सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूटा

जबरिया कनेक्शन काटने व बिजली बिलों में धांधली के खिलाफ धरना जारी

नेठराना (भादरा) बिजली कम्पनियों की मनमानी लूट, जबरन कनेक्शन काटने और ग्रामीणों पर झुठे मुकदमे के खिलाफ गांव नेठराना तहसील भादरा में धरना 11 मार्च को दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने के समर्थन में अलग-अलग इलाकों से ग्रामीणजन लगातार पहुँच रहे हैं और आंदोलन को मजबूती दे रहे हैं।

गौरतलब है कि बिजली बिलों में धांधली, गैरवाज़िब बिजली बिलों आदि मुद्दों के साथ प्रदेशव्यापी एकजुटता यात्रा के तहत 3 मार्च को जयपुर के बाईस गोदाम पर बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के आव्हान पर बड़ा विरोध प्रदर्शन और बिजली कम्पनियों की तानाशाही और राजस्थान सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरज़ोर विरोध हुआ था।

समिति ने 8 मार्च को जयपुर में राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन श्रीमंत पांडेय से वार्ता की और ज्ञापन दिया था। चेयरमैन ने संबंधित अधिकारियों को सूचित करने का आश्वासन दिया। 5 मार्च को समिति ने ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला से मुलाकात की थी, जिन्होंने प्रमुख शासन सचिव को रेफर करते हुए समस्या पर प्रशासनिक गौर करने का आश्वासन दिया था।

वार्ता सिर्फ एक दिखावा

समिति ने बताया कि ऊर्जा मंत्री और राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन से मुलाक़ात के ठीक अगले ही दिन बिजली आंदोलन के प्रमुख स्थान नेठराना व  कई अन्य गांवों (भादरा, हनुमानगढ़) में बिजली कर्मियों ने मनमानी की।

बिजली विभाग की एक बड़ी टीम नेठराणा गांव में लोगों के कनेक्शन काटने की कोशिश की। साथ में पुलिस फोर्स भी थी और आने से पहले उन्होंने इलाके की बिजली काट दी थी। लेकिन फिर भी गांव के लोग इकट्ठे हो गए और ज़ोरदार नारेबाजी के साथ विरोध किया और विभाग की टीम को अनान-फानन गांव से निकलना पड़ा।

संघर्ष समिति ने बिजली विभाग और ऊर्जा मंत्रालय पर दोगले रुख का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक तरफ तो ऊर्जा मंत्री स्वयं मंत्रालय के निर्देश पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संघर्ष समिति के साथ जयपुर में वार्ता करते हैं। दूसरी तरफ कनेक्शन काटने की बड़ी ड्रिल चलाई जाती है। इससे साफ है कि सरकार और प्रशासन का वार्ता में रूचि दिखाना महज़ एक दिखावा है।

सरकार-प्रशासन की दोगली नीति के खिलाफ धरना

सरकार और प्रशासन की दोगली नीति के खिलाफ संघर्ष समिति ने गोगामेड़ी सहायक अभियंता कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन व जनसभा करके नए आंदोलन की शुरुआत कर दी। गांव नेठराना तहसील भादरा में धरना इसी का परिणाम है।

धरने के समर्थन में ग्रामीणजन अलग अलग इलाकों, गांवों और ढाणियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आ रहे हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, चर्चा- विचार कर रहे हैं। लोगों में और भी तीखा व लंबा संघर्ष करने का जुनून देखने को मिल रहा है।

संघर्ष समिति ने बताया कि वे किसी भी कीमत पर हार नहीं मानेंगे व पूरे प्रदेश में बिजली विभाग की मनमानी लूट के खिलाफ संघर्ष करेंगे।

प्रमुख मांगें :-

संघर्ष समिति ने मांग की है कि कोरोना  चलते बिजली बिल माफ किये जायें व नाजायज बिलों को भरवाने के लिए आमजन पर कनेक्शन काटने का दबाव नहीं बनाया जाए, स्थायी शुल्क, विद्युत शुल्क व अन्य राशि के रूप में हो रही वसूली तुरंत बंद की जाए, प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए, घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत हटाये जाएं, बिजली सेवा का निजीकरण तुरंत रोका जाए व बिजली अधिनियम 2020 ख़ारिज किया जाए। बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के सदस्यों और गांव वालों पर लगाए गए झुठे मुकदमे ख़ारिज किये जाएं।

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