किसान नेता राकेश टिकैत पर हमले की संयुक्त किसान मोर्चा ने की निंदा
हमलावर भाजपा-एबीवीपी के हैं -टिकैत, विरोध में हाइवे हुआ जाम
राजस्थान के अलवर में किसान नेता राकेश टिकैत के काफ़िले पर आज हमले में उनकी कार का शीशा भी टूट गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमला बीजेपी का षड़यंत्र था जो बेनकाब हो चुका है। खबर फैलते ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया।
यह हमला तब हुआ जब टिकैत अलवर के हरसौरा में सभा को संबोधित कर बानसूर जा रहे थे। इसी बीच ततारपुर में भीड़ ने टिकैत के काफिले पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में टिकैत की कार के शीशे टूट गये। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने टिकैत पर स्याही भी फेंकी।
इसके बाद टिकैत के समर्थक वहीं धरने पर बैठ गए और हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। राजस्थान के अलवर में तातारपुर चौराहे पर हुई इस घटना में एबीवीपी और बीजेपी से जुड़े नेताओं का नाम सामने आया है।
किसान नेताओं ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुये बानसूर की किसान सभा के मंच से कहा कि हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।
हमले की सूचना पर दिल्ली-यूपी बार्डर पर किसानों ने नेशनल हाईवे 9 को जाम कर दिया।
यूपी गेट पर किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को बंद कर दिया। इस दौरान किसानों ने दिल्ली से गाजियाबाद आने वाली लेन को करीब पौने दो घंटे बंद रखा। बुलंदशहर के खुर्जा जंक्शन क्षेत्र के गांव कलंदरगढ़ी में किसानों ने जाम लगाया। नोएडा में राकेश टिकैत पर हमले के विरोध में किसानों ने चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया।
राकेश टिकैत ने दी चेतावनी
इधर, राकेश टिकैत ने शांति बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अलवर में हमला बीजेपी का षड़यंत्र था जो बेनकाब हो चुका है।घटना से जुड़े हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और स्थानीय सांसद बालक नाथ और सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के करीबी हैं। यह षड्यंत्र स्थलभौर हरियाणा में रचा गया है।
राकेश टिकैत ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर संयुक्त मोर्चा के नेताओं के साथ सड़कों पर इस तरह की घटनाएं की गई तो भाजपा के सांसद विधायक भी सड़क पर नहीं चल पाएंगे ।
उधर, पुलिस ने इस घटना के संबंध में चार लोगों की गिरफ्तारी की है और जाँच जारी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने की निंदा
संयुक्त किसान मोर्चा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि राजस्थान के अलवर में तातारपुर चौराहे पर किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला हुआ। इसी दौरान श्री टिकैत की कार का शीशा भी टूट गया। हम इस घटना की निंदा करते हैं।
उधर राकेश टिकैत ने कहा कि किसी भी मोर्चे पर घटना के विरोध में कोई एक्शन नहीं लेना है। संयुक्त मोर्चा की बैठक में इस पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी हम इस संघी षड्यंत्र से डरने वाले नहीं है और हमारे कार्यक्रम बादस्तूर जारी रहेंगे।
मोर्चा ने जारी बयान में कहा कि 26-27 मार्च को किसान आंदोलन को पूरे चार महीने हो चुके हैं। 1 अक्टूबर से पंजाब में संयुक्त रूप से आंदोलन चल रहा है। पंजाब के लोगों, संगठनों, कलाकारों, सामाजिक और धार्मिक संस्थानों और व्यक्तित्वों ने इस आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मोदी सरकार किसान आंदोलन को खत्म करने, हराने और तोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
आंदोलन में पंजाब की भूमिका पर बैठक 3 अप्रैल को
किसान मोर्चा गेहूं की फसल के दौरान और बाद में इस आंदोलन में पंजाब के लोगों के योगदान के लिए पंजाबियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर रहा है।
यह बैठक 3 अप्रैल, 2021, शनिवार सुबह 10.00 बजे से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के पमफे PAMFEI हॉल, नजदीक PAU मार्केट में होगी।
बैठक का एजेंडा है किसान आंदोलन की स्थिति और पंजाबी लोगों और संगठनों का सहयोग।
इस संबंध में, संयुक्त किसान मोर्चा के साथी पहले एक भूमिका पेश करेंगे। इसमें शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों के विचार लेने के बाद, कुछ सुझावों को लागू करने का निर्णय लिया जा सकता है।
प्रवासी मज़दूरों के बहाने आंदोलन को बांटने का खेल
प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर, किसान नेताओं ने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेंगे और प्रवासी श्रमिकों के बारे में लोगों और मीडिया के सामने सच्चाई पेश करेंगे। केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों को बदनाम करने के लिए और देश के किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए यह नया कदम उठाया है। किसानों का हमेशा से प्रवासी श्रमिकों के साथ अच्छा संबंध रहा है। सरकार मज़दूर-किसान एकता से डरती है और संघर्ष को बांटना चाहती है।
पंजाब और हरियाणा से महिलाओं और युवाओं के कारवां दिल्ली के किसान मोर्चों पर अपनी ड्यूटी के अनुसार पहुंच रहे है। न केवल गांवों में, बल्कि शहरों में भी, लोग किसान मजदूर एकता के पक्ष में चौकों और मुख्य स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।