मज़दूर महापंचयत में हुई आवाज़ बुलंद, इंटरार्क मज़दूरों को न्याय नहीं तो होगा आंदोलन तेज

महापंचायत में इंटरार्क दोनों प्लांटों में जारी गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने, समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली और लंबित मांग पत्रों के तत्काल निस्तारण की माँग तेज हुई।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। स्थानीय अंबेडकर पार्क में रविवार को इंटरार्क कंपनी के दोनों प्लांटों की यूनियनों ने संयुक्त रुप से मजदूर महापंचायत की और कंपनी में जारी गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने, समस्त 32 निलंबित व बर्खास्त श्रमिकों की कार्यबहाली और लंबित मांग पत्रों के तत्काल निस्तारण की मांग करते हुए संघर्ष को तेज करने की चेतावनी दी।

इंटरार्क मजदूर संगठन सिडकुल, पंतनगर और इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा जिला उधम सिंह नगर के मजदूरों द्वारा आयोजित महापंचायत की शुरुआत में उत्तराखंड में आई आपदा और बाढ़ से मृतकों की याद में 2 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

मजदूरों और महिलाओं-बच्चों की जोरदार भागीदारी के साथ शुरू हुई महापंचायत में क्षेत्र के अलग-अलग यूनियनों से आए हुए प्रतिनिधियों ने इंटरार्क मजदूरों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की।

वक्ताओं ने कहा कि सिडकुल क्षेत्र में मजदूरों का शोषण-दमन काफी ज्यादा बढ़ गया है। श्रम विभाग, प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से मजदूरों का दमन काफी तेज हो गया है। इंटरार्क में मज़दूरों के साथ अन्याय उसकी बानगी है। ऐसे में व्यापक एकता की जरूरत है।

वक्ताओं ने मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह मजदूरों को पूरी तरीके से अधिकार विहीन व बंधुआ बना देगा। आज शोषण-दमन के यह हालात हैं तो आने वाले दिनों में स्थितियां इससे भी बुरी होंगी, जिसके लिए मजबूत एकता के साथ एक कठिन संघर्ष की तैयारी भी करनी होगी।

कंपनी गैर क़ानूनी गतिविधियों में लिप्त है, श्रम विभाग मौन है

वक्ताओं ने कहा कि इंटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल पंतनगर व किच्छा जिला ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) के मालिक व प्रबंधन द्वारा अप्रशिक्षित ठेका व कैजुअल मजदूरों, अप्रेंटिस व ट्रेनी के छात्रों को प्रतिष्ठान में खतरनाक मशीनों व मुख्य उत्पादन गतिविधियों में कार्य कराकर मजदूरों के जानमाल से खिलवाड़ हो रहा है।

हद तो यहां तक हो चुकी है कि ठेके के तहत नियोजित सुपरवाइजरों के निर्देशन में स्थाई मजदूरों से जबरिया कार्य करवाया जाता है। जबकि श्रम विभाग द्वारा ठेकेदारों को महज लोडिंग-अनलोडिंग के कार्य करवाने का ही लाइसेंस प्रदान किये गये हैं।

कंपनी प्रबंधन ठेकेदारों के लाइसेंसों का खुला दुरुपयोग एवं कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेशों का घोर उल्लंघन कर ये गैरकानूनी कृत्य कर रही है। जिससे आये दिन श्रमिकों के अंग भंग होकर श्रमिक विकलांग हो रहे हैं। कई स्थाई मजदूर व यूनियन पदाधिकारी तक विकलांग हो चुके हैं। यह क्रम जारी है। प्रबंधन का उक्त कृत्य गैरकानूनी होने के साथ ही मानवता के विरुद्ध घोर अपराध है।

भारी इंजीनियरिंग उद्योग, लेकिन ठेके में काम

वक्ताओं ने बताया कि प्रतिष्ठान भारी इंजीनियरिंग उद्योग है जहां पर बड़े-बड़े भवनों, कारखानो, पुलों, रेलवे, रोडवेज, एयरपोर्ट, बेयर हाउस आदि के लिये लोहे व स्टील की बिल्डिंग मैटीरियल तैयार की जाती है। इसलिए यहां पर ठेकेदारों व कैजुअल मजदूरों, अप्रेंटिस व ट्रेनी छात्रों को मुख्य उत्पादन में नियोजित करना कानूनन पूर्णतया प्रतिबंध है। कंपनी प्रबंधन द्वारा बिना लाइसेंस के गैरकानूनी रूप से कंपनी के उत्पादन कार्य तमाम वर्कशॉपों व अन्य कंपनियों में कराये जा रहे हैं।

कंपनी प्रबंधन, श्रम अधिकारियों आदि को अनगिनत बार अवगत कराने के पश्चात भी कंपनी मालिक, प्रबंधन व ठेकेदारों के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही न करना अत्यंत चिंताजनक व संदिग्ध है।

2018 से शोषण हुआ है तेज

वक्ताओं का कहना था कि कंपनी प्रबंधन द्वारा लिखित समझौता दिनांक 15/12/2018 के पश्चात भी 32 निलंबित व बर्खास्त श्रमिकों की अब तक भी कार्यबहाली नहीं की गई है। पिछले 4 साल से मजदूरों की वेतन वृद्धि नहीं हुई है। माँगपत्रों पर सुनवाई नहीं की जा रही है। बोनस व LTA भी काट दिया जाता है। मजदूरों का घोर उत्पीड़न व शोषण कर प्रबंधन औद्योगिक अशांति उत्पन्न कर रहे हैं। जिससे दोनों कंपनियों के श्रमिक हड़ताल पर जाने को विवश हो रहे हैं।

घृणित कृत्यों पर रोक लगे, अन्यथा श्रमिक लगाएंगे रोक

आज 31 अक्टूबर को आयोजित मजदूर महापंचायत द्वारा सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि श्रम विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर इंटरार्क के दोनों प्लांटों में मानवता के विरुद्ध किये जा रहे उपरोक्त गैरकानूनी कृत्यों पर रोक न लगाये जाने की स्थिति में समस्त मजदूर, महिलाएं, ट्रेड यूनियनें व सामाजिक संगठनों के अधोहस्ताक्षरी गण मानवता की रक्षा में स्वयँ ही इंटरार्क के दोनों प्लांटों में चल रहे उपरोक्त गैरकानूनी व घृणित कृत्यों पर रोक लगाने को स्वतंत्र होंगे। इसकी समस्त जिम्मेदारी कंपनी मालिक, प्रबंधन व श्रम विभाग की होगी।

तमाम यूनियनों-संगठनों की रही भागीदारी

महापंचायत को इंटरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर के अध्यक्ष दलजील सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के अध्यक्ष राकेश कुमार, श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के हरेंद्र सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, मज़दूर सहयोग केंद्र के मुकुल, डेल्टा इम्प्लाइज यूनियन के भुवन पन्त, शिरडी श्रमिक संगठन के रामगोपाल, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के अभिलाख सिंह, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन के रामजीत सिंह, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन के चंदन मेवाड़ी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी जोशी, राने मद्रास इम्प्लाइज यूनियन के कमलेश कार्की, पारले मजदूर संघ के प्रमोद तिवारी, टाटा मोटर्स श्रमिक संघ के अध्यक्ष नवीन जोशी, मंत्री मेटल इम्पालाइज यूनियन के निरंजन, राकेट ऋद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ के भाषकर, ब्रिटानिया श्रमिक संघ के मोनू, समता सैनिक दल के गोपाल सिंह गौतम, थाई सुमित नील ऑटो कामगार संगठन के संदीप, ऑटो लाइन एम्पलाइज यूनियन के जीवन लाल, यजाकी एम्पलाइज यूनियन के रविन्द्र कुमार, समाज सेवी सुब्रत कुमार विश्वास, जन एकता मंच के अध्यक्ष सतनाम सिंह, कांग्रेस के हरीश पनेरू, भाजपा के मनीष शुक्ला आदि ने सम्बोधित किया। संचालन बीरेंद्र पटेल ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मजदूर साथियों व महिलाओं बच्चों ने भागीदारी की।

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