चीन के शेन्ज़ेन में नए कानून लाकर छीने जा रहे हैं श्रमिकों के बचे खुचे अधिकार

मज़दूरों में है रोष, विरोध की उठ रही हैं आवाज़ें

चीन में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और शहर में छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों पर बोझ को कम करने के नाम पर सरकार ने मालिकों को अपनी मर्ज़ी के काम के घण्टे तय करने और रखने व निकालने की छूट देने का अधिकार दे दिया है। …क्या हैं चीन में हालात, बता रहे हैं साथी धर्मेन्द्र आज़ाद

चार दशक पहले चीन में पूँजीवादी पथगामियों का सत्ता पर क़ाबिज़ होने के बाद हॉंगकॉंग के पास चीन के शेन्ज़ेन (Shenzhen) शहर को स्पेशल एकनॉमिक ज़ोन के मॉडल के तौर पर विकसित किया गया।

शुरू से ही इस शहर में पूँजीपतियों को मज़दूरों का शोषण करने की अपेक्षाकृत अधिक छूट दी जाती हैं, अभी पिछले हफ़्ते ही शेन्ज़ेन में नए कानून लाकर श्रमिकों के अधिकारों का और क्षरण किया गया है।

शेन्ज़ेन को पिछले साल अक्टूबर में चीनी सरकार द्वारा श्रम संबंधों के नए रूपों को विकसित करने के लिए एक विशेष लाइसेंस दिया गया था जो चीन में भविष्य के शहरी सुधार के लिए एक पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में उभरते उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था।

27 मई को शेन्ज़ेन म्युनिसिपल पीपुल्स कांग्रेस द्वारा चर्चा किए गए मसौदा नियमों के तहत अब वैधानिक छुट्टियों पर काम करवाने पर श्रमिक 300 प्रतिशत ओवरटाइम भुगतान के हकदार नहीं होंगे। इसके अलावा, नियोक्ता वेतन भुगतान में क़ानूनी तौर पर एक महीने तक की देरी कर सकते हैं, और न्यूनतम वेतन अब दो के बजाय हर तीन साल में रिव्यू किया जाएगा।

ये संशोधन शहर में संकटग्रस्त श्रमिकों के लिए श्रम सुरक्षा और लाभों को और भी कमजोर करेंगे, दूसरी तरफ़ मालिकों के लिए लागत कम करने और श्रमिकों का और अधिक शोषण करने की व्यवस्था करेंगे।

आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और शहर में छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों पर बोझ को कम करने के नाम पर सरकार ने मालिकों को अपनी मर्ज़ी के कामकाजी घण्टे तय करने और काम पर रखने और निकालने की छूट देने का अधिकार दे दिया है।

अधिकारियों ने तर्क दिया है कि, आर्थिक मंदी और विशेष रूप से कोविड -19 महामारी के प्रभाव के कारण, निजी क्षेत्र का समर्थन करने, अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और “श्रम गतिशीलता में बाधा डालने वाली प्रणाली में दोषों को दूर करने” की तत्काल आवश्यकता है।

संशोधित नियम बोनस और वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के साथ कानूनी विवादों में नियोक्ताओं की सहायता करेंगे। अब से, यदि किसी रोजगार अनुबंध में मजदूरी का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, तो भुगतान पिछले वर्ष के दौरान शहर में औसत मजदूरी के आधार पर किया जाना चाहिए। अब से वार्षिक बोनस भुगतान केवल रोजगार अनुबंध के अनुसार ही किया जाएगा, इसमें चीन सरकार के बोनस का नियम लागू नहीं होगा, यानी बोनस भी मालिकों की मर्ज़ी पर छोड़ दिया गया है।

दो की जगह तीन साल में न्यूनतम वेतन को समायोजित करके के मामले में शेन्ज़ेन ग्वांगडोंग प्रांतीय सरकार के रास्ते का अनुसरण कर रहा है, जिसने 2010 के अंत में प्रांत में त्रैवार्षिक समायोजन शुरू कर दिया था।

कुछ समय पहले तक, शेन्ज़ेन ने हर एक या दो साल में न्यूनतम वेतन बढ़ाया था। हालांकि, आखिरी समायोजन अगस्त 2018 में किया गया था, जब मासिक न्यूनतम वेतन 2,130 युआन से बढ़ाकर 2,200 युआन किया गया था। शंघाई का न्यूनतम वेतन अब 2,480 युआन प्रति माह है।

शहर में ज़रूरी खर्चो को देखते हुए शेन्ज़ेन में प्रति माह सिर्फ 2,200 युआन की मजदूरी पर रहना लगभग असंभव है। न्यूनतम वेतन वृद्धि में और देरी करने से सबसे गरीब वेतन पाने वाले श्रमिकों पर और भी अधिक दबाव पड़ेगा।

कम वेतन के अलावा, सभी क्षेत्रों के श्रमिकों को वेतन बकाया, मनमानी वेतन कटौती और संविदात्मक परिवर्तनों से जूझना पड़ता है। वहाँ पर हड़ताल करना ग़ैर क़ानूनी होने के बावजूद मज़दूरों के पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। हड़ताल करने पर कठोर सजा का ख़तरा होने के बावजूद इसी वर्ष अब तक, निर्माण श्रमिकों द्वारा वेतन बकाया को लेकर हड़ताल, कोरियर श्रमिकों द्वारा हड़ताल, एक इलेक्ट्रॉनिक्स कारखाने में खाद्य वितरण श्रमिकों द्वारा हड़ताल, और टैक्सी ड्राइवरों द्वारा अपने भारी अनुबंधों से रिहाई की मांग को लेकर सामूहिक विरोध दर्ज किये गये हैं।

सामूहिक कार्रवाई का साहस न कर पाने वाले कई अन्य श्रमिकों ने सरकारी हस्तक्षेप की उम्मीद में वेतन बकाया और अनुबंध विवादों से संबंधित अपनी शिकायतों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

स्रोत: CLB China labour bulletin

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