योगी सरकार की निरंकुशता : घोसी में किसान नेताओं की गिरफ़्तारी घोर निंदनीय, रिहाई की माँग

भारत बंद के दौरान चार किसान नेताओं की असंवधानिक गिरफ़्तारी, किसान नेताओं के घर में दबिश योगी सरकार के दमन का नमूना है, जिसकी निंदा और प्रतिरोध जारी है।

संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

किसान आंदोलन की धमक उत्तर प्रदेश में फैलाने और आगामी चुनाव के दृष्टिगत मिशन उत्तर प्रदेश से योगी सरकार बौखला गई है। वह पूरी तरह दमन पर उतर आई है। निरंकुशता के साथ राज्य को पुलिसिया राज में बदल दिया है। इसका ताजा उदाहरण 27 सितंबर के भारत बंद के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी में किसानों के दमन के रूप में सामने आया है।

भारत बंद के दौरान हुए प्रतिरोध कार्यक्रम में घोसी (मऊ) में शामिल चार किसान नेताओ अवधेश बागी, चन्द्रशेखर, राघवेंद्र, और राजेश मंडेला को, आधी रात को एसटीएफ की टीम ने घर से उठा लिया और हिरासत में उनके साथ मारपीट की। तीन नेताओं को फर्जी धाराओं में मुकदमा कर जेल भेज दिया। सरकार की नीतियों के विरुद्ध शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर पर पुलिस अब भी लगातार दबिश दे रही है।

इस अलोकतांत्रिक दमनात्मक कार्रवाई की संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश तथा प्रदेश के नागरिक समाज ने कड़ी निन्दा करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर गिरफ्तार सभी किसान नेताओं पर दर्ज़ फर्जी मुकदमे उठाते हुए तत्काल रिहाई की माँग की है और प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात का समय माँगा है।

भेजे गए ज्ञापन में लिखा है कि आपको अवगत कराना है कि घोसी (मऊ) में विगत 27 सितम्बर, को संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर हुए भारत बंद के दौरान हुए प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल चार किसान नेताओ अवधेश बागी, चन्द्रशेखर, राघवेंद्र, और राजेश मंडेला को, आधी रात को एसटीएफ की टीम ने घर से उठा लिया और हिरासत में उनके साथ मारपीट की। बाद में इनमें से एक नेता, राजेश मंडेला को छोड़ दिया लेकिन बाकी तीन नेताओं को फर्जी धाराओं में मुकदमा कर जेल भेज दिया।

इतना ही नहीं, सरकार की नीतियों के विरुद्ध शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले कई किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर पर पुलिस अब भी लगातार दबिश दे रही है। उनके परिवार वालों के साथ बदसलूकी कर उन्हें परेशान कर रही है।

इस अलोकतांत्रिक दमनात्मक कार्रवाई की संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश तथा प्रदेश के नागरिक समाज के लोग कड़ी निन्दा करते हैं और आपसे इस निंदनीय कार्यवाई का संज्ञान लेकर हस्तक्षेप का अनुरोध करते है। साथ ही गिरफ्तार किए सभी किसान नेताओं पर दर्ज़ फर्जी मुकदमे वापस कराते हुए तत्काल रिहाई की मांग करते है।

आदरणीय महोदय इस गम्भीर मामले पर बात करने के लिए हमारा प्रतिनिधि मंडल आपसे मुलाकात करना चाहता है।

ज्ञापन भेजने वालों में प्रो. रमेश दीक्षित, सी. बी. सिंह, संदीप पाण्डेय, राकेश वेदा, मधू गर्ग, हरनाम वर्मा, डी. पी. सिंह, तेजेन्द्र सिंह विर्क, राकेश सिंह चौहान, मुकुट सिंह, प्रेमनाथ राय, ओपी सिन्हा, शिवाजी राय, राजीव यादव, शशिकांत, कमलेश यादव, ललित त्यागी, धर्मेन्द्र सिंह, सन्तोष ‘परिवर्तक’, अजय असुर शामिल हैं।

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