निजीकरण के विरोध में 11 अप्रैल को कृषि मंत्री आवास पर प्रदर्शन

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर कर्मचारी लामबंद

जागरण संवाददाता, भिवानी : केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में 11 अप्रैल को कृषि मंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान जनतांत्रिक अधिकारों पर किये जा रहे हमलों, श्रम कानूनों को पूंजीपतियों के हक में तब्दील करने, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, डीए, एलटीसी बंद करने को लेकर कृषि मंत्री को अवगत कराया जाएगा। यह प्रदर्शन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के तत्वाधान में होगा। रविवार को महम रोड स्थित यूनियन कार्यालय में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कर्मचारी संघ के जिला प्रधान मा. सुखदर्शन सरोहा ने की।

जिला प्रधान ने कहा कि सरकार सभी सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंपकर निजीकरण कर रही है। ठेकेदार के माध्यम से पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं को कच्चा रोजगार देकर बहुत ही कम वेतन में शोषण किया जा रहा है। बेरोजगारी दर हरियाणा प्रदेश में सबसे ज्यादा है। हरियाणा सरकार धर्म, जाति में बांटकर युवाओं को भ्रमित कर रही है। प्रदेश में लाखों पद सरकारी विभागों में खाली पड़े हैं। सरकार उन पर भर्ती करके बेरोजगार को पक्का रोजगार दे। प्रदेश की सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की बड़ी फौज खड़ी कर दी है।

कर्मचारियों ने बैठक के माध्यम से सरकार से मांग की है कि इन कच्चे कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर नियमित किया जाए। जब तक ये कर्मचारी पक्के नहीं होते तब तक न्यायालय के निर्णयानुसार इन्हें समान काम समान वेतन दिया जाए। हटाए गए सभी 1983 पीटीआइ व कलां अध्यापकों को वापस सेवा में लिया जाए। अस्पताल में लगे कच्चे कर्मचारियों को भी नहीं हटाया जाए। नई पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन बहाल की जाए, ऑनलाइन ट्रान्सफर में दूर दराज स्थानांतरित कर्मचारियों को समायोजित किया जाए। तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।

प्री मैच्योर रिटायरमेंट का सरकूलर, बिजली बिल 2020 वापस लेने, जनता विरोधी तमाम काले कानूनों के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर कृषि मंत्री के आवास पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव सूरजभान जटासरा, सहदेव सिंह, सुरेंद्र दिनोद, लोकेश कुमार, राकेश मलिक, नरेंद्र दिनोद, सुनीता, सुशीला, धर्मबीर भाट्टी, सतीश पंघाल सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।

जागरण से साभार

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे