रेल यूनियनों ने डिफेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण और हड़ताल पर रोक का किया विरोध

केंद्र सरकार दमनकारी नीतियों पर लगाए रोक

जबलपुर। रेलवे की यूनियनों ने डिफेंस फैक्ट्रियों व रेलवे के निजीकरण का विरोध किया और हड़ताल पर रोक संबंधी अध्यादेश को असंवैधानिक करार दिया। कई स्थानों पर आर्डीनेन्स फैक्ट्री के निजीकरण के विरोध में रेलकर्मियों ने प्रदर्शन किया।

केंद्र सरकार अब अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने डिफेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने कहा है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ धारा 4 लागू की है, जिसमें हड़ताल करना तो दूर, इसके विरोध में शामिल होना के साथ ड्यूटी पर धीमा काम करना, काम के दौरान बैठने को भी हड़ताल करना मानते हुए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर ढाई साल की सजा और 15 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। यह बात वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने कही। उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान डिफेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अब कर्मचारियों के अधिकारियों का हनन कर रही है। उन्होंने इस अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए इसका विरोध किया।

अध्‍यादेश के विरोध में आया संगठन: आयुध निर्माणी कर्मियों की प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पहले केंद्र सरकार की ओर से लाए गए आवश्यक रक्षा सेवाएं संबंधी अध्यादेश के विरोध में रेल संगठन खुलकर सामने आ गया है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। गालव ने अध्यादेश को एक फासिस्ट प्रवृत्ति का प्रावधान बताया। इसके जरिए सरकार श्रमिकों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। डिफेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण के विरोध को दबाने के लिए हड़ताल को लेकर कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई वाले प्रावधान की आपातकाल से तुलना करते हुए इसे भी अघोषित इमरजेंसी जैसा बताया है।

रेलवे को किसी भी कीमत पर बेचने नहीं देंगे: उन्होंने अध्यादेश के माध्यम से श्रमिकों के अधिकारों को समाप्त करने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। चेतावनी दी कि रेलवे को किसी भी कीमत पर बेचने नहीं दिया जाएगा। इसका प्रयास करने पर कर्मचारियों की लाशों से गुजरना होगा। नए कानून के बाद गुरुवार को आयुध निर्माणी कर्मियों के समर्थन की घोषणा करते हुए डब्ल्यूसीआरइयू ने भी जबलपुर सहित तीनों रेल मंडल में सांकेतिक विरोध दर्ज कराया। इस अवसर पर संगठन के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला व सचिव नवीन लिटोरिया उपस्थित रहे।

नईदुनिया से साभार

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