उत्तराखंड में आशा कार्यकर्ताओं ने माँगों को लेकर भरी हुंकार

चेतावनी : माँगें पूरी नहीं हुई तो होगी हड़ताल

उत्तराखंड की आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 30 जुलाई को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। कोरोना के विकट दौर में भी जान जोखिम में डालकर काम करने के बावजूद न वेतन है, न ही कोई सुविधा। यहाँ तक कि मुख्यमंत्री की 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि की घोषणा भी कागजी साबित हुआ, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार आशाओं समेत सभी महिला कामगारों का खुला शोषण कर रही है। इस सरकार ने कामगारों के अधिकारों को खत्म करने के लिए श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। यह सरकार मुफ्त में जमकर काम कराने के फार्मूले पर चल रही है और आशाओं इसने बंधुवा मजदूर बना कर रख दिया है।

आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन समेत अन्‍य मांगों को लेकर लैनीताल में किया प्रदर्शन

वायदे नहीं हुए पूरे

नेताओं ने कहा कि सरकार आशाओं से बहुत ज्यादा काम ले रही है किंतु मानदेय के नाम पर कुछ भी नही दे रही है। 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना काल में अपनी बेहतरीन सेवा देने के लिए आशाओं को दस हजार रुपए प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई थी लेकिन अभी तक यह पैसा आशाओं के खाते में नहीं आया है। उसके बाद तीरथ सिंह रावत फिर पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने लेकिन किसी ने वायदा पूरा नहीं किया।

गंगोलीहाट में रैली निकालते आशा कार्यकर्ता। संवाद न्यूज एजेंसी

23 जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन जारी

ऐक्टू व सीटू से जुड़ी आशा यूनियनें पूरे प्रदेश में 23 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया है। 23 जुलाई को ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे गए। उसी क्रम में 30 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन हुआ।

नेताओं ने कहा कि इसके बाद भी अगर समाधान न हुआ तो राजधानी देहरादून में राज्य स्तरीय प्रदर्शन होगा। सरकार नहीं मानी तो हड़ताल ही अंतिम विकल्प होगा।

 Uttarakhand Asha Health Workers Union's three-day strike begins

जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन

देहरादून

उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन से जुड़ी आशाओं ने राजधानी देहरादून के जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। आशाओं में शहर में जुलूस निकालकर डीएम दफ्तर का घेराव किया। आशाओं ने मांगों का निराकरण नहीं होने पर दो अगस्त से कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

आशाओं ने शहर में प्रदर्शन कर डीएम दफ्तर घेरा

शुक्रवार को आशा कार्यकर्ता गांधी पार्क के पास सीटू कार्यालय में एकत्र हुई। यहां से प्रदर्शन करते हुए घंटाघर, दर्शनलाल चौक, दून अस्पताल, कचहरी होते हुए डीएम दफ्तर पहुंचीं। डीएम दफ्तर का घेराव कर डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा।

इस मौके पर सीआईटीयू के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, राज्य सचिव लेखराज, आशा यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान, केपी चंदोला, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, बबिता शर्मा, कलावती चंदोला, सुनीता चौहान, बिमला मैठाणी, अनिता भट्ट, प्रभा, रमा, कमला, धर्मिष्ठा, आशा चौधरी, सुनीता पाल, नीरा कंडारी, पूजा, सीमा, नीलम, पिंकी, लोकेश देवी मौजूद रहे।

रुद्रपुर

उधम सिंह नगर जिले की आशा कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और बाजार में जुलूस निकालकर अपनी आवाज बुलंद की। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सभी मांगें सरकार ने मांगे न मानीं तो दो अगस्त से कार्य बहिष्कार किया जाएगा।

न्यूनतम मानदेय को लेकर गरजीं आशा कार्यकर्ता

सभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष ममता पानू ने कहा कि आशाओं के श्रम का लगातार शोषण सरकार ही कर रही है। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रीता कश्यप ने कहा कि पहले से ही काम के बोझ तले दबी आशाओं को मोदी सरकार आने के बाद और भी ज्यादा किस्म के विभिन्न कामों में लगा दिया गया है, लेकिन उनकी मांगें नहीं मान रही है।

इस मौके पर ममता पानू, कुलविदर कोर, शरमीन सिद्दकी, सिमरन, विद्यावती, सीमा दास, ममता बिष्ट, प्रदेश महामंत्री केके बोरा, रूपा देवी, मधुबाला, बबिता, सुधा देवी, सर्वेश, ब्रजवाला, माया देवी, नफीसा, नसरीन, मुमताज आदि मौजूद थीं।

अल्मोड़ा

आशाओं ने अल्मोड़ा के गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मांग पूरी नहीं होने पर दो अगस्त से कार्यबहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी। इस दौरान आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन से जुड़ी एक्टू और सीटू की आशा कार्यकत्रियों ने संयुक्त रूप से धरना दिया। जिले की तहसीलों में भी आशाओं ने मांगों के लिए प्रदर्शन किया है।

सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर  आशाओं ने दिया धरना

इस मौके पर हवालबाग ब्लॉक अध्यक्ष ममता तिवारी, महासचिव पूजा बगड़वाल, हेमा बिष्ट, नीमा जोशी, हेमा उपाध्याय, विजय लक्ष्मी, उमा आगरी, मुन्नी देवी, रमा तिवारी, प्रेमा बिष्ट, देवकी बिष्ट, आंनदी जोशी, भगवती आर्या, किरन साह, तारा मेहता, प्रेमा बिष्ट, माया नेगी, चंपा देवी, तारा चौहान, सरस्वती नेगी, अनीता नेगी, पुष्पा भट्ट, गीता, हेमा गुरुरानी, दया आर्या, हेमा गुरुरानी, नीतू कांडपाल, अनिता, समेत दर्जनों आशा कार्यकत्री मौजूद रहे।

रानीखेत

आशा कार्यकर्ता रानीखेत के विजय चौक में एकत्र हुई। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने नगर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। मुख्य बाजार होते हुए जुलूस नारेबाजी के साथ तहसील मुख्यालय पहुंचा। एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज जल्द मांगें पूरी नहीं होने पर कार्य बहिष्कार शुरू करने की चेतावनी दी। अखिल भारतीय किसान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद नेगी ने भी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन दिया।

प्रदर्शन में स्याल्दे, भिकियासैंण, सल्ट,ताड़़ीखेत आदि क्षेत्रों की आशा कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। कार्यक्रम में ललिता मठपाल, धना कत्युरा, सरस्वती मेहरा, कमला जोशी, मीना आर्या, भावना बिष्ट, गीता, मंजू चौधरी, जया जोश, लीला रावत, दीपा, हीरा नेगी, दीपा पपनै, हीरा नेगी, पुष्पा त्रिपाठी सहित बड़ी सख्या में आशा कार्यकताओं ने भागीदारी की।

उत्तरकाशी

शुक्रवार को आशा कार्यकर्ता यूनियन उत्तरकाशी के आह्वान पर बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता आजाद मैदान के रामलीला मंच पर एकजुट हुईं। यहां उन्होंने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर धरना दिया। यूनियन की जिलाध्यक्ष सरिता जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी में आशाओं ने जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई। सरकार ने सर्वे के बदले एक-एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया था लेकिन अब तक उन्हें यह राशि नहीं मिल पाई है।

बड़कोट में तहसील प्रशासन के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपती आशा कार्यकर्ता।

उन्होंने डीएम को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन देने वालों में रेखा नौटियाल, रीना, बीना गुसाईं, रेशमा, अमृती रावत, अनिता नेगी, रंजीता डोगरा, उषा पैन्यूली, शर्मिला, भागेश्वरी, सूरमा पोखरियाल, चंद्रकला, कृष्णा शामिल थीं।

उधर, बड़कोट तहसील मुख्यालय में ढोल-दमाऊं के साथ जुलूस निकाला।

पौढ़ी

उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने विभिन्न मांगों के हल को लेकर शुक्रवार को डीएम कार्यालय के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान आशाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। आशाओं ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर जल्द समस्याएं हल करने की मांग उठाई।

उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने न्यूनतम वेतन देने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों के हल को लेकर शुक्रवार को डीएम...

प्रदर्शन करने वालों में दिला देवी, पुष्पा देवी, संगीता, बसंती, विजय, रामेश्वरी, कमला धस्माना, मीना देवी आदि शामिल थे।

टिहरी:

आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों ने रैली निकालकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष गीता देवी, सचिव कुसुम, लक्ष्मी जोशी, मीना थपलियाल, उषा नेगी, रोशनी, सुनीता देवी, ममता देवी, विजयलक्ष्मी आदि शामिल थे।

आशा ने जिला मुख्यालयों पर किया प्रदर्शन

चंपावत

चम्पावत में आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन जिलाध्यक्ष सरोज पुनेठा के नेतृत्व में जिले भर की आशा कार्यकत्रियों ने चम्पावत मोटर स्टेशन से कलक्ट्रेट तक नारेबाजी कर जुलूस निकाला और कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। कार्यकत्रियों ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन भेजा। शीघ्र मांगों पूरी नहीं किए जाने पर उन्होंने एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया।

पिथौरागढ़

शुक्रवार को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय सहित मूनाकोट, धारचूला, डीडीहाट, कनालीछीना, बेरीनाग, गंगोलीहाट से आशा कार्यकत्रियां रामलीला मैदान में पहुंची। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने संगठन की जिलाध्यक्ष इंद्रा देउपा के नेतृत्व में बाजार में जुलूस निकाला। 

कोटद्वार

कोटद्वार में उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। शुक्रवार को दुगड्डा, रिखणीखाल, द्वारीखाल, जयहरीखाल ब्लाक की आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता हिंदू पंचायती धर्मशाला में एकत्र हुईं और दुगड्डा ब्लाक अध्यक्ष प्रभा चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं ने मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर 2 अगस्त से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी।

कोटद्वार तहसील में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करती आशा कार्यकर्ता।

तहसील में प्रदर्शन करने वालों में दुगड्डा ब्लाक की उपाध्यक्ष मीरा नेगी, रंजना कोटनाला, भागीरथी भंडारी, नीलम कुकरेती, प्रर्मिला गुसाईं, सुमित्रा भट्ट, माहेश्वरी देवी, तारा देवी, पूनम देवी, पदमा नेगी, दीपा रावत, मधु ममगाईं, मुन्नी देवी, सुमन रौथाण, कांति देवी, ऊषा देवी, संगीता रावत, बसंती रावत, रजनी देवी और रेखा देवी आदि शामिल रहे।

प्रमुख मांगें

आशाओं को आगनबाड़ी कार्यकर्ता की तर्ज पर मानदेय दिया जाए, मानदेय न्यूनतम वेतन के बराबर हो, आशाओं को ईएसआई का स्वास्थ्य बीमा लाभ मिले और इसकी तर्ज पर ही स्वास्थ्य बीमा हो, सभी आशाओ को सामाजिक सुरक्षा मिले, कोरोना काल का मासिक दस हजार रुपये कोरोना भत्ता दिया जाए, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान और जिन आशाओं की पैदल ड्यूटी करते करते घुटनों में दिक्कतें आ गई हैं उनके लिए एक मुश्त पैकेज की घोषणा हो, मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा देने तथा आशाओं का शोषण बंद किए जाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं।

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