मोदी सरकार के सात साल : देश लूटो, विदेश भागो, एनआरआई बन टैक्स का लाभ लो!

बीते सात सालों में हजारों धनपती देश से हुए फरार

मोदी काल में लूटो और देश छोड़ कर विदेश भाग जाओ की जबरदस्त नीति है। मोदी सरकार के सात सालों में इसमें जबरदस्त इजाफा हुआ है। रिपोर्टों के मुताबिक 2020 में छह हजार अमीरों ने देश छोड़ा। 2015 से 2019 के बीच 29 हजार से ज्यादा करोड़पतियों ने भारत से पलायन किया। 2021 में इससे ज्यादा अमीरजादे देश छोड़ सकते हैं।

वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार को बताया था कि पिछले बीते दिनों विजय माल्या, ललित मोदी, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और संदेसरा बंधु समेत कुल 36 कारोबारी देश से फरार हो चुके हैं।

ग्लोबल वेल्‍थ माइग्रेशन रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुल करोड़पतियों में से 2% ने 2020 में देश छोड़ दिया है। हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में 2019 की तुलना में 63% ज्यादा भारतीयों ने देश छोड़ने के लिए जानकारी जुटाई। हालांकि लॉकडाउन में फ्लाइट बंद होने से कई दस्तावेजी संबंधित काम धीमा पड़ने के चलते 2020 में पांच से छह हजार अमीरों ने देश छोड़ा।

अब 2021 में यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है। जानकारी के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के बाद इन्क्वायरी तेज हो गई है। 2021 में पिछले साल से ज्यादा अमीर देश छोड़ सकते हैं। इससे पहले 2015 से 2019 के बीच 29 हजार से ज्यादा करोड़पतियों ने भारत की नागरिकता छोड़ी थी।

हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के धनपतियों ने कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया, माल्टा, तुर्की, यूएस और यूके में बसने की सबसे ज्यादा जानकारी जुटाई।

गृह मंत्रालय द्वारा फरवरी 2021 में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 में 1,41,656 तरह साल 2016 में कुल 1,44,942 साल 2017 में 1,27,905, साल 2018 में 1,25,130 और साल 2019 में 1,36,441 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी।

भगोड़े धनपती मोदीनामिक्स के विशेष लाभार्थी

विदेश जाने वालों में कुछ तो वे हैं जो रोजगार, बेहतर करियर, आर्थिक संपन्नता और बच्चों का भविष्य आदि कारण से विदेशों का रुख करते हैं। लेकिन भगोड़ों में मुख्य भारतीय कारोबारी हैं, जो यहाँ से लूट कर वहाँ और धनपती होने के लिए फरार होते हैं।

देश के भगोड़े धनपती व्यापार के मोदीनामिक्स के विशेष लाभार्थी हैं। कुछ महीने विदेशों में रहने पर वो एनआरआई घोषित हो जाते हैं और उन पर लगने वाला कॉर्पोरेशन टैक्स खत्म हो जाता है। धंधा नए मुनाफ़ों के साथ छलांगें लेने लगता है।  

इनमें ज्यादातर वे अमीरजादे हैं, जिन्होंने टैक्स आदि में घपलेबाजी कर गलत तरीके से पैसे कमाए हैं। बैंकों और सार्वजनिक संपत्तियों को लूटा है। करोड़ों-अरबों का कर्ज लेकर पचा गए हैं। इसलिए देश से भाग रहे हैं।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे