लम्बे संघर्षों के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय के ठेका मज़दूरों को मिला ईएसआई का अधिकार
अप्रैल 2021 से मजदूरों के लिए ईएसआई की सुविधा लागू
पंतनगर (उत्तराखंड)। पंतनगर कृषि एवम प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय के ठेका मज़दूरों ने अथक और निरंतर लम्बे संघर्षों के दम पर शासन-प्रशासन से ई.एस.आई. सुविधा लागू कराने में जीत हासिल कर ली है। इस बावत 11 मई 2021 को सहनिदेशक, श्रम कल्याण विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आदेश जारी हुआ है। माह अप्रैल 2021 के वेतन से कर्मचारी/ नियोक्ता ई.एस.आई. अंशदान काटा और जमा किया जा रहा है।
मालूम हो कि विश्व विद्यालय में पिछले 15-20 सालों से लगातार कार्यरत करीब 2700 ठेका मजदूरों को शासन प्रशासन द्वारा श्रम कानूनों द्वारा देय बोनस, बीमा, चिकित्सा, ई.एस.आई., ग्रेच्युटी, अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
ठेका मज़दूर कल्याण समिति के अभिलाख सिंह ने बताया कि शासन-प्रशासन की अनदेखी, शोषण उत्पीड़न के खिलाफ पहले इंकलाबी मजदूर केन्द्र फिर इमके के निर्देशन में ठेका मज़दूर कल्याण समिति अपनी स्थापना वर्ष 2009 से ही ठेका मजदूरों को कानूनन मूलभूत सुविधाएं और ई.एस.आई. आदि सुविधाएं दिए जाने को लेकर लगातार संघर्षरत रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ठेका मजदूर कल्याण समिति के नेतृत्व में 30 नवंबर 2012 को न्यूनतम वेतन 10,000/- रूपए मासिक करने, चिकित्सा ई.एस.आई. आदि सुविधाएं देने की मांगों को लेकर उत्तराखंड श्रमायुक्त कार्यालय हल्द्वानी में सैकड़ों मजदूरों ने घेराव किया। 5 मार्च 2014 को पंतनगर से सहायक श्रमायुक्त कार्यालय रूद्रपुर तक साइकिल रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन हुआ। ई.एस.आई. के देहरादून कार्यालय एवं स्थानीय कार्यालय में कई ज्ञापन प्रेषित किए।
स्थाईकरण व प्रशासन की हठधर्मिता के खिलाफ वर्ष 2014 में ठेका मजदूरों ने स्वतःस्फूर्त तरीके से जुझारू आंदोलन किया। प्रशासन द्वारा मजदूरों की मांगें हल करने के स्थान पर भारी दमन किया। 24 मजदूरों को गिरफ्तार और 42 मजदूरों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए। लेकिन मजदूर संघर्ष में डटे रहे। नेतृत्व विहीन मजदूरों को प्रशासन और यूनियनों के गठजोड़ द्वारा ही शांत किया जा सका।
ठेका मजदूरों के इन सारे संघर्षों की बदौलत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार को ई.एस.आई. विभाग से दो बार पंतनगर विश्वविद्यालय का सर्वे कराकर 30 जून 2016 को आदेश जारी कर पंतनगर के ठेका मजदूरों को 01जून 2016 से ई.एस.आई. सुविधा लागू करने का आदेश देना पड़ा।
भारत सरकार के शासनादेश की अनदेखी, अवहेलना के खिलाफ वर्ष 2016-17 में ट्रेड यूनियनों के साथ संयुक्त मोर्चा द्वारा संयुक्त आंदोलन चला। 11 जनवरी 2017 को ई.एस.आई. देहरादून के उपनिदेशक को निर्देश जारी करना पड़ा कि “पंतनगर विश्वविद्यालय में ई. एस. आई. लागू किया जाना अनिवार्य है”।
अभिलाख सिंह ने बताया कि शासन प्रशासन की हठधर्मिता के खिलाफ ठेका मज़दूर कल्याण समिति के नेतृत्व में 18 सितंबर 2018 को पंतनगर से सहायक श्रमायुक्त कार्यालय रूद्रपुर तक साइकिल रैली निकाल कर प्रदर्शन किया गया। जिसमें न्यूनतम वेतन 25 हजार रूपए मासिक करने, मृतक आश्रितों को नौकरी, मुआवजा, आंदोलन दौरान लगे फर्जी मुकदमे खत्म करने, नियमितीकरण, ई.एस.आई .को लेकर शासन प्रशासन को ज्ञापन दिए गए। इन संघर्षों में ई.एस.आई. की मांग प्रमुख रही। हालांकि अपने संघर्षों से दो बार न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण (न्यूनतम वेतन वृद्धि) कराने में) में सफलता मिली। पर ई.एस.आई. को लेकर शासन प्रशासन का रूख टाल-मटोल का ही रहा।
प्रशासन द्वारा भारत सरकार के शासनादेश की अवहेलना, उलंघन के खिलाफ ई.एस.आई. लागू करने को लेकर ठेका मजदूर कल्याण समिति ने दिसम्बर 2018 में हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की। हाईकोर्ट द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन, उत्तराखंड सरकार, भारत सरकार ईएसआई विभाग को तमाम नोटीसें जारी हुईं। जिस दबाव में 16 अगस्त 2019 को उत्तराखंड शासन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ईएसआई लागू करने का निर्देश जारी किया। 7 नवंबर 2019 को उपनिदेशक, ईएसआई देहरादून ने ठेका मजदूरों ईएसआई कोड नंबर जारी हुआ।
ठेका मजदूरों के हाईकोर्ट से सड़क तक लगातार लम्बे, निरंतर संघर्षों की बदौलत मजदूरों को जीत मिली।