करोलिया लाइटिंग के मज़दूर आंदोलित, बैठे कंपनी के भीतर, प्रबंधन ने बाहर से खाना रोका

यूनियन ने कहा कि बर्खास्त साथी की कार्यबहाली व माँगपत्र के समाधान की जगह दो और श्रमिकों की गेटबंदी के विरोध पर प्रबंधन ने सबको रोक दिया, जिससे समस्त श्रमिक कंपनी में बैठे हैं।

पंतनगर (उत्तराखंड)। करोलिया लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड, सिडकुल पंतनगर में प्रबंधन द्वारा सोमवार 11 अक्तूबर को दो श्रमिकों की अवैध गेटबन्दी व प्रबन्धन द्वारा उत्पीड़न के विरोध में कंपनी के समस्त श्रमिक कंपनी के भीतर ही बैठ गए हैं। फैक्ट्री में काम बंद है।

करोलिया इम्पालाइज यूनियन ने बताया कि प्रबंधन की हठधर्मिता कायम है। शाम को मजदूरों ने बाहर से खाना मंगाया, जिसे प्रबंधन ने गेट से अंदर नहीं आने दिया और मज़दूर रात में भूखे ही रह गए।

यूनियन द्वारा सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर को भेजे पत्र में लिखा है कि आज दिनांक 11–10–2021 को करोलिया लाइटिंग प्रबंधन द्वारा श्रमिकों देव सिंह व दिनेश चन्द्र का गेट बंद कर दिया है, जबकि संरधान/आईआर कार्यवाही जारी है। प्रबंधन की ऐसी मनमानी और गैरकानूनी कार्य का विरोध करने पर प्रबन्धन ने सभी श्रमिकों को कार्य से रोक दिया, जिसके विरोध में समस्त श्रमिक कम्पनी में बैठे हैं।

यूनियन के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने कहा कि यूनियन बनने और माँग पत्र देने के बाद से श्रमिकों को रोज मानसिक रूप से प्रबंधन द्वारा परेशान किया जा रहा है। उसने यूनियन उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव को प्रतिशोधवश बर्खास्त कर दिया। माँगपत्र पर भी प्रबंधन ने एक साल निकल जाने के बावजूद कोई बात नही की है।

बताया कि प्रबंधन लगातार श्रमिकों का दमन कर रहा है और मनमाने तरीके से श्रमिकों को शिफ्ट में न बुलाकर कभी 11 बजे कभी 12 बजे तो कभी 10:30 बजे बुला रहा है जिससे श्रमिक मानसिक रूप से परेशान और पीड़ित है। प्रबंधन ने कोविड गाइड लाइन का भी उल्लंघन किया।

बताया कि प्रबंधन जानबूझकर कंपनी के शांतपूर्ण औद्योगिक माहौल को बिगाड़ने के लिए प्रयासरत है। इससे श्रमिकों में रोष लगातार बढ़ता रहा है। आज की घटना भी प्रबंधन की उसी उत्पीड़न का नतीजा है।

यूनियन ने एएलसी को भेजे पत्र द्वारा माँग की है कि सुनील कुमार यादव की कार्य बहाली व श्रमिकों की अवैध गेटबन्दी खत्म कराने सहित अन्य 10 श्रमिकों के आरोप पत्र को निरस्त करते हुए माँग पत्र पर समझौता कराएं।

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