सत्यम ऑटो मज़दूरों का संघर्ष, आगे की रणनीति पर विचार
शुक्रवार को प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना हुआ था खत्म
हरिद्वार (उत्तराखंड)। श्रमिकों की बीएचईएल हरिद्वार में हुई आमसभा में चार साल से अवैध गेटबंदी के शिकार सत्यम ऑटो कंपोनेंट लिमिटेड के श्रमिकों की कार्यबहाली पर विचार विमर्श हुआ। सभा में सभी मज़दूर परिवार सहित शामिल हुए। शुक्रवार को प्रबंधन और प्रशासन के आश्वासन के बाद 5 दिनों से कंपनी गेट पर जारी धरना समाप्त हुआ था।
ज्ञात हो कि हीरो मोटोकॉर्प की वेंडर कंपनी सत्यम ऑटो के मज़दूरों और उनके परिवार की महिलाएं व बच्चे 20 दिन तक अनशन व धरने पर बैठे थे। समाधान ना निकालने पर 5 अप्रैल को मज़दूर परिवार सहित कंपनी के गेट पर कूच कर गए और वहीं धरने पर बैठ गए थे।
शुक्रवार को सत्यम ऑटो प्रबंधन और जिला प्रशासन व श्रम अधिकारियों के आश्वासन के बाद श्रमिकों ने धरना समाप्त किया था।
सभा कर आगे की रणनीति पर विचार
नई परिस्थितियों में विचार करने और आगे की रणनीति बनाने के लिए आज 12 अप्रैल को बीएमकेपी, कार्यालय सेक्टर 4 बीएचईएल हरिद्वार में आमसभा हुई।
सभा के अध्यक्ष महिपाल सिंह रावत ने कहा कि, जिला अधिकारी हरिद्वार, जिला प्रशासन, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर हरिद्वार एवं कंपनी प्रबंधन के ठोस आश्वासन के बाद 25 दिन से चल रहे श्रमिक धरने को स्थगित कर दिया गया। सभी श्रमिक व महिलाओं ने हरिद्वार के शासन प्रशासन, कंपनी प्रबंधन एवं सभी पत्रकार बंधुओं और धरने में समर्थन करने वाले सभी संगठनों का धन्यवाद किया।
चार वर्ष से जारी है कार्यबहाली का संघर्ष
सत्यम ऑटो के मज़दूरों ने प्रबंधन को नए वेतन समझौते के लिए 29 जुलाई 2015 को अपना अट्ठारह सूत्री माँगपत्र दिया था। लेकिन प्रबंधन ने 2 मार्च 2017 को गोपनीय तरीके से कुछ मज़दूरों से एक समझौता कर लिया। जिसका मज़दूरों द्वारा विरोध करने से नाराज प्रबंधन ने 17 अप्रैल 2017 को 300 मजदूरों की जबरन गेट बंदी कर दी थी। तब से मज़दूरों का संघर्ष लगातार जारी है।