किसान आंदोलन : 26 मार्च के भारत बंद को सफल बनाओ!

राकेश टिकैत पर एफआईआर, संयुक्त किसान मोर्चा ने की निंदा

26 मार्च को दिल्ली की सीमाओं पर लगातार जारी धरनों के 4 महीने हो जाएंगे। 23 मार्च के शहीदी दिवस कार्यक्रमों के बाद ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने देशवासियों से अपील की है कि वो 26 मार्च को पूर्ण भारत बंद को सफल बनायें। मोर्चा कर्नाटक के शिवमोगा में किसान नेता राकेश टिकैत पर नाजायज एफआईआर की नींद की है।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा है कि सरकार किसानों की माँग मानने की बजाय इसे पूरी तरह बदनाम कर रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए व तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। 28 मार्च को काले कानूनों का होलिका दहन होगा।

26 मार्च को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक देशभर में सभी सड़कें व रेल परिवहन, सभी बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे। हालांकि जिन राज्य में चुनाव होने जा रहे हैं वहां पर यह आवश्यक नहीं है।

किसान मोर्चा ने कहा कि वो देशवासियों से अपील करते हैं कि इस भारत बंद को सफल बनाकर अपने अन्नदाता का सम्मान करें।

बुधवार को श्री फतेहगढ़ साहिब में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब के किसान संगठनों और धार्मिक संगठनों की अगुवाई में हज़ारों किसानों ने भाग लिया।

किसान नेता राकेश टिकैत पर एफआईआर

किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ शिवमोगा में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में, टिकैत पर 20 मार्च 2021 को शिवमोग्गा में ऋचा (किसानों) महापंचायत में “उत्तेजक” भाषण करने का आरोप है।

किसान नेता शिवमोग्गा में एक विशाल सभा को संबोधित कर रहे थे। यह कर्नाटक में आयोजित पहली महापंचायत थी और अध्यक्षता राकेश टिकैत, डॉ दर्शन पाल, युधिवीर सिंह, चुक्की नजुंदस्वामी, कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने की थी।

टिकैत पर एफआईआर और विपक्ष पर हमले का विरोध

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि शिवमोगा में किसान नेता राकेश टिकैत पर नाजायज एफआईआर दर्ज की गई है जिसका हम विरोध व निंदा करते है। किसान मोर्चा बिहार विधानसभा में विपक्ष पर हुए हमले की भी निंदा करता है। भाजपा व सहयोगी दल विपक्ष की आवाज़ को दबाते हैं और उन्हें बदनाम करते है। हम चुने हुए प्रतिनिधियो पर पुलिस बर्बरता व नए जनविरोधी कानून का विरोध व निंदा करते हैं।

शहीदी दिवस पर सफल आयोजन

23 मार्च को शहीद दिवस पर देशभर में किसानों ने कार्यक्रम आयोजित किये। हरियाणा के भठगांव सोनीपत में मशाल जुलूस निकाला गया। मध्यप्रदेश के अशोकनगर में नौजवानों ने अपने खून से इंकलाब जिंदाबाद के नारे लिखे और बड़े स्तर पर ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन किया। ओडिशा के राउरकेला में शहीद दिवस पर किसानों ने कार्यक्रम रखे। उतराखण्ड के श्रीनगर गढ़वाल में AIDSO की अगुवाई में छात्रों ने किसानों के समर्थन में कार्यक्रम किये।

AIKKMS  द्वारा बलिया के निकासी से रसड़ा तक किसान यात्रा निकाली गई। AIKKMS की अगुवाई वाली किसान यात्राएं टीकरी बॉर्डर पहुंची व कुरुक्षेत्र व सोनीपत में भी रैली निकाली गई। पश्चिम बंगाल के उत्तरपाड़ा में ISFTU व PYL के कार्यकर्ताओं ने शहादत दिवस मनाया और 26 मार्च के भारत बंद के सफल आयोजन की अपील की। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में भी किसानो द्वारा शहीद दिवस पर कार्यक्रम हुए। NBS व AIKMS द्वारा प्रयागराज के घूरपुर से नारीबारी तक रैली निकाली गई व नुक्कड़ बैठके की गई।

चंडीगढ़ में AIDYO द्वारा रैली निकाली गई। विशाखापट्टनम में किसानों द्वारा शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। तेलंगाना के मचेरिअल में अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में शहीदी दिवस पर रैली और सभा हुई जिसमें तीन खेती कानूनो को रद्द कराने बिजली बिल 2020 वापस लेने और एमएसपी के लिए कानून बनाने की माँग उठाई गई।

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