परिचर्चा में उठी आवाज़ : स्वास्थ्य हो मौलिक अधिकार; स्वास्थ्य तंत्र का राष्ट्रीयकरण हो!

परिचर्चा में सामने आया कि आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने से बाईस लोगों की मौत ने मानव विरोधी व्यवस्था का चेहरा बेनकाब कर दिया था।

मथुरा (उत्तरप्रदेश)। स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और नागरिकों के कर्तव्य विषय पर कौमी एकता मंच और समाजवादी लोक मंच के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को होटल आतिथ्य पैलेस में एक परिचर्चा आयोजित की गई। “स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल और हमारे कर्तव्य” विषय पर आयोजित इस परिचर्चा में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस परिचर्चा में स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की मांग के साथ एक वृहद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई।

बीते दो वर्षों में जिस तरह देश में स्वास्थ्य सेवाओं के लचर ढांचे की पोल खुली, उससे तमाम देशवासी आहत थे लेकिन आगरा के पारस अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की वजह से हुई बाईस लोगों की मौत ने मौजूदा मानव विरोधी व्यवस्था का चेहरा पूरी तरह बेनकाब कर दिया था। ऐसी घटनाओं से आहत दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कौमी एकता मंच और समाजवादी लोक मंच के आह्वान पर जन-जन को स्वास्थ्य के अधिकार के प्रति जागरूक करने एवं देश की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल बदलाव का लक्ष्य ले कर इस कार्यक्रम में सहभागिता की।

इस परिचर्चा में यह मांग उठाई गई कि समूचे स्वास्थ्य तंत्र का राष्ट्रीयकरण किया जाए, स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए, जीडीपी का न्यूनतम 10 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च किया जाए जबकि अभी सिर्फ 1.3 प्रतिशत ही खर्च किया जा रहा है, प्रदूषण रहित वातावरण हर नागरिक का अधिकार है यह उसे मिलना ही चाहिए अतः इसकी उपलब्धता भी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाए, आगरा के पारस अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान किए गए नरसंहार की उच्च स्तरीय जांच की जाए व पीड़ितों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए,  इसके अलावा यातायात एवं कार्य क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की संभावनाओं को न्यूनतम करने हेतु विशेष कदम उठाए जाएं।

इस अवसर पर उत्तराखंड के रामनगर से पधारे समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार, महिला एकता मंच की अध्यक्षा ललिता जी, वर्कर्स यूनिटी के संचालक संदीप जी तथा कौमी एकता मंच की ओर से मधुबन दत्त चतुर्वेदी एडवोकेट ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपनी बात रखी।

इनके अलावा सीपीआई एम जिला सचिव दिगंबर सिंह, नौजवान भारत सभा के जिला संयोजक करण, बहुजन मुक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष मेहराज अली आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे