला मंत्रालय ने खम्मम जिले में सत्तुपल्ली ओपन कास्ट ब्लॉक -3, आसिफाबाद जिले में श्रवणपल्ली ओपन कास्ट ब्लॉक -3, भद्राद्री कोठागुडेम में कोया गुडेम ओपनकास्ट ब्लॉक -3 और मनचेरियल जिले में कल्याणखानी भूमिगत ब्लॉक- 6 की नीलामी का प्रस्ताव रखा है।

हड़ताल में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से संबद्ध तेलंगाना बोग्गू गनी कर्मिका संघम व पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स, हिंद मजदूर सभा और भारतीय मजदूर संघ (इंटक) से संबद्ध ट्रेड यूनियन शामिल हुए।

आइएफटीयू से सम्बद्ध यूनियनें पूरी सक्रियता से इस हड़ताल में शामिल हैं। आइएफटीयू ने निजीकरण के खिलाफ निरन्तरता में सतत, जुझारू व निर्णायक आंदोलन चलाने पर जोर दिया।

आइएफटीयू के अध्यक्ष कॉमरेड एस बी राव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जमीन के भीतर खदानों से लेकर आकाश में उड़ाने वाले विमानों तक को पूँजीपतियों को बेच रही है। जनता के खून-पसीने से खड़ी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम न केवल मुनाफे में रहे हैं, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के साधन भी हैं। मोदी सरकार कॉरपोरेट यारों के मुनाफे के लिए भारी बेरोजगारी भी पैदा कर रही है।

उन्होंने कहा कि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी हर साल 6.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर रही है और तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में ताप विद्युत प्लांटों की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एससीसीएल के चार कोयला ब्लॉकों की नीलामी रोकने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद 2014 में तेलंगाना में बिजली की अधिकतम मांग 5,661 मेगावाट थी और मार्च 2021 तक यह बढ़कर 13,688 मेगावाट हो गई और थर्मल पावर के उत्पादन के लिए निर्बाध रूप से कोयले की आपूर्ति करना आवश्यक है।

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