क्या देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा?

कल राज्यसभा में मोदी सरकार ने यह दावा किया कि देश में कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। संसद में मोदी सरकार ने बेशर्मी से सफ़ेद झूठ बोला है।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान 6 अप्रैल से 19 मई के बीच पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से 110 अस्पतालों में 629 लोग मारे गए।

इन आंकड़ों में होम क्वारंटाइन के मामलों में ऑक्सीजन की कमी के कारण, अस्पतालों में भर्ती से इनकार करने या समय पर चिकित्सा और उपचार प्राप्त करने में असमर्थ रोगियों की मौत और ऑक्सीजन की कमी की आशंका में अस्पतालों से छुट्टी के कारण होने वाली मौतें शामिल नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस कि रिपोर्ट के मुताबिक “देश में 23 अप्रैल को एक दिन में ऑक्सीजन की कमी से सबसे ज्यादा मौतें हुईं।  देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 46 की मौत सर गंगा राम अस्पताल और दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई। इन दोनों अस्पतालों ने बयान जारी कर ऑक्सीजन की कमी को अपने मरीजों की मौत की वजह बताई।”

प्रोजेक्ट डेटा मिट ( projects.datameet.org) नाम की वेबसाइट पर भारत में कोविड 19 महामारी से जुड़े अलग अलग आंकड़े एकत्रित किए गए हैं। यहां आपको ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के तिथिवार आंकड़े भी मिल जाएंगे।

हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लगातार आधिकरिक तौर पर और कोर्ट में हलफनामों में ऑक्सीजन की कमी या लाचार स्वास्थ्य सुविधा की वजह से हुई मौतों को स्वीकार करने से लगातार इंकार कर रही है।
दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल मामले में दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में यह हलफनामा दायर किया कि यह ठोस तौर पर नहीं कहा जा सकता कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों की मौत हुई है।

110 में से 54 अस्पतालों ने तो सरकारी दबाव में यह मानने से इंकार कर दिया कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को स्वीकार करने से हमेशा इंकार किया है। ऑक्सीजन की कमी तो स्वीकार की गई है लेकिन इसको मौत की वजह नहीं बताई जा रही है।

आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार लगातार संसद और कोर्ट के अंदर झूठ बोलती है। पिछले साल संसद में मोदी सरकार ने यह झूठा दावा किया था कि लॉकडाउन के दौरान किसी मज़दूर की मौत नहीं हुई है।

देश में कोरोना महामारी के दौरान आधिकारिक आंकड़ों को जानबूझ कर छुपाया गया है ताकि सरकारी तंत्र अपनी नाकामी को जनता से छुपा सके।

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