उत्तराखंड में बारिश से मौत व तबाही का मंज़र, तमाम इलाके जलमग्न; रेल-सड़क मार्ग बंद
सबसे ज्यादा कुमाऊं में तबाही है, जहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं, कई लोग मलबे में दबे हुए हैं, सैकड़ों मौतें हुईं, कई लापता हैं। सरकारी आंकड़ों में शाम तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड में बेमौसम आफत की बरसात के साथ चारों ओर सिर्फ तबाही का मंजर है। नैतीताल-हल्दवानी-रामगढ़-चमोली, हर जगह बाढ़ का सितम है। हालात बेहद खराब हो गए हैं। सबसे ज्यादा कुमाऊं क्षेत्र प्रभावित है, जहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं और मलबे में कई लोग दबे हुए हैं।
कई फैक्ट्रियाँ, कार्यालय व सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहे, परीक्षाएं तक स्थगित हो गईं। सड़कों के साथ कुमाऊँ में आने वाली ट्रेनें बंद रहीं।
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है।
चौतरफा भयावह मंज़र
भारी बारिश से सड़कों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। ट्रैक्टर से लेकर कार तक सब कुछ पानी में बहता दिखाई दे रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कुमाऊँ क्षेत्र में मंगलवार शाम तक 44 लोगों की जबकि गढ़वाल में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। न जाने कितने घर बह गए, कितने निजी समान और फसलें तबाह हो गईं।
प्रशासनिक मीडिया सेल, कुमायू परिक्षेत्र के अनुसार नैनीताल में 28, ऊधम सिंह नगर में एक, अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 7, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में एक-एक व्यक्तियों की मौत की खबर है।
तमाम लोग लापता हैं। नैनीताल के ओखलकांडा और चम्पावत में आठ लोग लापता हैं। लापता लोगों की संख्या हर जिले में बढ़ती जा रही हैं। छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले के 55 से ज्यादा लोग फंस गए हैं।
गढ़वाल के पौड़ी जिले के लैंसडाउन के पास ठहरे नेपाल के तीन मजदूरों समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है। चमोली से भी एक की मौत की खबर है।
रेल सेवा स्थगित
काठगोदाम में रेलवे लाइन गौल नदी में बह जाने से रेल मार्ग बंद हो गया। इससे काठगोदाम-दिल्ली संपर्कक्रांति, काठगोदाम-देहरादून नैनी जनशताब्दी तथा रामनगर-मुरादाबाद पैसेंजर सहित मुरादाबाद-काठगोदाम पैसेंजर ट्रेन रद हुई। हावड़ा-काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस रामपुर में, जैसलमेर-काठगोदाम रानीखेत एक्सप्रेस रुदपुर में और नई दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस मुरादाबाद में रद हुई।
इस बीच राज्य सरकार ने लोगों से बुधवार तक अनावश्यक यात्राएं न करने की सलाह दी है। चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को भी उनके वर्तमान स्थान पर ही बने रहने को कहा है।
कुमायू परिक्षेत्र की भयावह स्थिति
नैनीताल
करीब दो दिन से लगातार जारी बारिश ने अक्टूबर में नैनीझील के जलस्तर के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। नैनीताल में 200 मिमी से ज्यादा की बारिश दर्ज हो चुकी थी, जिसकी वजह से झील का जलस्तर 12.2 फीट के ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड को पार कर गया। नैनी झील का पानी तल्लीताल में मॉल रोड और डॉठ सड़क पर आ गया है। जिससे लोवर मॉल रोड पर जल भराव हो गया है।
नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते बंद हो गई हैं। हल्द्वानी, कालाढुंगी और भवाली रोड भी जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद हैं। नैनीताल डीएम आवास भी भूस्खलन की चपेट में है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी गौला नदी में समा गई है। रामनगर के पूरे इलाके में पानी भरा पड़ा है।
नदी नाले उफान पर हैं और कई जगह पुल भी टूट गए हैं। बारिश के चलते हल्द्वानी से जोड़ने वाला गौला नदी का पुल बीच से अलग हो गया। खैरना, गरमपानी, रामगढ़, भुजियाघाट, ओखलकाण्डा, गौला पुल, काठगोदाम, नैनी क्षेत्र प्रभावित है। रामगढ़ गांव में बादल फटने की घटना सामने आई है। लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
जिले में 28 व्यक्तियों की आपदा से मृत्यु हुयी है इनमें दोषापानी मुक्तेश्वर में पांच, चौखुटा में छह, सकुना में नौ, बोहराकोट में दो, चौपड़ा में एक, भीमताल में एक, कैंची भवाली में दो, रामगढ़ में एक की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर शामिल हैं।
रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।
लगभग 950 लोगो को रैस्क्यू किया गया है। इसके अतिरिक्त भुजियाघाट, गौला पुल की सडक व काठगोदाम की रेलवे लाईन क्षतिग्रस्त है। नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है।
ऊधम सिंह नगर
जिला मुख्यालय रुद्रपुर की हालत तो ऐसी है कि यहां तमाम मुहल्लों, बस्तियों में भी पानी ही पानी है। लोग आठ-दस फीट पानी में तैरकर गुजर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र सिड़कुल जलमग्न हो गया। सिड़कुल की सड़कों और कई फैक्ट्रियों में पानी भर जाने से कई कारखाने बंद रहे।
कल्याणी नदी उफान पर होने से रुद्रपुर के भूतबंगला, रम्पुरा, रुद्रपुर मुख्य बाजार, जगतपुरा, ट्रांजिट कैम्प, शिवनगर, रवींद्र नगर, मुखर्जी नगर, अटरिया क्षेत्र आदि के निचले इलाकों में जल भराव है। किच्छा, कालीनगर, बरहैनी, प्रभावित है। रूद्रपुर रुद्रपुर-किच्छा राजमार्ग तीन पानी पर बंद है।
इसके अतिरिक्त काली नगर पुलिया क्षतिग्रस्त, जाफरपुर हाईवे को जोडने वालो पुल क्षतिग्रस्त, एमिनिटी स्कूल के पास पुल क्षतिग्रस्त हुयी है।
मूसलाधार बारिश से गौला की बाढ़ व तेज बहाव से किच्छा डैम फाटक क्षतिग्रस्त हो गया। कई बस्तियां पानी में डूब गईं। लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त एवं एक पुलिया टूट गई।
जिले के बाजपुर में एक व्यक्ति की पानी में डूबने से मृत्यु हुयी है जबकि रामपुर के विधायक की पुत्रवधू की बारिश के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। करीब 1176 लोगों को रैस्क्यू किया जा चुका है। कई परिवार और मज़दूर घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लेने को मजबूर हुए। अभी भी तमाम लोग फंसे हुए हैं।
अल्मोड़ा
जनपद में डूंगाधारा, तिराड़, रापड़ (भिक्यासेण) क्षेत्र आपदा से प्रभावित है। अल्मोड़ा जिले में छह लोगों की अलग-अलग जगहों पर मलबे में दबने से मौत हुई। इनमें तीन लोग भिकियासैंण क्षेत्र के ग्राम रापड के एक ही परिवार के थे। मृतकों में अमर उजाला के पूर्व पत्रकार आनंद नेगी और उनके परिवार के दो अन्य सदस्य शामिल हैं। एक महिला चितई गांव की और एक युवती एनटीडी क्षेत्र की थी। स्याल्दे में भी एक महिला की मलवे में दबने से मौत हुई है।
विभिन्न स्थानों पर कुल 693 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इसके अतिरिक्त भिक्यासैंण में रापड के पास रोड क्षतिग्रस्त है।
बागेश्वर
जनपद में काण्डा; सिमकोना गॉवद्ध क्षेत्र आपदा से प्रभावित है। जनपद में एक 50 वर्षीय चनरराम के पानी में बहने से मृत्यु हो गयी है।
पिथौरागढ़
जनपद में तवाघाट, सोबलाखेत, पांगला, गुरना के पास, धारचुला- गुन्जी (मलघट के पास), अस्कोट के पास, थल- मुन्स्यारी (हरडिया नाला), पनार- गंगोलीहाट, सेराघाट-अल्मोडा रोड क्षेत्र आपदा से प्रभावित है। जिले में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है।
चम्पावत़
जिले में चम्पावत (ब्लाक के पास), पाटी, रीठा साहिब, पंचेश्वर, देवीधुरा क्षेत्र आपदा से प्रभावित है। जिले में मलबे के नीचे दबने से 07 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। चंपावत के तेलवाड़ में भूस्खलन की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। दो लोग लापता हैं।
एक 10 वर्षीय घायल बच्ची को रेसक्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया, 03 परिवारों के लगभग 15 व्यक्तियों को रेसक्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहूचाया गया। टनकपुर के राहत शिविर में लगभग 3500 लोगों सुरक्षित पहुचाया गया। चलती हाईवे के पास 40 मीटर सड़क मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त, लगभग सभी जगह सड़के बन्द है।
गढ़वाल
चमोली
जिले में बादल फटने से लामबगड़(गैरसैंण) में भारी नुकसान हुआ है। वहीं एक एक व्यक्ति की मौत हो गई। कुमाऊँ-गढ़वाल सीमा पर चौखुटिया से सात किमी दूर खीड़ा इलाके में रविवार शाम बादल फटने से एक व्यक्ति राम सिंह लापता हो गया, जबकि तीन गोशालाएं बह गईं।
चमोली के थराली के सिमलसैंण में भारी बारिश से एक मकान जमींदोज हो गया. वहीं, थराली ग्वालदम-कर्णप्रयाग मोटरमार्ग मलबा आने से बाधित हो गया है। चमोली जिले के मारवाड़ी, जोशीमठ में भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूरों के घर मे मलबा आने से 4 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है।
पौड़ी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अब तक नेपाल के तीन मजदूरों समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है। मजदूर पौड़ी जिले के लैंसडाउन के पास ठहरे हुए थे, जब ऊपर एक खेत से गिर रहे मलबे ने उन्हें जिंदा दफन कर दिया।
गौचर-बद्रीनाथ मार्ग अधिकांश जगहों पर बाधित हो गया है। बाबा आश्रम, क्षेत्रपाल, पागल नाला, पाखी, हाथीपर्वत, गुलाब कोटि, टंगणी, लामबगड़, रडागबैण्ड, बैनाकुली, हनुमानचट्टी, कर्णप्रयाग-गैरसैंण मार्ग भटोली व कर्णप्रयाग-ग्वालदम मार्ग, थराली नासिर बाजार मार्ग पर भारी मलबा आ गया है।