मुजफ्फरनगर : ऐतिहासिक किसान-मज़दूर महापंचायत में 10 लाख का जनसैलाब; 27 को भारत बंद

किसानों ने भरी हुंकार- एकजुटता और जनमानस का शक्ति प्रदर्शन; मिशन उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड की शुरुआत; यह ऐतिहासिक दिन भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा!एसकेएम

चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने और सांप्रदायिक व जातिवादी राजनीति को परास्त करने का आह्वान

मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में ऐतिहासिक किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन हुआ। लोगों का एक सैलाब उमड़ पड़ा और मुजफ्फरनगर शहर रैली मैदान में बदल गया। एकजुटता और जनमानस की शक्ति के प्रदर्शन में देश भर के 10 लाख से अधिक किसान एक साथ जुटे।

आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए समर्थकों में भारी उत्साह रहा। आज जितने किसान महापंचायत स्थल पर थे उससे कई गुना पूरे शहर में फैले हुए थे। अनगिनत किसान तो अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से ही नहीं निकल पाए। उन्होंने कहा, हम शामिल होने आए, घर छोड़ा और यहां आ गये। मंच पर जाकर क्या करना, किसान का ईमान उसकी खेती है। 

दो दिन से पूरे शहर में भंडारे चल रहे हैं, हिंदू-मुस्लिम के सौहार्द वाले, तमामों खापों के नामों वाले, इलाके वाले—और इन सबसे इलाके का सबसे स्वादिष्ट पकवान पक रहा था। चाहे वह इलाके की मशहूर उड़द की दाल हो या छोले और आलू-कचालू। 

एसकेएम ने 27 सितंबर को भारत बंद को पूरे देश में एक बड़ी सफलता बनाने का आह्वान किया। एसकेएम उन लाखों किसानों को धन्यवाद दिया जो सरकार की बाधाओं और महापंचायत को रोकने के प्रयासों के बावजूद मुजफ्फरनगर पहुंचे, और उन्हें आंदोलन की मशाल को भारत के कोने-कोने तक ले जाने का आह्वान करता है।

किसान मजदूर महापंचायत ने मिशन उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड की शुरुआत की। किसानों ने आगामी चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने का संकल्प लिया और कहा कि किसान-मजदूर का मुद्दा भाजपा की सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति को परास्त कर देगा।

Kisan Mahapanchayat In Muzaffarnagar: Small India Seen In Mahapanchayat,  See In Pictures - महापंचायत नहीं मेला: सैलाब बनकर उमड़ा किसानों का रेला,  मुजफ्फरनगर में दिखा लघु भारत - Amar ...

10 लाख से अधिक किसानों का ऐतिहासिक समागम

देश भर के 10 लाख से अधिक किसानों की ऐतिहासिक किसान मजदूर महापंचायत आज 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में एसकेएम द्वारा आयोजित की गई। यह महापंचायत भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।

कल शाम से ही भारी संख्या में किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे थे। विशाल जीआईसी मैदान आज सुबह से ही लाखों उत्साही और दृढ़निश्चयी किसानों से गुलज़ार होने लगा। रैली मैदान की ओर जाने वाले सभी मुख्य मार्ग हजारों किसानों से भर गए। मुजफ्फरनगर में अभी भी लोगों, ट्रैक्टरों, कारों, बसों का आना-जाना जारी था। मुजफ्फरनगर का पूरा शहर रैली मैदान में बदल गया।

एकजुटता और जनमानस की शक्ति का प्रदर्शन

राज्य, धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा के भेद को काट, लोगों का एक सैलाब उमड़ परा, जिसने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश भेजा। किसान मजदूर महापंचायत को समाज के सभी वर्गों का अभूतपूर्व समर्थन मिला। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लाखों किसानों को घंटो इंतजार करना पड़ा और बहुतों को मैदान के बाहर से भाषण सुनना पड़ा, जिसके लिए कई किलोमीटर तक एक संबोधन प्रणाली स्थापित की गई थी।

Muzaffarnagar kisan mahapanchayat gic ground report with police force bku  naresh tikait rakesh tikait dvup | मुजफ्फरनगर के GIC ग्राउंड में भारी  संख्या में पहुंचे किसान, कड़ी पुलिस सुरक्षा ...

दर्जनों राज्यों से लाखों किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और देश के कई अन्य राज्यों से लाखों किसान आए। इनमें पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और अन्य राज्य भी शामिल थे। महिला एवं युवा किसान भारी संख्या में पहुंचे। यह शायद भारत में अब तक की सबसे बड़ी किसानों की रैली थी। किसान हजारों राष्ट्रीय झंडे और अपने किसान संगठनों के झंडे लिए हुए थे। पूरे शहर में एक बहुत ही रंगीन नजारा था।

रैली के दौरान कई बार किसान-मजदूर एकता के नारे और किसान-विरोधी भाजपा सरकार की हार का आह्वान किया गया। दूर-दूर से आए किसानों की मदद के लिए सैकड़ों लंगर, चिकित्सा शिविर और मोबाइल क्लीनिक स्थापित किए गए थे।

मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का भी उद्घाटन

मुजफ्फरनगर किसान मजदूर महापंचायत ने एसकेएम के मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का भी उद्घाटन किया, जो दोनों राज्यों में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने और केंद्रीय कानून के लिए C2 + 50% पर एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए किसानों के संघर्ष को मजबूत करेगा, और आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार सुनिश्चित करेगा।

भाजपा की सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति परास्त होगी

सभी वक्ताओं ने कहा कि किसान-मजदूर ऐजेंडा भाजपा-आरएसएस की सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति पर विजय प्राप्त करेगा। किसान मजदूर महापंचयत ने ऐलान किया कि किसान अब कभी भी देश में सांप्रदायिक दंगे नहीं होने देंगे। किसान आंदोलन के सभी नारे हिन्दू-मुस्लिम एकता को मजबूती देने वाले होंगे।

मुजफ्फरनगर में बीजेपी ने 'किसान महापंचायत' को बताया 'चुनावी बैठक' |  abhishek times news

जाति-मजहब की टूटी दीवार

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार अंग्रेजी हुकूमत की ’फूट डालो, राज करो’ की नीति तथा जाति और धर्म की सांप्रदायिक नीति पर राज कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह महापंचायत केंद्र सरकार को चेतावनी देने के लिए की गई है।

सभी जाति, धर्म और तबके के समर्थन से लाखों किसानों की रैली के बावजूद यदि सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तथा कृषि उत्पादों की खरीद की कानूनी गारंटी नहीं देती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि बेरोजगारी के सवाल को लेकर शीघ्र ही संघर्ष की योजना बनाई जाएगी।

Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: मंच पर पहुंचे राकेश टिकैत, मोदी-योगी  सरकार मुर्दाबाद के नारे लगे; महापंचायत शुरू हुई | Muzaffarnagar Kisan  Mahapanchayat BKU President Naresh Tikait ...

योगी सरकार ने की वायादाखिलाफ़ी

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि योगी सरकार ने किसानों से जो वायदे किए थे वे पूरे नहीं किए हैं। फसल खरीद के वायदे के अनुसार 20% की खरीद भी नहीं की गई है। यूपी सरकार ने 86 लाख किसानों की कर्जा माफी का वादा किया गया था जबकि 45 लाख किसानों का भी कर्ज माफ नहीं हुआ है। केंद्र सरकार की एजेंसी सीएसीपी ने पाया है कि वर्ष 2017 में गन्ना की लागत प्रति क्विंटल 383 थी, लेकिन किसानों को 325 रूपये क्विंटल का भुगतान किया गया, तथा गन्ना मिलों पर किसानों का 8,700 करोड़़ रुपया बकाया है।

उत्तर प्रदेश में फसल बीमा का भुगतान वर्ष 2016-17 में 72 लाख किसानों को किया गया, वहीं 2019-20 में 47 लाख किसान को ही किया गया, जिसमें फसल बीमा कंपनियों को 2,508 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। किसान मजदूर महापंचायत ने उत्तर प्रदेश सरकार के वायदे के अनुसार 450 रूपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट देने की मांग करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी बैठक में आंदोलन का ऐलान करने का निर्णय लिया है।

27 सितंबर को होगा भारत बंद

किसान मजदूर महापंचायत ने 27 सितंबर, सोमवार को भारत बंद को पूरे देश में व्यापक रूप से सफल बनाने का आह्वान किया। अपरिहार्य कारणों से भारत बंद की पूर्व तिथि में परिवर्तन किया गया है। (25 सितंबर से थोड़ा बदलाव घोषित किया गया)।

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- सरकार को देनी होगी वोट से चोट, मोदी-शाह को बताया बाहरी

सभी प्रमुख नेताओं ने किया संबोधित

जनसभा को एसकेएम के सभी प्रमुख नेताओं और उपस्थित सभी राज्यों के नेताओं ने संबोधित किया। इनमें कई महिलाएं और युवा वक्ता भी शामिल थे।

प्रमुख वक्ताओं में राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, धर्मेंद्र मलिक, राजेश सिंह चौहान, राजवीर सिंह जादौन, अमृता कुंडू, बलबीर सिंह राजेवाल, जगजीत सिंह डल्लेवाल, डॉ दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), हन्नान मोल्ला, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी, बलदेव सिंह निहालगढ़, रुलदु सिंह मनसा, कुलवंत सिंह संधू, मनजीत सिंह धनेर, हरमीत सिंह कादियां, मनजीत राय, सुरेश कोथ, रंजीत राजू, तेजिंदर सिंह विर्क, सत्यवान, सुनीलम, आशीष मित्तल, डॉ सतनाम सिंह अजनाला, सोनिया मान, जसबीर कौर, जगमती सांगवान के अलावा विभिन्न खापों के प्रधान थे।

Muzaffarnagar News: Lakhs of farmers have extended their support to this  Mahapanchayat by reaching out to the Mahapanchayat being held at the GIC  ground of Muzaffarnagar. After which the enthusiasm of the

सभी भागीदारों को बधाई और धन्यवाद

एसकेएम ने उन लाखों किसानों को बधाई दी और धन्यवाद दिया जो आज भाजपा की योगी सरकार द्वारा लगाए गए सभी अवरोधों को लांघ मुजफ्फरनगर पहुंचे, और उनसे किसान आंदोलन की मशाल को भारत के हर कोने में ले जाने का आह्वान किया। एसकेएम ने तीन किसान-विरोधी कानूनों को निरस्त करने और और एमएसपी की कानूनी गारंटी के अपनी मांग को पुनः स्पष्ट किया

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति (283वां दिन, 5 सितंबर 2021)के साथ

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे