बिजली निजीकरण के खिलाफ 19 जुलाई को बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

बिजली कर्मचारी और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति का आह्वान

राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन 19 जुलाई को बिजली कर्मचारी और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर बिजली बोर्ड मुख्यालय शिमला में बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण पर अड़ी है। 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में इस बारे में बिल लाया जा रहा है। इसमें विद्युत वितरण के लिए मौजूदा लाइसेसिंग प्रणाली को समाप्त करने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण के लिए लाइसेंस समाप्त करने का अर्थ होगा कि निजीकरण की आंधी में विद्युत वितरण का कार्य मनमाने ढंग से अपने पसंदीदा कॉरपोरेट घरानों और ठेकेदारों तक को दिया जाएगा। 

विद्युत वितरण जैसे अति संवेदनशील और तकनीकी से अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को निजी घरानों और ठेकेदारों को इस तरह से सौंपा जाना ना विद्युत उद्योग के हित में है, न ही उपभोक्ता के हित में और न ही कर्मचारियों के हित में है। उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड पिछले तीन सालों से मुनाफे में है। सस्ती दरों में बिजली प्रदान कर रहा है। निजीकरण के बाद इसकी सभी संपत्तियों को कौड़ियों के भाव निजी कंपनी को बेच दिया जाएगा। 

अमर उजाला से साभार

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