फेसबुक ने रिजाइन मोदी हैशटैग ब्लॉक किया

कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार की विफलता की आलोचना करते हुए कल फेसबुक पर रिजाइन मोदी नाम से एक हैशटैग ट्रेंड कर रहा था जिसे अचानक से फेसबुक ने ब्लॉक कर दिया। करीब 12000 से ज्यादा पोस्ट फेसबुक ने उड़ा दिए।

रिजाइन मोदी हैशटैग सर्च करने पर मैसेज लिखा हुआ मिला कि इस पोस्ट को फ़िलहाल हटा दिया गया है क्योंकि यह फेसबुक के कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स के खिलाफ है।

फेसबुक इंडिया की इस करतूत को लेकर लोगों ने ट्विटर सहित दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब आलोचना की उसके बाद 12.50 pm पर वापस से यह हैशटैग रिस्टोर किया गया।

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि यह हैशटैग गलती से डिलीट हो गया था हमने मोदी सरकार के कहने पर ऐसा नहीं किया था। लेकिन वॉल स्ट्रीट जर्नल के फेसबुक और इंस्टाग्राम पहले भी मोदी सरकार के कहने पर सरकार की आलोचना वाले पोस्ट डिलीट कर चुके हैं।

बीजेपी और फेसबुक इंडिया के अधिकारियों की सांठगांठ इससे पहले भी सामने आ चुकी है। दरअसल मोदीजी की जब भी सोशल मीडिया पर आलोचना होती है मोदी सरकार तुरन्त सरकारी आदेश जारी करते हुए फेसबुक पोस्ट ब्लॉक करवा देती है, यूट्यूब पर वीडियो ब्लॉक करवा देती है या ट्वीट डिलीट करवा देती है। इस सरकार को सवालों और आलोचनाओं से बहुत डर लगता है।

अभी 1 सप्ताह पहले ही ट्विटर ने मोदी सरकार द्वारा कानूनी धमकी के बाद कोरोना महामारी को लेकर सरकार की आलोचना वाले 50 ट्वीट डिलीट कर दिए थे। यह ट्वीट मोदी सरकार की अव्यवस्थाओं के खिलाफ आम लोगों और समाज की जानी-मानी हस्तियों ने किए थे।

उदाहरण के लिए मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से आने वाले फिल्म अभिनेता विनीत कुमार सिंह ने ट्वीट किया था कि “हमने आपको इसलिए वोट नहीं दिया था, लोग बेबस हैं, मर रहे हैं, मैं उन्हें क्या आश्वासन दूं आप जो बंगाल में रैलियां कर रहे हैं और जो वादे कर रहे हैं क्या मैं लोगों को वह पेश करूं?”

दरअसल पूरे कोरोना महामारी के दौरान भाजपा की सरकारों का पूरा ध्यान सोशल मीडिया और अखबारों की हेडलाइन को मैनेज करने और सरकार की आलोचना करने वालों को धमकाने पर ही केंद्रित रहा है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार तो ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड मांगने वालों को देशद्रोह के इल्जाम में जेल भेजने और संपत्ति को ज़ब्त करने की धमकी देती है। हरियाणा में खट्टर सरकार का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा गिरने की कोई जरूरत नहीं है।

कल भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 3.50 लाख को पार कर गया है। कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक दवाएं बाजार और अस्पतालों से गायब है। अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है और कोर्ट में मोदी सरकार उल्टे सीधे दावे कर रही है।

गोदी मीडिया और बिकाऊ प्रिंट मीडिया द्वारा अभी भी मोदी सरकार की लापरवाही के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला जा रहा है। ऐसे में जब सोशल मीडिया के द्वारा कोरोना महामारी के दौरान सरकारी विफलता और अस्पतालों के अंदर दवाओं, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और बेड की कमी से फैली अव्यवस्था, श्मशानों के अंदर कतार में जलती चिताओं की तस्वीरें सामने आ रही है तो भाजपा की फासीवादी सरकारें और नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी इस तरह के तानाशाही आदेश देकर डराने धमकाने का काम कर रही हैं। द गार्जियन, न्यु यॉर्क टाइम्स, आस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख अखबारों सहित अन्य विदेशी मीडिया में भी कोरोना महामारी को लेकर नरेंद्र मोदी के अड़ियल रवैए और निकम्मेपन की काफी आलोचना हो रही है जिससे मोदी सरकार का छवि निखारने वाला अभियान जरा गड़बड़ा गया है।

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