दार्जलिंग: चाय बागान संग्राम समिति ने कोविड-19 महामारी को लेकर अपना मांगपत्र जारी किया

भारत में कोविड-19 महामारी की खतरनाक दूसरी लहर को देखते हुए दार्जिलिंग हिल्स तराई- डुवर्स के चाय बागान में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर चाय बागान संग्राम समिति CBSS की ओर से मांग पत्र जारी किया गया है।

CBSS दार्जिलिंग हिल्स तराई- डुवर्स में चाय मजदूरों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय है। चाय बगान आन्दोलन को मजबूत और व्यापक बनाने के लिए कुछ मजदूरों और नागरिकों द्वारा खुद पहलकदमी करते हुए 2015 में चाय बगान संग्राम समिति गठित की गयी। बंद पड़े चाय बागानों के मुद्दों को लेकर भी चाय बागान संग्राम समिति लगातार आंदोलन कर रही है। हालांकि सीबीएसएस चाय बागान में सक्रिय ट्रेड यूनियनों के जॉइंट फोरम का हिस्सा नहीं है मगर चाय बागान श्रमिकों के अधिकारों के संघर्ष में रचनात्मक रूप से सक्रीय है। हाल ही में पूरे इलाके में श्रमजीवी अधिकार मंच द्वारा फ़रवरी- मार्च के दौरान श्रम कानूनों में संशोधन, कृषि कानूनों में संशोधन, वन अधिकार कानून में संशोधन के खिलाफ व्यापक जन यात्रा निकाली गई थी जिसका सीबीएसएस ने भी समर्थन किया था जिनको अन्य चुनावी पार्टियां हमेशा नज़रअंदाज करती रही हैं।

7 मई 2021, चायबागान संग्राम समिति (CBSS), दार्जिलिंग हिल्स – तराई – डूअर्स, :

मांगपत्र

दार्जिलिंग और तराई के हिस्सों में प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने सहित श्रमिकों के लिए तत्काल मास्क, सैनिटाइजर, दवाओं इत्यादि का वितरण करने और संक्रमित श्रमिकों को क्वारांटाइन करते हुए उनका इलाज करने की मांग की गई है।

7 मई 202, चायबागान संग्राम समिति (CBSS), दार्जिलिंग हिल्स – तराई – डुवर्स :

“कोविड -19 के ख़तरनाक दूसरी लहर और चाय बागानों के भीतर संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हमारी निम्नलिखित मांगे हैं:

1) अन्य राज्यों से लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को अलग स्थान पर क्वारांटाइन किया जाना चाहिए और पिछले साल कोविड की पहली लहर की तरह इस बार भी विभिन्न इलाकों में प्रशासन द्वारा क्वारांटाइन सेंटर बनाया जाना चाहिए।

और चाय बागानों में बाहर से आने वाले जो लोग अपने घर पहुंचने वाले हैं/ या पहुंच चुके हैं उन्हें क्वारांटाइन सेंटर या होम क्वारांटाइन में रहने के लिए दृढ़ता से निर्देश दिया जाना चाहिए।

2) अब चाय बागानों में भी संक्रमण का खतरा है।  चाय बागान के श्रमिकों में अधिकांश वृद्ध महिलाएँ हैं और उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।  प्रत्येक चाय बागान में वहां के प्रबंधन को नि: शुल्क एन 95 मास्क वितरित करना चाहिए और सभी स्थायी और अस्थायी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए कोरोना वैक्सीन लगाने का प्रबंधन करना चाहिए।

बंद पड़े चाय बागानों में भी सरकार या प्रशासन द्वारा यह व्यवस्था की जानी चाहिए।

काम करते समय, शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग और अन्य कोविड प्रतिकूल प्रोटोकॉल को दृढ़ता से चाय बागानों में लागू किया जाना चाहिए। कोविड जागरूकता अभियान भी अतिशीघ्र चलाया जाना चाहिए।

3) इस वक़्त बाज़ार में ऑक्सीजन की मांग अधिक है और आपूर्ति सीमित है और हर जगह ऑक्सीजन की कालाबाजारी और जमाखोरी के मामले सामने आए हैं, जहां ऑक्सीजन का अधिक शुल्क वसूल किया जा रहा है। सभी जगह ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हैं और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी कम मात्रा में उपलब्ध हैं।

इसलिए दार्जिलिंग, तराई- डुवर्स के प्रत्येक तहसील में, सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और सिलेंडर रिफिलिंग की व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बहुत से रोगी ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण परेशान हैं।

4) राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को दार्जिलिंग, तराई-डुवर्स में चाय बागानों के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए, चाय बागान प्रबंधन के परामर्श से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नए स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करना चाहिए और पुरानों का नवीनीकरण करना चाहिए।

ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित संख्या में चिकित्सा कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की जानी चाहिए और उन्हें सभी सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई सूट, एन 95 मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइज़र आदि प्रदान किए जाने चाहिए।

5) कोविड -19 की दूसरी लहर ने ख़तरनाक रुख अख्तियार कर लिया है और वंचित समुदाय से आने वाले बहुत से छात्रों को राज्य या केंद्र सरकार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है, और परिणामस्वरूप उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि हर दिन कम हो रही है।  सरकार को सिर्फ कागजों में ही नहीं, बल्कि वास्तविकता   में हाशिए पर मौजूद छात्रों को आर्थिक पैकेज देना चाहिए।

6) (यदि) कोविड के मद्देनजर सरकार के आदेशों की पालना करते हुए उत्पादन नहीं किया जा रहा है तो 50% कार्यबल सहित सभी को पूरी मजदूरी देनी सुनिश्चित की जाए।”

चायबागान संग्राम समिति (CBSS)

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