रसोई गैस महँगा, सरकारी लूट जारी, जन संगठनों ने किया प्रदर्शन

अंतर्राष्ट्रीय भाव गिरा, लेकिन भारत में हुआ दोगुना महँगा

गोहाना (हरियाणा)। समतामूलक महिला संगठन एवं जन संघर्ष मंच हरियाणा ने एक जुलाई 2021 को तेल कम्पनियों व केन्द्र सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमतों में की गई बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ गोहाना शहर में प्रदर्शन किया। सरकार ने लोगों पर एक के बाद एक प्रहार करते हुए सिर्फ रसोई गैस की कीमत में ही पिछले आठ महीनों में 240.50 रु की बढ़ोतरी की है।

आज 3 जुलाई को हुए प्रदर्शन के दौरन वक्ताओं ने कहा कि घरेलू गैस सिलिण्डर का दाम 25.50 रु बढ़ा कर इसे 809.00 रु से 834.50 रु तथा व्यावसायिक सिलिण्डर का दाम 84 रु बढ़ाकर इसे 1488 रु से 1572 रु कर दिया गया है। पिछले सात सालों में रसोई गैस की कीमत में दो गुणा से ज्यादा बढ़ोतरी की गई है।

संगठनों ने कहा कि एक मार्च 2014 को 410.50 रु में मिलने वाला सिलिण्डर अब 834.50 रु का मिल रहा है। जबकि इसी अवधि में एलपीजी का अंतर्राष्ट्रीय भाव 880 डॉलर प्रति टन से गिरकर 530 डॉलर प्रति टन हुआ है, और हमारी जरूरत की 44% गैस देश में ही पैदा होती है जिसकी लागत आयातित गैस के चौथे हिस्से के बराबर है। केवल इण्डेन गैस के मालिक IOCL को ही वित्त वर्ष 2020-21 में 43,242 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सन् 2015 में रसोई गैस पर प्रति किलोग्राम 29.63 रु सब्सिडी थी जो अब तीन रुपये से भी कम रह गई है।यह भी कभी मिलती है कभी नहीं।रसोई गैस की कीमत में बेहद बढ़ोतरी तथा इस पर सब्सिडि खत्म किए जाने से उज्ज्वला स्कीम विफल हो चुकी है और इसके तहत लोगों ने सिलिण्डर लेना बन्द कर दिया है।

सवा साल से चल रहे कोरोना महामारी के काल में आम आदमी फटेहाल हो चुका है। इस दौरान गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही आबादी में मध्यम वर्ग से 23 करोड़ से अधिक और लोग शामिल हो गए हैं। 97% देशवासियों की आय में भारी कमी आई है। प्रति व्यक्ति आय 9,465 रु सालाना कम हुई है। मई महीने में थोक महंगाई दर रिकॉर्ड 12.94 प्रतिशत के स्तर पर थी। खाद्य तेल, दूध, सब्जियां, दालें, पेट्रोल, डीजल तथा अन्य आवश्यक चीजों के आसमान छूते भावों ने लोगों की कमर तोड़ डाली है। बेरोजगारी और भुखमरी चरम पर है।

संगठनों ने कहा कि ऐसे वक्त में जनता को केन्द्र सरकार से उम्मीद थी कि वह रसोई गैस को काफी सस्ता कर रसोई खर्च में राहत प्रदान करेगी। लेकिन तेल व रसोई गैस के इजारेदार अम्बानी सरीखे मुट्ठी भर कॉरपोरेट घरानों की पिट्ठू केन्द्र सरकार ने रसोई गैस के दाम में अनाप-शनाप वृद्धि कर अभागे देशवासियों को मौत के मुंह में धकेलने का काम किया है।

अवाम की दुर्दशापूर्ण स्थिति के बारे चिन्तित समतामूलक महिला संगठन एवं जन संघर्ष मंच हरियाणा ने माँग की है कि तेल कम्पनियां रसोई गैस की कीमतों में की गई बढ़ोतरी वापिस ले तथा केन्द्र सरकार घरेलू रसोई गैस का सिलिण्डर 250 रु में मुहैया करवाए।

कार्यक्रम में डॉ सी डी शर्मा, कॉ. नरेश विरोधिया, डॉ सुनीता त्यागी, सूरजभान चहल, इंदिरावती, बीरमती, मूर्ति, गिरधारी लाल, सतपाल, जगमंदर, राम मेहर वर्मा, कमलेश, रेखा साँठिया, ललित रावत, प्रिन्स, राधा, मन्दीप, साक्षी आदि अनेक महिलाओं व पुरुषों ने शिरकत की।

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