सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान, भाजपा नेताओं के दफ्तरों में दहन हुईं काले क़ानून की प्रतियां

अध्यादेश के रूप में कृषि क़ानूनों के आने का एक साल

सम्पूर्ण क्रांति की स्मृति और कृषि क़ानूनों के विरोध में देश भर में आज 5 जून को भाजपा नेताओं के कार्यालयों के सामने कृषि क़ानूनों की प्रतियों का दहन हुआ। कई जगह पुलिस से भिड़ंत की ख़बर है। 5 जून को कृषि कानूनों के अध्यादेश के रूप में आने के एक साल पूरे हुए, इसी दिन जयप्रकाश नारायण संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था।

पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बीजेपी के तमाम सांसदों, विधायकों और दफ्तरों के सामने तीन कृषि अध्यादेशों की प्रतियाँ जलाकर खासतौर पर रोष प्रदर्शन किया गया। दिल्ली बार्डर पर जारी धरने का आज 191वाँ दिन था और किसानों ने अपने बुलंद हौसले से साबित किया कि वे इस मोर्चे से पीछे हटने वाले नहीं हैं।

गौरतलब है कि 5 जून 2020 को मोदी सरकार, कोविड लॉकडाउन की आड़ में, पहले अध्यादेश के रूप में 3 काले कृषि कानूनों को लाई थी। 3 महीने बाद जब भारत में महामारी का चरम था, संसद में लोकतंत्र को रौंदते हुए इसे पास कराया गया और 26 सितंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर द्वारा इसे कानून का रूप दे दिया गया। इसके एक साल पूरा होने पर एसकेएम ने आह्वान किया था कि कानूनों की प्रतियां भाजपा विधायकों/सांसदों के घरों या कार्यालयों के सामने जलायें।

इस आहवन पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में किसानों ने जगह-जगह अलग-अलग तरीके से कार्यक्रम को आयोजित किया। इस दौरान कई जगहों पर झड़पें भी हुईं। और पुलिस प्रशासन से लोगों का टकराव भी हुआ, और नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए।

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संयुक्त किसान मोर्चा ने आज के कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बताते हुए 11 जून 2021 को एसकेएम की अगली आम सभा की बैठक होने का ऐलान किया है। बयान में कहा गया है कि आमसभा में देश भर के किसानों की भारी भागीदारी के साथ अखिल भारतीय संघर्ष के रूप में संघर्ष को तेज करने के लिए भविष्य की कार्य योजना के एजेंडे पर विचार किया जाएगा, जो मजदूर-किसान एकता को और मजबूत करेगा और अन्य सभी वर्गों के साथ एकीकरण करेगा।

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पंजाब में मज़दूर नेता कंवलजीत खन्ना ने कहा कि एक वर्ष पहले कॉरपोरेट घरानों के दवाब में चल रही मोदी सरकार ने ये कानून पास किए थे। इसी दिन 1974 में जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था। उस क्रांति की ज्वाला को फिर से प्रज्जवलित करने का यह ऐतिहासिक दिन है। 10 वर्ष पहले गुडगांव में मारुति सुजुकी के मजदूरों द्वारा शुरू किए गए संघर्ष के 10 साल भी हो गए।

देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की झलकियाँ

हरियाणा

पंचकुला में सम्पूर्ण क्रांति दिवस मना रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई दर्जन किसानों के घायल होने की सूचना है। किसान नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विरोध स्वरूप गिरफ्तारी देने का ऐलान किया।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की कोठी का घेराव करने जा रहे किसानों को पुलिस ने माजरी चौक और ओल्ड पंचकूला चौक पर बेरिकेड लगाकर रोक दिया। किसानों ने बैरिकेट पार करने की कोशिश की। पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसी दौरान किसान आगे बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए महिलाएं।
जींद : भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए महिलाएं।

गोहाना में जन संघर्ष मंच हरियाणा और भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने प्रशासनिक भवन पर जन विरोधी कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाईं और तीनों कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल 2020 रद्द करने की माँग की।

हिसार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात होने के बावजूद हजारों किसान जमा हुए और कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलायीं।

टोहना में हरियाणा सरकार के ख़िलाफ़ बड़ी तादाद में किसान इकट्ठा हुए और जेजेपी के स्थानीय विधायक देवेंद्र बबली की बदसलूकी व झूठे मामलों में बंद किसानों को छोड़ने की माँग की।

हजारों किसान अनाज मंडी में जमा हो गए और थाने की ओर मार्च कर दिय। किसानों ने कहा कि भाजपा-जजपा के नेतृत्व वाली मनोहरलाल खट्टर सरकार झूठ को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है, तो एसकेएम ने 7 जून 2021 को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सभी थानों के सामने सामूहिक प्रदर्शन और धरना (धरना) आयोजित करने का आह्वान किया था, लेकिन किसानों के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने आज माफी माँगने में ही भलाई समझी।

हरियाणा में किसानों के व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद जेजेपी विधायक ने माफी मांगी

ज्ञात हो कि जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने मंगलवार को राज्य के टोहाना शहर में किसानों के एक समूह पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए माफी मांग ली है।

Rewari News : किसानो ने मनाया "सम्पूर्ण क्रांति दिवस" मंत्री राव इंद्रजीत  आवास के बाहर कृषि कानूनों की प्रतिया जलाई | ग्राम समाचार : Gram Samachar
रेवाड़ी में प्रदर्शन

पंजाब

पूरे पंजाब में भाजपा नेताओं व जन प्रतिनिधियों के आवास के पास और अन्य स्थानों पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलायीं गईं।

लुधियाना में किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। चारों तरफ पुलिस तैनात नजर आई। इसके बावजूद किसान संगठनों ने दोपहर एक बजे के करीब जगराओं रेलवे रोड पर भाजपा नेता हनी गोयल के घर के बाहर जोरदार नारेबाजी की और तीनों कृषि सुधार कानूनों के बिल जलाए।

भाजपा नेता हनी गोयल और जिला प्रधान गौरव खुल्लर के घर के सामने कृषि कानून की प्रतियां जलाते किसान ।

इसके बाद किसानों ने भारी संख्या में पैदल मार्च निकालते भाजपा जिला प्रधान गौरव खुल्लर के घर पहुंचे। उन्होंने भाजपा नेताओं को पदों से इस्तीफे देकर घर बैठने के लिए कहा और उनका सामाजिक बहिष्कार करने की चेतावनी दी। भारी नारेबाजी के बीच यहाँ भी कृषि कानूनों की प्रतियां दहन हुईं।

भटिंडा के टुँगवाली में भाजपा नेता दयाल सोंधी के आवास के सामने किसानों ने एकत्र होकर पुलिस द्वारा लगे बैरियार के बावजूद काले क़ानूनों की प्रतियां जलाईं।

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फगवाड़ा में अर्बन एस्टेट में किसानों ने केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश के आवास के पास कृषि कानूनों की प्रतियों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए प्रकाश के आवास की तरफ जाने वाली सड़क पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे। विरोध के समय प्रकाश आवास पर नहीं थे।

मोहाली में किसानों ने प्रकाश के आवास के पास भी प्रदर्शन किया। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे।

चंडीगढ़ में किसानों का प्रदर्शन-

बिहार

औरंगाबाद जिले के पीरू गांव के किसानों द्वारा तीनों काले कृषि कानूनों की प्रतियों को जला कर सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाया गया।

Kashish News
दरभंगा में प्रदर्शन

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फरपुर में तीनों कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलायीं।

वहीं प्रगतिशील महिला संगठन द्वारा भी हैदरपुर में कृषि कानूनों की प्रतियां जलायी गयीं। कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।

छत्तीसगढ़

किसान आंदोलन के विभिन्न घटक संगठनों ने आज छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में किसान विरोधी काले कानूनों की प्रतियां जलायीं। कई स्थानों पर ये प्रदर्शन भाजपाई नेताओं के घरों और कार्यालयों के आगे भी आयोजित किये गए।

ये प्रदर्शन किसान आंदोलन के 20 से ज्यादा संगठनों की अगुआई में कोरबा, राजनांदगांव, सूरजपुर, सरगुजा, दुर्ग, कोरिया, बालोद, रायगढ़, कांकेर, चांपा, मरवाही, बिलासपुर, धमतरी, जशपुर, बलौदाबाजार व बस्तर सहित 20 से ज्यादा जिलों में आयोजित किये गए।

हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति व किसान सभा सहित कुछ संगठनों ने कोरबा व बिलासपुर में आज के इस प्रदर्शन को पर्यावरण दिवस के साथ भी जोड़कर मनाया। 

उत्तरप्रदेश

शामली में भारतीय किसान यूनियन ने सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाते हुए कलक्ट्रेट स्थित परिसर में तीनों बिलों की प्रतियों को आग के हवाले करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ प्रतियों को जलाने से रोकने को छीना झपटी भी हुई।

मथुरा में मांट, बलदेव व छाता तहसील में कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़कर संपूर्ण क्रांति दिवस मनाया गया।

छाता में कृषि कानूनों का विरोध करते किसान।

इलाहाबाद में किसान आन्दोलन एकजुटता मंच इलाहाबाद के तत्वाधान में जिले के दोनों सांसद, डॉ रीता बहुगुणा जोशी और श्रीमती केशरी देवी पटेल के आवास के सामने, किसान विरोधी कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलायी गयीं। 

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व जय किसान आंदोलन से जुड़े मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार से इसे वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की। इस दौरान कई जगह नेताओं को पुलिस ने नजरबंद किया।

राजस्थान

सीकर में कलेक्ट्रेट स्थित सांसद कार्यालय पर विरोध जताने पहुंचे। किसानों का खेती बचाओ-कॉरपोरेट भगाओ अभियान शनिवार को पीपे बजाने के साथ शुरू हुआ।

लॉकडाउन में वीक एंड कर्फ्यू के बावजूद किसान कलेक्ट्रेट तक पहुंचें। नारेबाजी की, विरोध जताया व कृषि कानून की प्रतियों को जलाकर काले घड़े में डाला। फिर घड़े को फोड़ा गया।

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर पूरे देश के साथ नागौर में शनिवार को कलक्ट्रेट के सामने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाया गया।

उत्तराखंड

अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा (माले) द्वारा मोतीनगर में कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट किया गया।

किसानों की मांग, मोदी सरकार हठधर्मिता छोड़कर कृषि कानून वापस ले

अल्मोड़ा में विरोध-

Almora News: संपूर्ण क्रांति दिवस मनाकर सांकेतिक विरोध, कृषि बिल वापस लेने  की पुरजोर मांग की » Creative News Express

तमिलनाडु

तमिलनाडु के किसान संगठन विवासायिगल संगम के सदस्यों ने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां शनिवार को जलाते हुए उन्हें रद्द करने की मांग की। राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने छोटे-छोटे समूहों में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया।

देशभर में किसानों के साल भर लंबे प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान उनके बलिदानों को याद करते हुए संगम के प्रदेश महासचिव पी षडमुगम ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से विधानसभा में इन कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।

मध्यप्रदेश

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और माकपा ने ग्वालियर से बीजेपी सांसद विवेक सेजवलकर और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर के सामने काले कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति जिला गुना के नेतृत्व में 5 जून को दोपहर 2 वजे प्रदेश के पंचायत मंत्री के अंबेडकर चौराहा स्थित कार्यालय के सामने काले कानूनों की प्रतियां जलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस मनाया गया। 

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