‘योगी जी न्याय दो’ : रोजगार के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों का दमन

उत्तरप्रदेश में 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामला पकड़ा तूल

उत्तरप्रदेश का 69 हज़ार शिक्षक भर्ती वाला मामला तेजी से तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहाँ छात्र भर्ती में हुए कथित आरक्षण घोटाले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस उन पर ‘बर्बरता’ करती हुई नजर आ रही है। बता दें कि 20 जुलाई को जब छात्र प्रदर्शन कर रहे थे उस समय पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे बचने के खातिर एक छात्र ने गोमती नदी में छलांग लगा दी।

मामला मुख्यमंत्री आवास के बाहर का है, जब प्रदर्शनकारी छात्र रोते बिलखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान छात्रों की ओर से ‘योगी जी न्याय दो’ के नारे लगाए जा रहे थे। उग्र होते माहौल लो देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए उन्हें एक गाड़ी में भरकर प्रदर्शन स्थल पर ले जाया गया। इसी बीच एक छात्र के पीछे पुलिस डंडा लेकर दौड़ी तो वह बचने के लिए गोमती नदी में कूद गया। बताया गया है कि छात्र के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है।

इससे पहले भी पुलिस ने 19 जुलाई को छात्रों पर बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया था, जिसमें एक छात्र की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। जिसके बाद उसे हजरतगंज के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह ने इस घटना पर कहा कि योगी सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। बेरोजगार युवा आत्महत्या करने को बाध्य हो रहे हैं। बेहद बेशर्म रवैया है सरकार का।

69 हजार शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण घोटाले से आहत होकर एक अभ्यर्थी ने आज गोमती नदी, लखनऊ में छलांग लगा ली है। सरकार छात्रों को मौत के मुंह में धकेल रही है। छात्रों से अपील है कि आप कुछ गलत कदम न उठाएं। हम आपके साथ हैं। pic.twitter.com/scdJ3EEt7z

विरोध कर रहे छात्रों का आरोप है कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की जगह मात्र 3.86 प्रतिशत आरक्षण मिला है जबकि एससी वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह 16.6 प्रतिशत आरक्षण मिला है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि भर्ती पूर्णतः निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से हुई है, कुछ असामाजिक तत्व और राजनीतिक दल छात्रों को बरगला रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की तरफ से किसी भी विभाग में भर्ती के लिए जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं, उन्हीं के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया की जाती है। इस न तो भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न ही भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने के बाद।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से ये छात्र कथित 69 हज़ार शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर लगातार कई जगहों पर प्रदर्शन करते नजर आए हैं लेकिन सरकार इनकी सुनवाई करने को तैयार नहीं है।

जनसत्ता से साभार

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