वोल्टास में पीड़ित श्रमिकों को छोड़कर हुआ वेतन समझौता, अध्यक्ष व महामंत्री ने लगाई आपत्ति

15 जुलाई को हुए समझौते को बताया अनुचित श्रम अभ्यास

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। वोल्टास लिमिटेड सिडकुल पंतनगर में 9 पीड़ित श्रमिकों को बाहर छोड़कर माँग पत्र पर 13,500 रुपए वेतन वृद्धि का 5 साल का समझौता हो गया। इसे गैरकानूनी बताने के साथ ही अनुचित श्रम व्यवहार करार देते हुए यूनियन के अध्यक्ष व महामंत्री ने सहायक श्रम आयुक्त के आपत्ति दर्ज कराई है।

वोल्टास इम्पालाइज यूनियन के महामंत्री ने बताया कि कथित समझौता गलत है, उसपर यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री और संगठन मंत्री के हस्ताक्षर नहीं है और गैरकानूनी सेवा समाप्ति झेलते श्रमिकों से सहमति भी नहीं ली गई है। माँगपत्र सहित कार्यबहाली व अन्य विवाद श्रम न्यायालय में विचाराधीन हैं और प्रबंधन पर अनुचित श्रम व्यवहार पर कार्यवाही लंबित है।

क्या है पूरा मामला

ज्ञात हो कि वोल्टास में साढ़े 3 साल से विवादित माँग पत्र और श्रमिकों की कार्यबहाली को लेकर बीते 6 अप्रैल से हड़ताल हो गई थी और कार्यरत श्रमिक कंपनी के भीतर और बर्खास्त श्रमिक कंपनी गेट पर धरने पर बैठ गए थे। इस संघर्ष में श्रमिक संयुक्त मोर्चा और स्थानीय यूनियनों/मजदूरों ने भी शानदार एकजुटता दिखाई।

इस बीच आंदोलन के दबाव में कंपनी हेड ऑफिस से भी उच्च प्रबंधन आ गया और उसने समझौते का कथित प्रस्ताव दे दिया। उधर मज़दूर कमजोर पड़ गए और 10 अप्रैल को माँगपत्र पर एक कथित सहमति के बाद हड़ताल समाप्त हो गई, लेकिन बाहर मजदूरों का धरना चलता रहा, जो कोविड के कारण 11 मई को स्थगित हो गया।

15 जुलाई कोअंदर मौजूद कार्यकारिणी के साथ शीर्ष प्रबंधन ने रुपए 13,500 (सीटीसी) वेतन वृद्धि व अन्य सुविधाओं का 5 साल ( जनवरी 2018-दिसंबर 2022) का समझौता कर लिया। जिसमें संबंधित समस्त वादों से समझौते के लाभकारी 29 श्रमिकों की नाम वापसी भी शामिल है।

जबकि यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री व पूर्व अध्यक्ष सहित 9 श्रमिकों की कार्यबहाली का कोई समझौता नहीं हुआ। जबकि इसी माँगपत्र के कारण वे प्रबंधन के प्रतिशोध का शिकार बने थे। इनपर किसी प्रकार का कोई आरोप भी नहीं है, केवल कथित रूप से प्लांट में काम ना होने के आधार पर सेव समाप्ति हुई है।

प्रतिष्ठान में कुल 38 स्थाई श्रमिक/यूनियन सदस्य हैं जिनमें 9 श्रमिक माँगपत्र के कारण ही अवैध रूप से सेवा समाप्ति/बर्खास्तगी झेल रहे हैं और विवाद श्रम न्यायालय, उच्च न्यायालय व श्रम अधिकारियों के पास विचाराधीन है।

समझौते पर यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री जैसे प्रमुख पदाधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं कराए गए। और समझौता पंजीकृत कराने के लिए सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष दाखिल हो गया, जिसपर उन्होंने 22 जुलाई को आपत्ति पत्र दिया है।

अध्यक्ष व महामंत्री द्वारा दी गई आपत्ति

सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर को दिए गए आपत्ति पत्र में लिखा है कि वोल्टास लिमिटेड, सिडकुल, पंतनगर में वोल्टास इंप्लाइज यूनियन के माँग पत्र दिनांक 09/12/2017 पर औद्योगिक विवाद कायम है और उक्त विवाद माननीय श्रम न्यायालय काशीपुर में विचाराधीन है।

इस बीच वोल्टास लिमिटेड का प्रबंधन कतिपय रूप से कुछ यूनियन सदस्यों को भ्रमित करके और बरगलाकर उक्त विवादित व विचाराधीन माँगपत्र पर दिनांक 15/07/2021 को कथित रूप से एक समझौता कर लिया है, और पंजीयन के लिए प्रस्तुत किया है, जो श्रम कानूनों के विपरीत होने के साथ पोषणीय नहीं है।

उक्त कथित समझौते पर यूनियन के अध्यक्ष मनोज कुमार, महामंत्री दिनेश चंद्र पंत व संगठन मंत्री चंद्रभूषण के हस्ताक्षर नहीं है और पीड़ित 9 श्रमिकों से कोई सहमति नहीं ली गई है, इसलिए उस पर आपत्ति है।

पत्र में लिखा है कि अध्यक्ष मनोज कुमार व महामंत्री दिनेश चंद्र पंत हैं। दिनेश चंद्र के हस्ताक्षर से ही माँगपत्र दिया गया था और वे प्रमुख वार्ताकार व अधिकृत पैरोकार रहे हैं। यूनियन अध्यक्ष मनोज कुमार व महामंत्री दिनेश चंद्र पंत को यूनियन कार्यकारिणी द्वारा वाद चलाने और निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।

प्रबंधन ने माँगपत्र के विचाराधीन रहते लगातार उ. प्र. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 6 ई का उल्लंघन किया और अनुचित श्रम अभ्यास में सलग्न रहा, जिसके भी विवाद उप श्रम आयुक्त/सहायक श्रमायुक्त उधम सिंह के समक्ष विचाराधीन है।

इस बीच प्रबंधन ने दिनांक 25/09/2019 को तीन मुख्य पदाधिकारियों सहित 8 श्रमिकों का कथित ले ऑफ के बहाने गेट बंद किया, जो कि उप श्रमायुक्त महोदय द्वारा गैर कानूनी करार देने के बाद दिनांक 14/02/2020 से उनकी अवैध रूप से सेवा समाप्त कर दी, जिसका भी विवाद माननीय श्रम न्यायालय में संदर्भित होने के साथ विचाराधीन है।

इस बीच एक श्रमिक को पहले निलंबित, फिर बर्खास्त किया, जिनका भी मामला विचाराधीन है। साथ ही विवाद के दौरान सुविधाओं में कटौती व प्रबंधन द्वारा अनुचित श्रम अभ्यास का भी मामला विचाराधीन है।

यूनियन नेताओं ने कहा कि यह प्रबंधन द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई है और अनुचित श्रम व्यवहार की श्रेणी में आता है।

आपत्ति के साथ उन्होंने माँग किया है कि न्यायहित में उक्त कथित समझौते को निरस्त करते हुए उसके पंजीयन पर रोक लगाई जाए, साथ ही प्रबंधन द्वारा अनुचित श्रम व्यवहार करने के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 उपांतरित उत्तराखंड के तहत उचित कानूनी कार्रवाई हो।

22 जुलाई को आपत्ति पत्र देते समय वोल्टास इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष मनोज कुमार, महामंत्री दिनेश चंद्र पंत, संगठन मंत्री चंद्रभूषण, राकेश चंद्र जोशी, पंकज कुमार, आतिक खान आदि उपस्थित रहे जिस पर सहायक श्रम आयुक्त ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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