सफल रहा देशव्यापी ‘काला दिवस’, लहराए काले झंडे, जले मोदी सरकार के पुतले
सयुंक्त किसान मोर्चा ने बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई
बुधवार, 26 मई को दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने और केंद्र की शोषणकारी मोदी सरकार के सत्ता में 7 साल पूरे होने पर विरोध दिवस मनाया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को पूरे देश से भरपूर समर्थन मिला। जगह जगह मोदी सरकार के पुतले फूंके गए और लोगों ने अपनी गाड़ियों व घरों पर भी काले झंडे लगाकर विरोध जताया।
किसानों के साथ ही अनेक मज़दूर संगठन, लोकतांत्रिक जनवादी संगठन एवं कई दलों ने विरोध दिवस का समर्थन किया। एक तरफ जहां देश के नागरिकों ने केंद्र की जुल्मी सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया है वहीं दूसरी तरफ देश के अन्नदाता का भरपूर समर्थन किया है।
दिनभर पूरे देश से किसान आंदोलन के समर्थन में और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें आती रही। महाराष्ट्र के नंदुरबार, नांदेड़, अमरावती, मुंबई, नागपुर, सांगली, परभणी, थाने, बीड़, सोलापुर, बुलढाणा, कोल्हापुर, नासिक, औरंगाबाद, सतारा, पालघर, जलगांव में किसानों और आम नागरिकों ने घर पर काले झंडे लगाकर और मोदी सरकार के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली की सीमाओं पर बुद्ध पूर्णिमा के साथ काला दिवस
दिल्ली मोर्चो पर आज बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई और लोगों को शांतमयी विरोध करने का आह्वान किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा का विश्वास है कि किसानों का यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहते हुए ही जीता जा सकता है।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर विरोध दिवस मनाया और मोदी सरकार को चेतावनी दी कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती तब तक किसान वापस नहीं जाएंगे। सरकार चाहे जितना बदनाम करें, पुलिस बल का प्रयोग करें पर किसान डटे रहेंगे। किसानों ने सीमा क्षेत्रों- सिंघू, गाजीपुर, टिकरी और शाहजहांपुर पर काले झंडे लहराए और नेताओं के पुतले जलाए।
सिंघु बॉर्डर पर दिन की शुरुआत बुद्ध पूर्णिमा मनाकर हुई। इसके बाद किसानों ने अपनी अपनी ट्रॉलियां में, कच्चे मकानों में और अन्य वाहनों पर काले झंडे लगाए। इसके बाद किसानों ने अलग-अलग जगह पर मोदी सरकार के पुतले जलाए और नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
टिकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसानों ने पहुंचकर मोर्चे को मजबूत किया। आसपास के नागरिकों ने भी पहुंचकर किसानों का समर्थन किया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों का लगातार आना जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी काले दिवस के रुप में मनाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया। इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा और पुलिस ने पुतला छीनने की भी कोशिश की, जिसे किसानों ने अपने प्रतिरोध से असफल कर दिया।
शाहजहांपुर बॉर्डर पर राजस्थान व हरियाणा के किसानों ने इकट्ठे होकर मोर्चे को मजबूत करने का फैसला किया और आने वाले दिनों में और किसानों को साथ में जोड़ने का फैसला किया।
देश के विभिन्न हिस्सों में प्रतिरोध
पंजाब
पंजाब के हर जिले में किसानों का भरपूर समर्थन मिला और पहले की तरह घर घर में काले झंडे लगे और बाइक रैली व छोटी बैठकों करके और मोदी सरकार के पुतले जलाकर विरोध किया गया।
अमृतसर, मुक्तसर, मोगा, तरनतारन, संगरूर और बठिंडा समेत कई स्थानों पर विरोध हुआ और भाजपा नीत सरकार के पुतले भी फूंके। ट्रैक्टरों, कारों, दो पहिया वाहनों पर काला झंडा लगा रखा था।
हरियाणा
अंबाला, हिसार, सिरसा, करनाल, रोहतक, जींद, भिवानी, झज्जर सोनीपत, गुड़गांव, भिवानी, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, सरीदबद समेत पूरे हरियाणा के किसानों ने मोदी सरकार के पुतले जलाए व घरों में काले झंडे लगाए और मांगे पूरी होने तक आंदोलन चलाने का प्रण लिया।
जन संघर्ष मंच हरियाणा ने गोहाना में समता चौक पर तानाशाह मोदी सरकार का पुतला दहन किया।
जन संघर्ष मंच हरियाणा (घटक- मासा), मनरेगा मजदूर यूनियन व निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन की कैथल इकाई की ओर से चीका में काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया गया व उधम सिंह चौक पर किसान संगठनों के साथ मिलकर मोदी व खट्टर सरकार का पुतला दहन किया गया।
फ़रीदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकते इंकलाबी मज़दूर केंद्र के साथी
बिहार
बिहार के बेगूसराय, अरवल, वैशाली, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सिवान, जहानाबाद, आरा, भोजपुर, पटना समेत अन्य जगहों पर किसानों के समर्थन में लोगों ने घरों में काले झंडे लगाए और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया।
इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा पटना जिले के भिन्न मजदूर चौकों और जमुई व जहानाबाद में विरोध प्रदर्शन
रोहताश जिले ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण मज़दूर यूनियन द्वारा विरोध
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में बरेली सीतापुर, बनारस, बलिया, मथुरा समेत कई जगह पर किसानों ने मोदी सरकार के पुतले जलाकर और काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
बरेली में इंक़लाबी मज़दूर केंद्र की बंशीनगला इकाई द्वारा विरोध प्रदर्शन
राजस्थान
राजस्थान के जयपुर, झुंझुनू, भरतपुर, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़ समेत कई जगह पर विरोध प्रदर्शन हुए।
जयपुर के झालाना डूंगरी में क्रान्तिकारी नौजवान सभा के साथियों द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन व केंद्र सरकार के विरोध में काला दिवस मनाया गया और काला झंडा फहरा कर विरोध प्रकट हुआ।
उत्तराखंड
लॉक डाउन व पाबंदियों के बावजूद उत्तराखंड के तराई क्षेत्र हरिद्वार व उधम सिंह नगर में तथा पहाड़ी जिलों के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।
हरिद्वार में मोदी का पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन करते इंकलाबी मजदूर केंद्र, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो कॉम्पोनेंट्स, फूड्स श्रमिक यूनियन (आ.ई.टी.सी) आदि
रुद्रपुर में मज़दूर सहयोग केंद्र द्वारा काले झंडे के साथ विरोध
अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने केन्द्रीय कार्यालय में काला दिवस मनाया और मोदी सरकार से तत्काल किसान, जन विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
पश्चिमी बंगाल
पश्चिमी बंगाल के कोलकाता सहित विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए।
एसडब्लूसीसी द्वारा पूर्वी बर्धमान जिले में विरोध प्रदर्शन
इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा रानीगंज कोयलांचल में परसिया और नॉर्थ जामबाद यूनियन कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु में शिवगगई, कल्लकुर्ची, कतुलुर, धर्मपुरी तंजौर, तिरुनेलवेली कोयंबटूर समेत कई जगह पर किसान मोर्चा को समर्थन किया गया और मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में नागरिकों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान को सफल बनाया।
आंध्र प्रदेश में विशाखापट्टनम और तेलंगाना में हैदराबाद समेत कई जगह किसानों ने विरोध प्रकट किया। उड़ीसा के रायगड़ा, जम्मू कश्मीर के अनंतनाग, त्रिपुरा, आसाम में भी किसानों के प्रदर्शन हुए।
विरोध प्रदर्शन की कुछ और झलकियाँ
मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र, दिल्ली, इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा प्रतिरोध
वापी, गुजरात से सॉलिडेरिटी संदेश : इफ्टू (सर्वहारा)
नोएडा में भी सीटू सहित तमाम मजदूर संगठन ने विरोध जताया