कोवीशील्ड वैक्सीन निर्माता सीरम का मालिक पूनावाला देश से फरार क्यों?
कोविड के बहाने घपले की कहानी-1
कोरोना की दूसरी लहर और ऑक्सीजन की किल्लत के बीच गजब का खेल चल रहा है। पीएम केयर फंड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं में घपलों की परतें खुलने लगी हैं। इसी बीच कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम कंपनी का मालिक अदार पूनावाला सरकारी खजाने का तीस अरब रुपए दबाकर सपरिवार लंदन भाग गया। …जारी खेल की पहली किस्त पूनावाला प्रकरण…
वैक्सीन सप्लाई की जगह देश से भागा क्यों ?
भारत में कोवीशील्ड वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का सीईओ अदार पूनावाला अचानक लंदन फरार हो गया। उसको बुधवार को वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली थी। इससे पहले सीरम के प्लांट में संदेहास्पद रूप से आग लगाने की खबर आई थी।
पूनावाला इस समय लंदन में हैं। ब्रिटेन में भारतीयों की एंट्री पर बैन लगने से पहले ही वह सपरिवार वहाँ पहुँच गया था। लंदन आने की वजह उसके बिजनेस प्लान हैं। उसने कहा कि मैंने लंबे समय तक यहीं रहने का मन बना लिया है।
उसका कहना है कि भारत के शक्तिशाली नेता और बिजनेसमैन उन्हें फोन पर धमका रहे हैं। इनमें कुछ मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। सभी कोवीशील्ड की सप्लाई तुरंत करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे हालात में मैं भारत वापस नहीं जाना चाहता। सब कुछ मेरे कंधों पर डाल दिया गया है। मैं ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी नहीं फंसना चाहता।
3000 करोड़ रुपए का अनुदान मिल चुका था
पूनावाला को सरकार ने वैक्सीन बनाने के लिए सारे सरकारी नियमों में ढील देकर 3000 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था और कहा था कि यह वैक्सीन जनता को मुफ़्त दी जाएगी। अब पूनावाला इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों को 400 रुपए और निजी अस्पतालों को 600 रुपए में बेच रहा था।
दरअसल यह वैक्सीन घोटाला और कोरोना-प्रबंधन घोटाला भी रफाएल जैसा ही एक एक भयंकर घोटाला है, एक नरसंहारी घोटाला है। अबतक मोदी शासनकाल में सरकारी बैंकों के खरबों-खरब रुपए लेकर उनका भट्ठा बैठाकर विदेश भाग जाने वाले पूँजीपतियों की संख्या पचास पार कर चुकी है।
50 लाख रुपए सप्ताह के किराए पर लंदन में ले चुका है हवेली
अदार पूनावाला ने बीते मार्च महीने में लंदन में एक हवेली किराए पर लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदार पूनावाला ने ये हवेली लंदन के महंगे इलाके मेफेयर में ली है। इसका किराया हर हफ्ते 69000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 50 लाख रुपये है। उसने लंदन में ये प्रॉपर्टी पोलैंड के अरबपति डोमिनिका कुलजाइक से किराये पर ली है। यानी तैयारी पहले से थी।
‘गर्दन उड़ाने’ की बात किसकी ओर इशारा है?
मीडिया में अदार पूनावाला द्वारा अपनी ‘गर्दन उड़ाए जाने वाली बात’ बहुत चर्चा का विषय बन रहा हैं। लेकिन इसका असली संदर्भ ज्यादा भयावह है।….
दरअसल, लंदन के एक अखबार के साथ बातचीत के दौरान यह प्रश्नकर्ता ने पूछा कि उनकी नजर में कोविड के कारण भारत में पैदा हालात के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके जवाब में पूनावाला ने कहा, “अगर मैं सही उत्तर दे दूं या कोई भी उत्तर दे दूं तो मेरी गर्दन उड़ा दी जाएगी…मैं चुनावों या कुंभ मेले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह बहुत संवेदनशील बात है।…
वरिष्ठ विश्लेषक गिरीश मालवीय की टिप्पणी-
अदार पूनावाला का ताजा बयान आ गया है। वे कह रहे हैं कि ‘हमारे पार्टनर्स और स्टेकहोल्डर्स के साथ यूके में मीटिंग शानदार रही। पुणे में कोविडशील्ड का उत्पादन जोरों पर है। मैं कुछ दिन में वापस आने पर वैक्सीन उत्पादन की समीक्षा करूंगा।‘
इसके पहले कल उन्होंने जो बयान दिया था उससे भारतवासी होने के नाते हम सब शर्मिंदा हो रहे है। दुनिया भर में डोज़ के उत्पादन और बिक्री के लिहाज़ से सिरम इंस्टिट्यूट दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता है। उसका मालिक जो भारत का आठवां सबसे अमीर आदमी है, वो कहता है कि ‘अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंदन के लिए उड़ान भरने के फैसले के पीछे की काफी हद तक वजह ‘दबाव’ है, क्योंकि मैं उस स्थिति में वापस नहीं जाना चाहता, भारत के पावरफुल लोग आक्रामक रूप से कॉल करके कोविशील्ड वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। ‘कॉल करने वालों में भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्री, व्यापार मंडल के प्रमुख और कई प्रभावशाली हस्तियां शामिल हैं।
अभी भी इस बयान को उन्होंने गलत नही बताया है, न ही वह डिनायल मोड में है। सुबह दिए नए बयान की ठीक से समीक्षा की जानी चाहिए उन्होंने इस नए बयान में बस यह एश्योरेंस दिया है कि पुणे की फैक्ट्री में कोविशील्ड का उत्पादन पहले की तरह जारी रहेगा।
फिर वो कहते हैं मैं ‘वैक्सीन उत्पादन की समीक्षा करूंगा.’ यानी कितने डोज किस राज्य को या केंद्र सरकार को देने है इस बात का डिसीजन वो ही अंतिम रूप से लेंगे……चूंकि वह इंडिया में नही है तो उन पर अब किसी का दबाव नही चलेगा कि हमे पहले दिए जाए..……
इस बयान की दूसरी बड़ी बात यह है कि वे कह रहे हैं ‘हमारे पार्टनर्स और स्टेकहोल्डर्स के साथ यूके में मीटिंग शानदार रही’…..इस बात को ठीक से समझना होगा कि पूना की फैक्ट्री से कोविशील्ड का उत्पादन 6.5 करोड़ प्रति महीना होता है। यह बात अदार पूनावाला पिछले साल के अप्रेल से कह रहे थे कि पुणे की फैक्ट्री की हमारी उत्पादन क्षमता को हम 10 करोड़ डोज पर मंथ तक ले जाएंगे।
शुरू में उन्होंने कहा था कि यह काम हम मार्च 2021 में कर। लेंगे, लेकिन नही किया बीच मे वहाँ आग लगने की खबरें भी आई, फिर उन्होंने कहा कि यह काम जुलाई 2021 तक होगा लेकिन हमें केंद्र सरकार तीन हजार करोड़ अनुदान दे, मोदी सरकार ने काफी हीला- हवाली करते हुए उन्हें तीन हजार करोड़ दे दिये।..
लेकिन दो दिन पहले उन्होंने एक आश्चर्यजनक बयान दिया कि अपने ‘सप्लाई कमिटमेंट को पूरा करने के लिए हम भारत के बाहर वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरु करने की तैयारी में हैं।’
यानी इस उपरोक्त बयान में इस बात पर पर मोहर लग गयी है कि वह भारत मे अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के बजाए विदेश में नयी फैक्टरी लगाकर अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी।…. संभवतः वह पहले विदेशी आर्डर को पूरा करेगी।
भारत मे इस वक्त स्थिति यह है कि एक अनार और सौ बीमार वाली है। राजस्थान के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को 3.75 करोड़ वैक्सीन देने के लिए ऑर्डर भी दे दिया। भूपेश बघेल सरकार ने 50 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ डोज की खरीद को मंजूरी दे दी गई है। भारत सरकार सीरम इंस्टीट्यूट को 3000 करोड़ रुपये का एडवांस दे चुकी है। इस पैसे में आने वाली वैक्सीन की कीमत 150 रुपये प्रति वैक्सीन ही होगी।
यानी सबको तुरन्त वेक्सीन चाहिए और वेक्सीन का निर्माण 6.5 करोड़ पर मन्थ ही है।…. बाकी वेक्सीन का न तो बहुत ज्यादा प्रोडक्शन हो रहा है न आगामी महीनो में बहुत ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। रूस की वेक्सीन बहुत पहले ही आ जानी चाहिए थी, अब कुछ लाख डोज जरूर आयी है पर वह ऊँट के मुंह मे जीरे के समान है।….
अदार पूनावाला पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि वो ये कैसे कह रहे हैं कि राज्यो को तो हम 300 रु में डोज देंगे लेकिन केंद्र को हम 150 में देंगे। उन्होंने अब तक 160 रु में ही केंद्र को यह डोज दी है। इसका एक संभावित कारण यह भी हो सकता है कि अर्ली प्रोडक्शन से सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड की लाखो डोज जल्द एक्सपायरी हो रही थी।
सरकार ने भी जल्दबाजी में इसे आपातकालीन मंजूरी दी और कोविशील्ड का इस्तेमाल शुरू हुआ। देश के डीसीजीआइ ने आश्चर्यजनक रूप से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना टीके कोविशील्ड के उपयोग की अवधि उसके निर्माण की तारीख से छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने तक कर दी।…..
लेकिन अब वो डोज खत्म हो गयी है। ….तो उसने नयी कीमत का एलान किया है, जो विश्व के कई देशों मे दी गयी कोविशील्ड से कही अधिक है।…
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से जवाब तलब किया है। शायद इन्ही सब गतिविधियों से घबराकर वह विदेश चले गए हैं।…..
खैर जो भी हो इस नए बयान के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि बिल गेट्स जो वैक्सीन इंडस्ट्री के कोलम्बस है और उनके अदार पूनावाला से गहरे संबंध भी है, शायद उन्ही के बीच बचाव किये जाने के कारण बीच की राह निकली है।…. रही बात उनके जल्द भारत आने की वह फिलहाल मुमकिन नही लग रहा।….
अगली किस्त ‘पीएम केयर फंड और वेंटिलेटर खरीद घोटाला’ पर