महाराष्ट्र : विभिन्न माँगों को लेकर पूरे प्रदेश के परिवहन कर्मी बेमियादी भूख हड़ताल पर

एसटी का राज्य सरकार में विलय, वेतन व महंगाई भत्ता बढ़ाने आदि माँगों के साथ परिवहन कर्मचारियों ने तीन चरणों में आंदोलन का निर्णय लिया है। अनशन 27 अक्टूबर से शुरू हुआ।

नाशिक (महाराष्ट्र)।वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य भर के राज्य परिवहन (एसटी) कर्मचारियों ने कल बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। नाशिक, मनमाड, पुणे, नागपुर, सोलापुर में कर्मचारी आक्रामक होते दिखाई दिए।

उन की मांग है कि उन्हें महंगाई भत्ता दिया जाए, वार्षिक वेतन वृद्धि दो प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत की जाए। उन्होंने दीपावली से पहले भुगतान करने की मांग की। अब देखना है कि क्या राज्य सरकार और परिवहन मंत्री अनिल परब दीपावली से पूर्व एसटी कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझा सकेंगे।

नाशिक व मनमाड़ में भूख हड़ताल

नाशिक में कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू किया। नाशिक के एन.डी पटेल रोड पर एसटी डिपो के कर्मचारी एकत्रित हुए। विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने इस अनशन का समर्थन किया है। इस बीच मनमाड़ में भी कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर चले गए। आंदोलन के चलते स्टेशन से किसी भी बस को नहीं छोड़ा गया। इससे यात्रियों को परेशानी हुई।

पुणे और कोल्हापुर में भी आंदोलन

एसटी कर्मचारियों ने पुणे और कोल्हापुर में भी आंदोलन शुरू कर दिया है। पुणे के स्वारगेट इलाके में एसटी निगम के संभागीय कार्यालय के बाहर ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया गया है। कोल्हापुर में भी एसटी कर्मचारी आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार को तत्काल मांगों को स्वीकार करना चाहिए अन्यथा आक्रोष बढ़ जाने पर पूरे राज्य में आंदोलन किए जाएंगे।

नागपुर और सोलापुर में अनशन शुरू

एसटी कर्मचारियों ने नागपुर में भी आंदोलन शुरू कर दिया है। इस दौरान एसटी का काम बंद कर दिया गया। कर्मचारियों ने तय किया है कि यात्रियों कि सुविधा के लिए कुछ योजना बनाई जाएगी। सोलापुर में श्रमिक कृति संघ ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस स्थान पर एसटी की परिवहन सेवा सुचारू रूप से चल रही है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आंदोलन में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कलवण में भी अनशन शुरू

एसटी का राज्य सरकार में विलिनीकरण करें, वेतन बढ़ाने, महंगाई भत्ता बढ़ाने सहित विविध मांगों को लेकर राज्य परिवहन महामंडल के कलवण डिपो के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालिन अनशन शुरू कर दिया है, जिसमें कृति समिति के भूषण पगार, मंसाराम चव्हाण, राजाराम पगार, राजेंद्र खैरनार, विलास पवार, ऋषिकेश बागुल, नारायण पगारे, अनुप खैरनार, दीपक काकुलते, काशिनाथ पवार, नारायण गांगुर्डे, प्रवीणकुमार गायकवाड़, कौशल चंद्रात्रे, राजेंद्र जाधव सहित अन्य कर्मचारी शामिल हुए।

तीन चरणों में आंदोलन का निर्णय

समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार तीन चरणों में आंदोलन का निर्णय लिया गया है। अनशन 27 अक्टूबर को दिवाली से पहले शुरू हुआ। नागपुर में शीतकालीन सत्र के दूसरे या तीसरे दिन मोर्चा होगा। इसके अलावा एसटी कर्मचारी कार्रवाई समिति ने कहा है कि एसटी कर्मचारी एसटी का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर अंतिम लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।

परिवहन कर्मचारियों की माँगें

महाराष्ट्र राज्य एसटी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप शिंदे ने जानकारी दी है कि एसटी का राज्य सरकार में विलय, वेतन और महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर आंदोलन चल रहा है। लगभग 65 लाख लोगों को प्रतिदिन सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने वाले एसटी कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं किया जाता है। कोरोना काल में 306 एसटी कर्मचारियों की जान चली गई। एसटी कर्मचारियों को एच.पी.आर. समय पर नहीं मिल रहा, डीए समय पर नहीं मिल रहा। राज्य में हर संकट में एसटी स्टाफ सबसे आगे है। एसटी कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है।

नवभारत से साभार संपादित

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