काला दिवस की सफलता पर सयुंक्त किसान मोर्चा का देशवासियों को धन्यवाद व संकल्प

स्वतंत्रता सेनानी दोरासामी और पत्रकार पुरषोत्तम शर्मा के निधन पर शोक

26 मई को देशव्यापी काला दिवस पर किसानों को देशभर से भारी समर्थन मिलने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने देशवासियों को धन्यवाद दिया व संकल्प बांधा कि मांगे पूरी होने पर आंदोलन ही खत्म होगा। मोर्चा ने इस दिन देशवासियों को अपने घरों, दुकानों, वाहनों और सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने का आह्वान किया था।

एसकेएम ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन चाहे 6 महीने का हो गया हो परंतु किसानों का हौसला बरकरार है और वे लगातार लड़ते रहेंगे। सरकार इसे जितना खींचना चाहे वह कर सकती है, परंतु इसमें सरकार का ही राजनैतिक नुकसान है। किसान को यह समझ आ चुका है कि यह कानून किसानी पर बहुत गहरा हमला है इसलिए किसानों को भी मजबूती से लड़ना है।

स्वतंत्रता सेनानी और कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एचआर दोरासामी का आज 104 साल की उम्र में निधन हो गया। दोरासामी जी ने देश के स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। वे देश के आजाद होने के बाद भी सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सरकारों के खिलाफ लड़ते रहे। वे देश की एक मुख्य जनतांत्रिक आवाज थी। सयुंक्त किसान मोर्चा उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

दैनिक ट्रिब्यून के सोनीपत में वरिष्ठ पत्रकार श्री पुरुषोत्तम जी का आज निधन हो गया वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और आज उन्होंने आखिरी सांस ली। पुरुषोत्तम जी लगातार किसान आंदोलन को कवर कर रहे। वे सिंघु बॉर्डर पर किसानों की आवाज को मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने ला रहे थे। संयुक्त किसान मोर्चा उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है।

बड़ी संख्या में किसान दिल्ली मोर्चों की ओर बढ़ रहे हैं

भाकियू (एकता डकौंदा) के नेता जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि किसान पंजाब के कई जिलों जैसे संगरुर, पटियाला, गुरदासपुर, मनसा, बठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फाजिल्का से दिल्ली की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं।

किसानों ने कहा कि बुजुर्गों के साथ-साथ युवा और महिलाएं भी वाहन में जरूरी सामान लेकर टिकरी और सिंघु बार्डर जा रहे हैं।

अंबाला में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनीने कहा कि केंद्र यदि हमारी मांगों पर सहमत हो जाता है तो किसान आज प्रदर्शन खत्म करने के लिए तैयार है, साथ ही हम अपना आंदोलन तब तक जारी रखने के लिए तैयार हैं जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं।

भाकियू नेता श्रृंगार सिंह ने कहा कि प्रत्येक रविवार को राज्य के सभी जिलों से किसान दिल्ली की सीमा पर जाते हैं और एक सप्ताह के बाद उनका स्थान नया समूह ले लेता है।

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