रेल किरायों या गैस-पेट्रोल दामों में बृद्धि जनता की भलाई के लिए!
आओ, ‘न्यू इंडिया’ में ‘गर्व करें’!
10 का प्लेटफॉर्म टिकट 50 रु में, पैसेंजर्स ट्रेन में एक्सप्रेस/स्पेशल के बराबर की किराया, कम दूरी की रेल यात्रा के किराए में बृद्धि, ट्रेनों में मंथली पास की सुविधा ख़त्म… यह सबकुछ जनता की भलाई के लिए है!… यही तो है ‘न्यू इन्डिया’…! ‘कल्याणकारी’ मोदी जमात के बेमिसाल तर्कों को बता रहें हैं वरिष्ठ विश्लेषक गिरीश मालवीय…
रेलवे द्वारा टिकट के दाम बढ़ाए जाने का मोदी सरकार एक्सप्लेनेशन यह दे रही है कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि कुछ राज्यों में हालात फिर से बिगड़ रहे हैं इसलिए शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेन में गैर-जरूरी भीड़ बढ़ने से रोकने के लिए किराये में बढ़ोतरी की गई है। रेलवे ने लोकल ट्रेनों के किराये में दोगुना तक बढ़ोतरी कर दी है।
अब यात्रियों से 10 की जगह 30 रुपये, 25 रुपये की जगह 55 रुपये, और 30 रुपये की जगह अब 60 रुपया किराया वसूला जाएगा। छोटे छोटे स्टेशनों पर भी प्लेटफार्म टिकट 50 रु का कर दिया गया है ताकि स्टेशनों पर भीड़ न उमड़े।
अब इस हिसाब से सरकार के फैसलों पर जो तर्क दिए जा सकते हैं वह भी देखिए-
पेट्रोल डीजल के दाम इसलिए बढ़ाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग पैदल चले, या यात्रा के लिए साइकिल इस्तेमाल करे इन दोनों उपायों से स्वास्थ्य सही रहता है, एक्सरसाइज हो जाती है। कोरोना काल मे इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पेट्रोल डीजल के दामो को बढ़ाना एक रणनीतिक कदम है।
एलपीजी सिलेंडर के दाम तीन महीने में 225 रु इसलिए बढ़ाए गए हैं ताकी व्यक्ति महीने में 2 दिन उपवास करे, उन दिनों गैस सिलेंडर का इस्तेमाल न करे, गैस सिलेंडर के उपयोग को हतोहत्साहित किया जा रहा है। इससे महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा की बचत होंगी, साथ ही अगर दो दिन व्यक्ति कम खाएगा तो हगेगा भी कम, इससे शौचालय भी साफ रखने में मदद मिलेगी, नाले से गैस का दोहन भी अच्छी तरह से किया जा सकेगा। दो दिन उपवास करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा उसकी इम्युनिटी पावर भी बढ़ेगी।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच जानबूझकर खराब बनाई गई है ताकि मैच दो ही दिन में खत्म हो जाए। मैच अहमदाबाद के पास मोटेरा में हो रहा है हम जानते हैं कि गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना सबसे अधिक फैला है दो दिन में मैच खत्म होगा तो कोरोना कम फैलेगा।
बंगाल में चुनाव इसलिए आठ चरणों मे करवाए जा रहे हैं क्योंकि वहाँ कोरोना सबसे कम फैला है, लोग कोरोना के कलकत्ता मॉडल की बात कर रहे हैं, वहाँ आठ चरणो में चुनाव होगा तो नेताओं की रैलियां भी ज्यादा होगी, रोड शो रैलियां ज्यादा हुई तो लोग ज्यादा से ज्यादा उसमे पार्टिसिपेट करेंगे, इस से पूरे देश मे और बंगाल में जो कोरोना मामलों का असमान वितरण है उसे सही करने में मदद मिलेगी।
तमिलनाडु में एक चरण में विधानसभा चुनाव इसलिए करवाए जा रहे हैं ताकि वहां कोरोना के मामलों में वृद्धि न हो पाए, तमिलनाडु में इस वक्त काफी तेजी से मामले सामने आए हैं इसलिए वहां कोरोना की रोकथाम के लिए एक ही चरण में चुनाव करवाना सही रहेगा, इससे कोरोना मामलों का राष्ट्रीय औसत भी सही रहेगा।
बेरोजगारो की बढ़ती संख्या भी एक इसी वृहद प्लान का हिस्सा है। लोग बेरोजगार होंगे तो वह काम पर नही जा पाएंगे, उनकी नोकरी छूट जाएगी तो वह अधिक से अधिक समय घर पर रहेंगे, या गाँव लौट जाएंगे, जहां के स्वच्छ वातावरण में उनकी इम्यूनिटी बेहतर होगी, इससे शहरों में सड़कों पर अनावश्यक भीड़ को काबू करने में मदद मिलेगी।
सरकार के और निर्णयों पर ऐसे ही तर्क दिए जा सकते हैं, लेकिन मुख्य बात यह है कि हमे गर्व करना है, इस मोदी सरकार पर हमें गर्व करना है, ‘गर्व करने’ के लिए भी एक राष्ट्रीय पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है। आशा है कि मोदी जी इस पर भी जल्द ही फैसला लेंगे ओर ‘गर्व करने’ को प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य बना देंगे!