‘किसान संसद’ का दूसरा दिन : ‘कृषि मंत्री’ जवाब देने में नाकाम, इस्तीफे की घोषणा

संसद का मानसून सत्र सोमवार तक स्थगित, किसान संसद जारी

संसद में जारी मॉनसून सत्र के साथ-साथ भारी पुलिस बाल के बीच जंतर-मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों ने ‘किसान संसद’ का आयोजन सदन अध्यक्ष हरदेव अर्शी, उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा और ‘कृषि मंत्री’ के साथ किया।

एक तरफ संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों की आपत्तियों के कारण पहले सप्ताह में निचले सदन में कामकाज बाधित रहा। अब दोनों सदनों का कामकाज सोमवार को होगा।

जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का दूसरा दिन: APMC एक्ट के मुद्दे पर हुई चर्चा....

दूसरी तरफ़ काले कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर चल रही किसानों की समानांतर संसद आज भी शांतिपूर्वक जारी रही, जहाँ बनाए गए ‘कृषि मंत्री’ सवालों के घेरे में रहे।

‘किसान संसद’ की शुरुआत 22 जुलाई से हुई है जो 13 अगस्त को संसद के मानसून सत्र तक चलेगी। इस दौरान संसद की तरह ही बिल पास होंगे और प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।

जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का दूसरा दिन

‘किसान संसद’ में आज भी संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 200 किसानों ने भाग लिया। पहले दिन की बहस की निरंतरता में, आज की बहस एपीएमसी बाईपास अधिनियम पर केंद्रित थी।

किसान संसद में एक घंटे का प्रश्नकाल भी रखा गया था जिसमें कृषि मंत्री पर सवालों की बौछार की गई जिन्होंने केंद्र के नये कृषि कानूनों का बचाव करने की पुरजोर कोशिश की।

मंत्री ने संसद को बताया कि कैसे पैर फैलाती कोवि़ड वैश्विक महामारी के बीच, किसानों को उनके घरों को लौटने और उनसे टीका लगवाने का अनुरोध किया गया था। हर बार जब मंत्री संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते, सदन के सदस्य उन्हें शर्मिंदा करते, अपने हाथ उठाते और उनके जवाबों पर आपत्ति जताते।

Second day of Kisan Sansad at Jantar Mantar discussion on agricultural laws  - India Hindi News - जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का दूसरा दिन, कृषि कानूनों  पर हुई चर्चा

6 किसान सदस्यों के प्रेसिडियम ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान सदन उपाध्यक्ष जगतार सिंह बाजवा ने कहा, “APMC एक्ट के मुद्दे पर चर्चा हुई, कृषि मंत्री का इस्तीफा हुआ। आगे भी इसी पर चर्चा होगी और प्रस्ताव पास करके इसको रद्द कर देंगे।”

बाजवा ने मीडिया से कहा,‘‘ कृषि मंत्री सवालों के जवाब देने में नाकाम रहे,जिसके चलते संसद के सदस्यों ने मंत्री को शर्मिंदा किया, जिससे बाधा हुई।’’

उन्होंने कहा,‘‘ प्रश्न पूछा गया कि जब प्रधानमंत्री ने स्वयं इस तथ्य पर जोर दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य था, यह वर्तमान में भी है और यह रहेगा तो फिर इसे कानून बनाने में क्या समस्या है। अगर सभी तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बनाए गए हैं तो उन्हें रद्द करके और किसानों से विचार विमर्श करके दोबारा बनाया जाए।’’

तेलंगाना के किसान नेता वी वेंकटरमैया ने कहा, “मैंने अपने जीवन में इतना झूठा मंत्री नहीं देखा।”

किसान संसद का आज दूसरा दिन, कृषि कानूनों के विरोध में जंतर-मंतर पहुंचे किसान  - ZEE5 News

कैबिनेट मंत्री का बयान अपमानजनक

शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा नेता और कैबिनेत मंत्री मीनाक्षी लेखी के द्वारा विरोध कर रहे किसानों के लिए अत्यधिक आपत्तिजनक, अपमानजनक, अवैध और जातिवादी विवरण की कड़ी निंदा की की गई। एसकेएम ने किसानों पर झूठे आरोपों के लिए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से भी माफी की भी मांग की।

संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार की किसान संसद की कार्यवाही के बाद जारी बयान में कहा, “हिसार और टोहाना के बाद सिरसा सत्याग्रह में भी किसान सफल हुए हैं।”

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संसद में हंगामा, सोमवार तक स्थगित

दूसरी ओर संसद के दोनों सदनों में पेगासस जासूसी मामला, तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कुछ विपक्षी सदस्यों के सवालों या आपत्तियों का जवाब आज भी नहीं मिला।

विरोध को हंगामे का नाम देते हुए शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इसी तरह राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।

Kisan Sansad To Hold Farmers Protest For The Second Day At Jantar Mantar  Today | Farmers Protest: Kisan Sansad का दूसरा दिन, कृषि कानूनों के विरोध  में Jantar Mantar पर प्रदर्शन

‘किसान संसद’ से डरी हुई है सरकार

उल्लेखनीय है कि संसद में जारी मानसून सत्र के साथ केंद्र के तीन जनविरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने के लिए 200 किसानों का एक समूह बृहस्पतिवार और शुक्रवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा। जंतर-मंतर संसद परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है।

किसानों को लेकर सरकार काफी डरी हुई दिखती है। भयादोहन के लिए जंतर मंतर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी प्रवेश द्वार पर भारी-भरकम अवरोधकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर तैनात किए गए हैं।

जबकि जंतर-मंतर ही नहीं दिल्ली की सीमाओं पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण जारी है।

सितंबर में आए थे तीन काले कृषि क़ानून

पिछले साल सितंबर में लाए गए जनविरोधी तीन कृषि कानूनों में- (1) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, (2) कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020 और (3) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 शामिल हैं।

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