नीचता : गंगा में उतराते शवों के बीच यूपी-बिहार के बीच ज़ुबानी जंग
किसी भी राज्य की हों, लाशें इंसान की हैं, सरकारी अक्षमता का प्रमाण हैं
कोरोनावायरस महामारी का असर गांवों तक पहुंचने के साथ ही अब देश में संक्रमण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से कई मौतों का तो रिकॉर्ड तक नहीं रखा जा रहा। इस बीच मृतकों के परिजन उनका ठीक से अंतिम संस्कार करने के बजाय अब शवों को जैसे-तैसे ठिकाने लगाने में लग गए हैं। एक दिन पहले ही बिहार के बक्सर और कुछ अन्य जिलों में गंगा नदी में कुछ शव उतराते दिखे। आशंका जताई गई कि यह कोरोना मरीजों के शव हैं, जो कि उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार में पहुंचे हैं। हालांकि, इन दावों को लेकर दोनों राज्यों की सरकार के बीच ठन गई है और अधिकारी इनकी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपने में जुटे हैं।
कैसे शुरु हुआ विवाद?: हाल ही में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों का शव यूपी की सीमा से सटे बिहार के बक्सर जिले के चौसा के समीप नदी में सोमवार को बहते हुए पाए गए थे। चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया था कि स्थानीय चौकीदार द्वारा इस बारे में सूचित किए जाने पर हमने अब तक कई शव बरामद किए हैं। मृतक में से कोई भी बक्सर जिला के निवासी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उस पार उत्तर प्रदेश के कई जिले नदी के किनारे स्थित हैं और हो सकता है कि वहां शवों को गंगा में बहा दिया गया जो हमें नहीं पता।
अधिकारी के इस बयान के बाद मंगलवार को बिहार सरकार ने कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 73 शव निकाले गए हैं। इनके कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के शव होने की आशंका जताते हुए यह संभावना जतायी जा रही है कि संभवतः अंतिम संस्कार नहीं करके उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया होगा। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने अपने ट्वीट में बक्सर जिले में इन शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार आए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इतनी संख्या में शव बरामद होने और नदी में उन्हें प्रवाहित किए जाने से तकलीफ पहुंची है क्योंकि वह गंगा नदी की स्वच्छता और निर्बाध प्रवाह को लेकर हमेशा चिंतित रहे हैं और उन्होंने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्ति बढाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो। वहीं, बिहार से भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिगरीवाल ने भी आरोप लगाया कि एंबुलेंस बिहार के सारन में स्थित जयप्रभा सेतु पर शव बहा रहे हैं। यह जगह यूपी क बलिया से सटी हुई है।
यूपी के अफसर बोले- बिहार सरकार करे जांच: उधर बिहार के अफसर के इन दावों पर उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह शव बिहार में मिले हैं। इसलिए यह बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच करे और जरूरी कार्रवाई करे। इसका दोष यूपी को देना गलत है।” उन्होंने कहा कि यूपी सरकार पहले ही लोगों को जल समाधि जैसे कदम उठाने से रोकने का आदेश जारी कर चुकी है।
केंद्रीय मंत्री बोले- तुरंत घटना का संज्ञान लें संबंधित राज्य: दो राज्यों के बीच बढ़ते टकराव पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कूदना पड़ा है। उन्होंने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री- योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार को अपने ट्वीट में टैग करते हुए कहा, “बिहार के बक्सर क्षेत्र में मां गंगा में तैरते मिले शवों की घटना दुर्भाग्यजनक है। यह निश्चित ही पड़ताल का विषय है। मां गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। यह घटना अनपेक्षित है। संबंधित राज्य इस संदर्भ में तुरंत संज्ञान लें।”
जनसत्ता से साभार