हरियाणा : आंगनबाड़ी वर्कर्स का महिला व बाल विकास मंत्री आवास पर जोरदार प्रदर्शन

बीते 35 दिनों से आंदोलित आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी और कमला दयोरा का टर्मिनेशन व नेताओं के खिलाफ मुकदमे रद्द नहीं होते आंदोलन जारी रहेगा।

श्रमिक का दर्ज देने सहित विभिन्न माँगों को लेकर आंदोलन जारी

कैथल (हरियाणा)। आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों का बीते 22 जुलाई से धरना-प्रदर्शन जारी है। धरने के 34वें दिन मंगलवार 24 अगस्त को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कमलेश डांडा के कैथल आवास पर जिला हिसार की आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्परों ने धरना प्रदर्शन किया।

धरने की अध्यक्षता जिला हिसार से नारनौंद ब्लॉक की यूनियन नेता मनजीत कौर ने की तथा संचालन नीलम द्वारा किया गया।

आंगनबाड़ी वर्कर्स को पता चला था कि मंत्री महोदया आवास में आई हुई हैं तब आक्रोशित आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर मंत्री के आवास के गेट पर पहुँच गयी, मगर वहां मंत्री नहीं मिली। इससे काफी रोष फैल गया और मंत्री व हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। कमला दयोरा ने धरना को कामयाब करने के लिए प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर का धन्यवाद किया।

इस मौके पर आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन की राज्य प्रधान कुन्ज भट्ट ने कहा कि मौजूदा खट्टर सरकार ने वर्ष 2018 में हमारे आंदोलन के दवाब में आगनवाडी वर्कर्स व हैल्पर को श्रमिक का दर्जा तथा श्रमिक को मिलने वाली सुविधाएं देने का वायदा किया था, मगर वो वायदा आज तक पूरा नहीं किया। विभाग के अधिकारी डिजिटल इंडिया के नाम पर आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर का शोषण उत्पीड़न कर रहे हैं, जिससे जनता में भी रोष है।

उन्होंने खेद जाहिर किया कि हम बहनें मंत्री के आवास पर धरना देकर इसलिए बैठी हैं कि मंत्री महोदया भी महिला हैं और वह हमारा दर्द जरूर सुनेगी। मगर हमारा दर्द सुनने की बजाय हमारी यूनियन नेता कमला दयोरा को टर्मिनेट करके उसका रोजगार ही छीन लिया है। साजिश रचकर हमारी बहनों जगमति मलिक व कमला दयोरा तथा अन्य नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवा दिये हैं यह अत्यंत निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी और कमला दयोरा का टर्मिनेशन रद्द नहीं होता व जगमति मलिक, कमला दयोरा और अन्य नेताओं के खिलाफ बनाये मुकदमे रद्द नहीं होते हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

कैथल जिला की प्रधान कमला दयोरा पर लगाए गए आरोप, मुकदमे दर्ज करवाना और टर्मिनेट करवाना विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी और सीडीपीओ की सोची समझी चाल हैं। इन्होंने लॉकडाउन में कमला दयोरा को बार-बार दफ्तर में बुलाकर धमकाया है और यूनियन छोड़ने का दबाव बनाया है। दूसरी यूनियन में जाने के लिए दबाव बनाया गया। यह सरासर गलत है। इस प्रकरण की पूरी जांच की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि गत दिनों पहले यूनियन ने कैथल जिला के एडीसी महोदय से कमला दयोरा को बहाल करने तथा यूनियन नेताओं के खिलाफ बनाये गये मुकदमे रद्द करवाने के लिए ज्ञापन देकर मांग की थी, मगर जांच में देरी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आज पुन: यूनियन ने एडीसी महोदय को उपरोक्त मांग को लेकर रिमाईंडर दिया है. अब यदि कमला दयोरा को शीघ्र ही उसका टर्मिनेशन रद्द करके बहाल नहीं किया जाता है और मुकदमे रद्द नहीं किये जाते हैं तो यूनियन को मंत्री आवास पर दिन रात का धरना या आंदोलन के अन्य तरीके अपनाने पड़ेंगे। कहा कि हम अब शोषण दमन सहन नहीं करेंगे।

आज की अध्यक्ष मनजीत कौर ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर का हरेक सरकार ने शोषण दमन किया है। हमारी मांग पूरी तरह जायज हैं परंतु सरकार व हमारे विभाग की मंत्री कमलेश डांडा हमारा दमन कर रही है। उन्होंने यूनियन नेता कमला दयोरा, यूनियन नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे रद्द करने, और पोषण ट्रेकर पर रोक लगाने की मांग की और कहा कि 2018 का समझौता लागू करने तथा हमें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।

धरने को जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेश कुमारी, मंदीप कौर तथा मनरेगा मजदूर यूनियन के महासचिव कामरेड सोमनाथ ने भी संबोधित किया।

सुदेश कुमारी ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स का धरना 22 जुलाई से मंत्री के आवास पर चल रहा है परन्तु मंत्री बाहर आकर बात तक सुनती नहीं और पुलिस को आगे करती है। उन्होंने कहा कि जनता से वही डरता है जो जनता पर जुल्म करता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मगर बेटियों को श्रमिक का दर्जा भी नहीं दे रही है। पुलिस व मुकदमों तथा टर्मिनेशन का डर दिखाकर धरना उठाना चाहती है।

उन्होंने मंत्री से सवाल किया कि वह बताए कि आंगनबाड़ी वर्कर्स की कौन सी मांग अनुचित हैं? यदि मांग जायज हैं तो पूरी क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर यूनियन के नेताओं का टर्मिनेशन व मुकदमे दर्ज करने की कड़ी निंदा की।

मंगलवार के धरने को बिमला, वेदवंती, बीरमति, संतरों, कांता, मीना, सुरेन्द्र कौर, सुदेश, मूर्ति, अनिता, शीला, कैलाश, संतोष प्रधान आदि ने संबोधित किया।

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