देशभर में एफसीआई दफ्तरों पर किसानों का प्रदर्शन

जनवितरण प्रणाली नष्ट करने के खिलाफ प्रतिरोध

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जारी आंदोलन के 130वें दिन 5 अप्रैल को सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश के कई हिस्सों में एफसीआई के दफ्तरों का घेराव किया गया व उपभोक्ता मंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। यह माँग बुलंद हुई कि जन वितरण प्रणाली को मज़बूत किया जाये, हर जरूरतमंद को समुचित खाद्यान मिलना सुनिश्चित किया जाये।

इस दौरान जगह-जगह यह बात उभर कर आई कि अम्बानी, अदानी जैसे मुट्ठीभर कॉरपोरेट घरानों के फ़ायदे के लिए भाजपा की केन्द्र सरकार पिछले वर्ष तीन काले कृषि कानून लेकर आई। इनमें से दो कानूनों ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून’ तथा ‘कृषि उपज व्यापार व वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) कानून’ द्वारा एम.एस.पी. पर खाद्यान्न खरीदने, उनका भण्डारण करने तथा राशन प्रणाली को सस्ती दरों पर अनाज प्रदान करने वाली संस्था ‘एफ.सी.आई.’ खत्म हो जाएगी।

देश की गरीब आबादी का जीवन बचाने के लिए आज से 56 साल पहले सन् 1965 में यह संस्था बनाई गयी थी। राशन की दुकानों से हर साल करीब 5 करोड़ टन सस्ता अनाज गरीब लोगों को मुहैया करवाया जाता है। इससे करोड़ों अभावग्रस्त देशवासियों का जीवन सुरक्षित रहता है। भुखमरी के मामले में इस समय हमारे देश की स्थिति बेहद खराब है। ‘भूख सूचकांक’ में भारत अब 107 देशों में 94वें स्थान पर है। यदि ‘एफ.सी.आई’ बन्द हो गई तो बड़े व्यापारियों से महंगा अनाज खरीदने में अक्षम करोड़ों अभागे देशवासी जिन्दा नहीं रह पाएंगे।

देशभर में एफसीआई दफ्तरों-गोदामों पर प्रदर्शन

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और ऑंगले में एफसीआई दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा दिया। हरियाणा के ढांड मंडी कैथल, गुड़गांव, सोनीपत, अम्बाला, करनाल, बदोवाल समेत FCI के दफ्तरों पर किसानों ने रोष प्रदर्शन किया। नोएडा स्थित FCI के दफ्तर पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया।

गुड़गांव के उद्योग विहार सेक्टर-18 में एफसीआई के दफ्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने धरना-प्रदर्शन एवं घेराव किया। जिसमें किसानों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए।

‘जन संघर्ष मंच हरियाणा, गोहाना’ ने ‘एफ.सी.आई’ के दफ्तर के मुख्य द्वार पर धरना रख ‘एफ.सी.आई बचाओ’ दिवस के रूप में मनाया।

रामनगर (उत्तराखंड) में FCI के गोदाम पर धरना दिया गया।

उत्तर प्रदेश के अतरौली, अलीगढ़ समेत कई जगहों पर आज ज्ञापन दिया गया। मऊ जिले के किसान, मजदूर संगठनों और वामपंथी दलों ने सोमवार को भारतीय खाद्य निगम कार्यालय का घेराव किया।

नगर के ताजोपुर स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) कार्यालय का घेराव करते संयुक्त किसान मोर्चा और कि

वहीं बिहार के सीतामढ़ी में बड़ी संख्या मे किसान एकजुट हुए व FCI दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने FCI ऑफिस का किया घेराव, कहा- किसान आंदोलन के समर्थन  में चलेगा चरणबद्ध आन्दोलन
दरभंगा मे प्रदर्शन

राजस्थान के श्रीगंगानगर, गोलूवाला समेत कई जगहों पर किसानों ने खरीद संबधी मांग का ज्ञापन उपभोक्ता मंत्री के नाम सौंपा और धरना प्रदर्शन किया। पंजाब में भवानीगढ़, सुनाम, बरनाला, गुरदासपुर, मानसा, अमृतसर समेत 40 से ज्यादा FCI के दफ्तरों को किसानों ने घेरा व वर्तमान गेहूं की खरीद पर नए नियमो का विरोध किया।

मुख्य माँगें

  • सरकार प्रति एकड़ 12 क्विंटल गेहूँ खरीदने की बाध्यता को समाप्त करे
  • गेहूँ खरीदने के लिए जमीन के कागज दिखाने के नियम को रद्द करे
  • किसानों को MSP की कानूनी गारंटी दिया जाये
  • जन वितरण प्रणाली को मज़बूत किया जाये, हर जरूरतमंद को समुचित खाद्यान मिलना सुनिश्चित किया जाये
एफसीआई को बचाने के लिए फतेहाबाद में किसानों ने दिया धरना

संयुक्त किसान मोर्चा का बयान

संयुक्त किसान मोर्चा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि हालांकि पंजाब के किसान अभी किये गए कुछ बदलावों से जूझ रहे हैं, जो केंद्र सरकार राज्य में चल रहे गेहूं खरीद सीजन में कर रहे है। यह पंजाब के किसानों के हितों के खिलाफ है, वहीं देश के अन्य हिस्सों में किसान एफसीआई की पर्याप्त बजटीय आवंटन के बिना खराब वित्तीय हालात के प्रभावों से पीड़ित है।

संयुक्त किसान मोर्चा और प्रदर्शनकारी किसान भी इस संकट के बारे में गहराई से जानते हैं कि भारत ने अपने उपभोक्ताओं और उत्पादकों को इस संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन के कठोर ढांचे के भीतर अपनी प्रतिबद्धताओं और कृषि पर अपने समझौते के द्वारा उतारा है। सरकार द्वारा बातचीत में रखे गए प्रस्ताव में भोजन के अधिकार, संप्रभुता, खाद्य और पोषण सुरक्षा के ठोस तर्क व प्रस्ताव नहीं है।

Farmers Encircle The Fci Office - किसानों ने एफसीआई दफ्तर का किया घेराव -  Rohtak News

भारत के खाद्य भंडार कार्यक्रम को विश्व व्यापार संगठन में एक स्थायी समाधान के बिना खींचा गया है। विश्व व्यापार संगठन के समझौते ने कृषि मॉडल को एक ऐसे शासन के रूप में बनाया गया है जो आम नागरिकों के हित के खिलाफ है और जो कृषि-व्यवसाय कॉरपोरेट द्वारा मुनाफाखोरी को जगह देता है।

एसकेएम स्पष्ट रूप से समझता है सुधार के नाम से तीन खेती कानून भारत के पीडीएस प्रणाली को समाप्त करने के इरादे से लाये गए है। यही कारण है कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कानूनों को रद्द करने और सभी किसानों को कानूनी अधिकार के रूप में एमएसपी को सांविधिक गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।

Ludhiana farmers Gherao Food Corporation of India office

आज दोपहर संयुक्त किसान मोर्चा, गाजीपुर बार्डर द्वारा जारी एक फोल्डर का इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विमोचन किया गया और हजारों प्रतियां उपस्थित विधि मित्रों के बीच वितरित की गयीं। फोल्डर का शीर्षक है – “इन तीन कानून में काला क्या है, प्रधानमंत्री मोदी को बताओ।”

मिट्टी सत्याग्रह

आंध्रा प्रदेश व तेलंगाना के किसानों ने मिट्टी सत्याग्रह यात्रा में भागीदारी निभाते हुए अपने क्षेत्र की मिट्टी दिल्ली बोर्डर्स पर भेजी है जहां पर शहीद किसान स्मारक बनाएं जाएंगे। लगभग 150 गावों से इक्कठी की मिट्टी को लेकर किसान 6 अप्रैल को गाज़ीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर पहुचेंगे।

छत्तीसगढ़ में 03 अप्रैल को सोनाखान से मिट्टी यात्रा की शुरूआत की गई और राज्य के अलग अलग कोने से मिट्टी एकत्रित की गई। मिट्टी लेकर छत्तीसगढ़ के किसान 06 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पहुचेंगे।

Delhi News : Mitti Satyagraha Yatra To Reach Delhi Borders On April 6 -  किसान आंदोलन : छह अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचेगी मिट्टी सत्याग्रह  यात्रा - Amar Ujala Hindi News Live

किसान नेता राकेश टिकैत और युधवीर सिंह के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा के रोड शो का वहाँ के किसानों व उन आम नागरिकों द्वारा बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है, जो किसानों के संघर्ष को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं।

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