निजीकरण के विरोध में बैंक एसोसिएशन का महाअभियान, चलेगा हस्ताक्षर अभियान

पांच करोड़ लोगों को जोड़ने की है पहल

जमशेदपुर, जासं। बैंकों के निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाई एसोसिएशन ने महाअभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। ऑनलाइन बैठक में तय हुआ कि अप्रैल व मई माह में देश भर के 13 लाख बैंक कर्मचारी अपने-अपने शाखाओं में संचालित यूनियन की मदद से निजीकरण के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे।

इसमें बैंक यूनियन प्रतिनिधि देश भर की बैंक शाखाओं में आनेवाले ग्राहकों और आम जनता को निजीकरण से होनेवाले नुकसान की जानकारी देंगे। साथ ही उनसे निजीकरण के विरोध में हस्ताक्षर भी कराएंगे। जून माह में देश भर से एकत्रित जन समर्थन को लोकसभा अध्यक्ष सहित प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। ऑल इंडिया बैंक यूनियन्स नेतृत्व का कहना है कि हमारा उद्देश्य आम जनता को जोड़ते हुए सरकार तक यह संदेश पहुंचाना है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण का जो निर्णय उन्होंने लिया है, वह गलत है और केंद्र सरकार इस पर पुर्नविचार करे।

इसके अलावे ऑनलाइन बैठक में केंद्रीय बैंक यूनियन्स ने सभी बैंक कर्मचारियों और यूनियन प्रतिनिधियों को कहा कि जैसे ही केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण की आधिकारिक घोषणा करती है वे शॉट नोटिस पर हड़ताल पर जाने, समान विचारधारा वाले ट्रेड यूनियन व व्यापारिक संगठनों को भी इससे जोड़ने का निर्देश दिया गया। साथ ही निजीकरण के विरोध में सांस्कृतिक कार्यक्रम व नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन करने पर जोर दिया गया ताकि इससे होने वाले नुकसान की जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जा सके। कोरोना को लेकर सतर्कता

इसके अलावे कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी बैंक कर्मचारियों को सुरक्षित रहने के लिए उपाय करने और व्यावसायिक समय को घटाने के लिए बैंक के उच्च प्रबंधन को पत्र लिखने की बात कही गई। वहीं, बैठक में महासचिव आरबी सहाय ने आने वाले दिनों में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हमला तेज करने का भी आहवान किया गया। इस ऑनलाइन बैठक में रांची से दिनेश झा लल्लन, एम के पांडेय, बोकारो से उमेश कुमार दास, राजेश ओझा, धनबाद से सुनील कुमार, जमशेदपुर से आरए सिंह, हीरा अरकने, स्वपन कुमार अदख, अमिताभ घोष, एके भौमिक और कॉम शुभेंदु पांडा सहित अन्य ने हिस्सा लिया।

जागरण से साभार

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